पी0 चिदंबरम और विनय सहस्त्रबुद्धे जैसे सांसदों को अतिथि बनाने की हिम्मत सीपी जोशी ही दिखा सकते हैं

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कांग्रेस के पी0 चिदंबरम और भाजपा के विनय सहस्त्रबुद्धे जैसे सांसदों को अतिथि बनाने की हिम्मत सीपी जोशी जैसे विधानसभा अध्यक्ष ही दिखा सकते हैं।

राजस्थान विधानसभा में महामारी और लोकतंत्र के समक्ष चुनौती विषय पर हुई सेमीनार। स्वास्थ्य खराब होने की वजह से गहलोत शामिल नहीं हुए।

 

एस0 पी0 मित्तल

राजस्थान ।  राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने एक बार फिर साबित किया है कि वे लीक से हट कर काम करने वाले इंसान हैं। 16 जुलाई को विधानसभा में महामारी और लोकतंत्र के समक्ष चुनौती विषय पर एक सेमिनार हुई। जोशी ने इस सेमिनार में अतिथि के तौर पर कांग्रेस के सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम और भाजपा के सांसद तथा संघ के विचारक विनय सहस्त्रबुद्धे से भाषण कराए। सब जानते हैं कि पी चिदंबरम कांग्रेस के उस जी 23 समूह के सदस्य हैं जिन्होंने गांधी परिवार के नेतृत्व या कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां की हैं, यही वजह है कि पी चिदंबरम की गांधी परिवार से दूरियां बनी हुई है। इसी प्रकार भाजपा के राज्यसभा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे जाने माने विचारक है। संघ और भाजपा में जब भी कोई वैचारिक कार्यक्रम होता है तो सहस्त्रबुद्धे से ही भाषण करवाया जाता है। सहस्त्रबुद्धे विद्यार्थी परिषद में भी काम कर चुके हैं।

आमतौर पर प्रदेश में जिस राजनीतिक दल की सरकार होती है, उसी दल की अनुकूलता के अनुरूप विधानसभा में भी सेमिनार आदि के कार्यक्रम होते हैं। लेकिन सीपी जोशी ने राजस्थान विधानसभा में संभवत: एक परंपरा की शुरुआत की है। इसमें कोई दो राय नहीं कि पी चिदंबरम एक योग्य राजनीतिज्ञ हैं और उन्हें आर्थिक क्षेत्र का खास अनुभव रहा है। लम्बे अरसे तक देश के वित्त मंत्री भी रहे हैं, इसलिए उनका संबोधन प्रदेश के विधायकों के लिए लाभदायक होगा। इसी प्रकार विनय सहस्त्रबुद्धे की उपस्थिति और संबोधन भी विधायकों के लिए उपयोगी है। सहस्त्रबुद्धे तो ज्ञान का भंडार है। सेमिनार के दो सत्र रखे गए। पहले सत्र में पी चिदंबरम का संबोधन हुआ तो दूसरे सत्र में सहस्त्रबुद्धे का। इसलिए दोनों विद्वानों का आमना सामना नहीं हुआ।

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अपने संबोधन में कहा भी कि भले ही राजनीतिक मतभेद हो, लेकिन देश के निर्माण में कोई मतभेद नहीं है। चिदंबरम जहां, देश की आर्थिक नीतियों को समझते हैं, वहीं सहस्त्रबुद्धे मौजूदा समय में केन्द्र सरकार चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जोशी ने कहा कि प्रदेश के विधायकों का सौभाग्य है कि उन्हें अलग अलग विचारों वाले विद्वानों का विचार सुनने को मिल रहे हैं। जोशी ने अपने संबोधन में चिदंबरम की सरलता की भी प्रशंसा की। जोशी ने कहा कि उन्होंने चिदंबरम के समक्ष स्टेट प्लेन भेजने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन चिदंबरम ने इंकार कर दिया। चिदंबरम सामान्य फ्लाइट से दिल्ली से जयपुर आए और अब 17 जुलाई को सुबह सामान्य फ्लाई से ही दिल्ली जाएंगे।

सीएम का स्वास्थ्य खराब:-

      सेमीनार में सीपी जोशी ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत को भी आना था। उन्होंने अपनी सहमति भी दे दी थी, लेकिन अचानक उनका स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वे सेमिनार में नहीं आए। लेकिन सेमिनार की सफलता के लिए सीएम ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की है। जोशी ने सीएम की अनुपस्थिति को भले ही उनके स्वास्थ्य से जोड़ा हो, लेकिन राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि वैचारिक मतभेद होने के कारण ही सीएम गहलोत सेमिनार में उपस्थित नहीं हुए।