प्रदेश में सभी तटबंध सुरक्षित, कहीं भी चिंताजनक परिस्थिति नहीं-अनिल राजभर

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  • मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ ग्राम स्तर पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा क्लोरीन टैबलेट का वितरण करने के निर्देश।
  • जनपद मुख्यालय पर आपदा कंट्रोल रूम को 24 घंटे संचालित करने के साथ-साथ बाढ़ राहत के संबंध में तत्परता से कार्यवाही करने के निर्देश दिये। 
  • प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित, कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं,बाढ़ प्रभावित जनपदों मं सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 10 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 की 07 टीमें, पी0ए0सी0 की 09 टीमें व प्लाटून की 01 टीम तैनात की गयी।
  • प्रदेश में 384 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकी स्थापित बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट में 17 प्रकार की सामग्री वितरित की जा रही।
  • प्रदेश में 518 पशु शिविर स्थापित तथा 7,46,998 पशुओं का किया गया टीकाकरण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4804 कुंतल भूसा वितरित किया गया।
  • वर्तमान में प्रदेश के 14 जनपदों के 431गांव बाढ़ से प्रभावित गंगा नदी गायघाट (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।
  • आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी,बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होने पर जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क करें।
     लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए ग्राम स्तर पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा क्लोरीन टैबलेट का वितरण करने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि मुख्यमत्रंी जी ने जनपद मुख्यालय पर आपदा कंट्रोल रूम को 24 घंटे संचालित करने के साथ-साथ बाढ़ राहत के संबंध में तत्परता से कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।

      बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 10 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 की 07 टीमें, पी0ए0सी0 की 09 टीमें व प्लाटून की 01 टीम तैनाती की गयी है। 175 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।

     बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,85,668 खाद्यान्न किट व 3,43,219 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 350 मेडिकल टीम लगायी गयी है।

     राजभर ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 384 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 14 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर) के 431 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। गंगा नदी गायघाट (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 518 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,46,998 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,804 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।