लखनऊ, COVID 19, महामारी की वजह से भारत समेत लगभग पूरी दुनिया एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही है। इसके प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है कि हमारे पास सही जानकारी हो और हम सावधान तथा जागरूक रहें।
उत्तर प्रदेश में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 4703 नए मामले सामने आए हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट अब 80 फीसदी से अधिक हो गया है। प्रदेश सरकार ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह बात कही है।
उत्तर प्रदेश में सोमवार को कोविड-19 से 88 और मरीजों की मौत हुई है। सोमवार को राज्य की कोरोना रिपोर्ट जारी करते हुए अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश का रिकवरी रेट अब 80 फीसदी से अधिक हो गया है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश का रिकवरी रेट अब 80.69 फीसदी हो गया है।राज्य में संक्रमण के नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 3,58,893 हो चुकी है। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि कोविड-19 के 4,703 नये मामले सामने आये हैं जबकि अब तक 5,135 रोगियों की मौत हो चुकी है।
2 लाख 89 हजार से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं,उन्होंने बताया कि 2,89,594 मरीज ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुटटी मिल चुकी है। प्रदेश में 64,164 संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा है। प्रसाद ने बताया कि रविवार को उत्तर प्रदेश में एक लाख 35 हजार नमूनों की जांच की गई है।
प्रदेश में अब तक 86 लाख सैंपल्स की जांच राज्य में अब तक 86 लाख से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है। बता दें कि यूपी सरकार ने सितंबर के अंत तक राज्य में 1 करोड़ कोरोना मरीजों की जांच करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी में 13 मरीजों की मौत हुई। जबकि 1037 नए संक्रमित मिले। इससे पहले गत चार-पांच दिनों से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा एक हजार के ऊपर जा रहा था। जबकि मौतें भी रोजाना 12 से 18 तक हो रही थीं। बीते शुक्रवार को सर्वाधिक 1244 नए संक्रमित पाए गए थे।
वहीं शनिवार को भी 1160 नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई थी। मगर रविवार की रिपोर्ट आंशिक सुकून देने वाली थी। गत चार दिन में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब मौत के मामलों में कमी देखी गई। साथ ही रिकॉर्ड 1114 मरीजों को संक्रमण मुक्त घोषित किया गया। इन सभी को अगले सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।
कोरोना संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति मिलने के बाद एक तरफ जहां अस्पतालों और डॉक्टरों का बोझ कम हुआ, वहीं दूसरी तरफ मरीज भी मानसिक व आर्थिक राहत महसूस कर रहे हैं। करीब 70 फीसद से भी अधिक मरीज होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना वायरस को मात दे रहे हैं। इससे उनकी जेब भी ढीली होने से बच रही है। साथ ही उनके जरिए अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा भी नगण्य हो गया है। अपनों के बीच रहकर मरीज तनाव मुक्त भी हैं और जल्दी स्वस्थ भी हो रहे हैं।