गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने हेतु आसपास क्षेत्रों में साॅलिड एवं अन्य वेस्ट की डम्पिंग न की जाये-मुख्य सचिव

79

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मा0 एन0जी0टी0, नई दिल्ली में लम्बित प्रमुख वादों में पारित आदेशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई।हिण्डन नदी के दोआबा क्षेत्र में भू-जल प्रभावित 148 ग्रामों में से 103 ग्रामों में पाइप पेयजल परियोजना के अन्तर्गत स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का कार्य पूर्ण एवं अवशेष 45 ग्रामों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का कार्य 31 दिसम्बर, 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारितमा0 एन0जी0टी0 द्वारा पारित आदेशों के क्रम में शासन स्तर पर निर्गत निर्देशों का अनुपालन सम्बन्धित विभागों द्वारा तत्परता के साथ किया जाये।

समय-समय पर निर्गत आदेशों का समय से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी नियत की जाये।अवशेष समस्त कार्यों को समय से पूर्ण कराने हेतु समय-सारिणी का निर्धारण कर नियमित अनुश्रवण किया जाये।गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने हेतु गंगा नदी के आसपास क्षेत्रों में किसी भी तरह का साॅलिड एवं अन्य वेस्ट की डम्पिंग न की जाये।गंगा के समीपवर्ती चिन्हित 25 जनपदों में बायो-डायवर्सिटी पार्क की स्थापना का कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाये।

लखनऊ,  मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित बैठक में मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन0जी0टी0) द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन हेतु शासन स्तर से निर्गत निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में कृषि, नगर विकास, ग्राम्य विकास, नमामि गंगे, जल निगम सहित सम्बन्धित अन्य विभागों द्वारा प्रतिभाग किया गया। 

बैठक में अवगत कराया गया कि मा0 एन0जी0टी0 के आदेश के क्रम में उ0प्र0 जल निगम द्वारा पाइप पेयजल परियोजना के अन्तर्गत हिण्डन नदी के दोआबा क्षेत्र में भू-जल प्रभावित 148 ग्रामों में से 103 ग्रामों में स्वच्छ जल आपूर्ति कराने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं अवशेष 45 ग्रामों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का कार्य 31 दिसम्बर, 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया। मुजफ्फरनगर में 22 एमएलडी एवं बुढ़ाना में 10 एमएलडी एसटीपी की निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप मुजफ्फरनगर में 22 एमएलडी एसटीपी पर बाउण्ड्री वाल का कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। इसके अलावा सहारनपुर में 93.6 एमएलडी एसटीपी की डीपीआर नेशनल मिशन फाॅर क्लीन गंगा (एन0एम0सी0जी0), नई दिल्ली के अनुमोदनार्थ एवं धनराशि अवमुक्त करने हेतु प्रेषित की गई है।

उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दोषी उद्योगों पर 9.40 करोड़ रुपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है, जिसके विरुद्ध 3.75 करोड़ रुपये वसूली भी कर ली गई है। अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि मा0 एन0जी0टी0 द्वारा पारित आदेशों के क्रम में शासन स्तर पर निर्गत निर्देशों का अनुपालन सम्बन्धित विभागों द्वारा तत्परता के साथ किया जाये। समय-समय पर निर्गत आदेशों का समय से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी नियत की जाये।

मुख्य सचिव ने कहा कि अवशेष समस्त कार्यों को समय से पूर्ण कराने हेतु समय-सारिणी का निर्धारण कर नियमित अनुश्रवण किया जाये। उन्होंने कहा कि लम्बित प्रस्तावों पर एन0एम0सी0जी के अधिकारियों से समन्वय कर यथाशीघ्र अनुमोदन प्राप्त किया जाये। गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने हेतु गंगा नदी के आसपास क्षेत्रों में किसी भी तरह का साॅलिड एवं अन्य वेस्ट की डम्पिंग न की जाये एवं पुराने जमा कचरों को भी साफ किया जाये। गंगा के समीपवर्ती चिन्ह्ति 25 जनपदों में बायो-डायवर्सिटी पार्क की स्थापना का कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाये। 

उन्होंने रिहायशी और कृषि भूमि पर बनी औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं के सम्बन्ध में जल्द से जल्द पुख्ता कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रामसार की अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की 07 वेटलेण्ड को संरक्षित करने की कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण करायी जाये। इसके अतिरिक्त ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु अतिरिक्त कदम उठाने पर भी चर्चा की गई तथा आवश्यक निर्देश भी दिये गये।  बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सुधीर गर्ग, सचिव नगर विकास अनुराग यादव सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। बैठक का संचालन एवं प्रस्तुतीकरण उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य सचिव आशीष तिवारी द्वारा किया गया।