ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल की शिकायतों का निस्तारण शत् प्रतिशत करें-डा0 नितिन बंसल

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शासन की नवीन प्राथमिकता वाले 37 बिन्दुओं की जिलाधिकारी ने की समीक्षा,बगैर अनुमति के कोई भी अधिकारी जनपद मुख्यालय छोड़कर बाहर न जाये।

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कल सायंकाल विकास भवन के सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार पाण्डेय, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ शासन की नवीन प्राथमिकता वाले 37 बिन्दुओं की समीक्षा की गयी।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से दवाओं की उपलब्धता, एम्बुलेन्स, टीकाकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान मित्र, गोल्डेन कार्ड, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देशित किया कि आयुष्मान गोल्डेन कार्ड के सम्बन्ध में प्रति सप्ताह कैम्प लगवाकर लोगों के अधिक से अधिक कार्ड बनवाये जाये जिससे उनका निःशुल्क ईलाज किया जा सके।

बैठक के दौरान एम्बुलेन्स एजेन्सी के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्माणाधीन गो आश्रय स्थल के निर्माण कार्यो के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने जानकारी प्राप्त की तो मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में कुल 44 गो आश्रय स्थल है जिनमें से 04 का निर्माण कार्य चल रहा है।

जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि कोई भी बेसहारा पशु सड़कों पर टहलता हुआ दिखाई न पड़े और यदि कोई बेसहारा पशु सड़कों पर घूमते हुये दिखाई दे तो उन्हें गो आश्रय स्थल में रखा जाये। उन्होने निर्देशित किया कि गो आश्रय स्थलों में बिजली, पानी, चारा आदि की व्यवस्था सुचारू ढंग से सुनिश्चित की जाये और शासन द्वारा जो धनराशि भेजी जा रही है उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र मदवार प्रस्तुत किया जाये और अभिलेखों का रख-रखाव ठीक ढंग से रखा जाये।

बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद में अब तक 05 अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को निःशुल्क गाय दी गयी है जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित कर जनपद में अतिकुपोषित बच्चों के परिवारों के अभिभावको ंको निःशुल्क रूप से गाय उपलब्ध करायी जाये जिससे अतिकुपोषित बच्चे कुपोषण मुक्त हो सके।

जिलाधिकारी ने सामुदायिक शौचालय, मिशन कायाकल्प, पंचायत भवन की समीक्षा की तो बताया गया कि 1207 सामुदायिक शौचालय बनने थे जिनमें से 666 पूर्ण हो चुके है और 05 अनारम्भ है एवं शेष का निर्माण कार्य चल रहा है। मिशन कायाकल्प योजना के अन्तर्गत कराये गये कार्यो की जियो टैगिंग न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि एडीओ पंचायत की बैठक बुलाकर मिशन कायाकल्प योजना के अन्तर्गत कराये गये कार्यो की जियो टैगिंग कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जाये।

ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर शिकायतों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि शिकायतों का शत् प्रतिशत निस्तारण कराना सुनिष्चित करें। दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा में पाया गया कि 310 दुग्ध सहकारी समितियां पंजीकृत है जिसमें 58 सक्रिय है जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देशित किया कि जो दुग्ध सहकारी समितियां अब तक सक्रिय नही है उन्हे नोटिस निर्गत किया जाये और यदि नोटिस देने के बाद भी सक्रिय नही होते है तो उन्हें निरस्त कर दिया जाये। इसी प्रकार समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग, विद्युत विभाग, उद्यान विभाग सहित आदि विभागों की समीक्षा की।

अन्त में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जो भी कल्याणकारी योजनाओं संचालित की जा रही है उसका शत् प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्ति को अवश्य मिले और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व उदासीनता न बरती जाये। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि बगैर अनुमति के कोई भी अधिकारी जनपद मुख्यालय छोड़कर बाहर न जाये।