“भारत रत्‍न” प्रणब मुखर्जी का निधन,देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है, वो 84 वर्ष के थे, पिछले कुछ हफ़्तों से दिल्ली में सेना के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती थे। वे मस्तिष्क में रक्त के एक थक्के के ऑपरेशन के लिए अस्पताल गए थे जहाँ वो जाँच में कोरोना पॉज़िटिव भी पाए गए थे। 10 अगस्त को उन्होंने स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। सर्जरी के बाद पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी कोमा में चले गए थे और आर एंड आर अस्पताल रोज़ाना उनके स्वास्थ्य की जानकारी दे रहा था। सोमवार को शाम पौने छह बजे के क़रीब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट करके उनकी मौत की पुष्टि की।

राजनीतिक सफर
पहली बार   राज्यसभा सांसद  1969
पहली बार   केंद्रीय मंत्री    1973
पहली बार   कैबिनेट मंत्री    1984
पहली बार   लोकसभा सांसद  2004

कई दिनों  से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गहन कोमा में थे। 84 वर्षीय मुखर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया था और फेफड़े में संक्रमण का इलाज किया जा रहा था। मुखर्जी के निधन की जानकारी उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी है। पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सरकार की ओर से सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। पूरे भारत में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक यह शोक मनाया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर आज आरआर अस्पताल में ही रहेगा। कल 10 राजाजी मार्ग स्थित निवास स्थान पर पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने गहरा दुख जताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा है। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वे बेहतरीन स्कॉलर थे, राजनीतिक समुदाय में हर कोई करता था उनका सम्मान करता था। पीएम मोदी ने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर बहुत दुख हुआ। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उत्कृष्टता से एक विद्वान, एक राजनेता, वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम भर में और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसा की गई थी।

 भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के जाने पर पूरे देश में शोक की लहर है। नेताओं से लेकर आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है। राष्ट्रपति को महामहिम कहे जाने की रीति से ऐतराज करने वाले प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे। उनका राजनीतिक जीवन 40 सालों से भी ज्यादा लंबा रहा है। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्होंने विदेश से लेकर रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री तक की भूमिका निभाई।

प्रणब दा को सम्मान
भारत रत्न        2019
पद्म विभूषण        2008
सर्वश्रेष्ठ सांसद            1997
सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री        1984

राजनीति के ‘दादा’

1969 पहली बार राज्यसभा सदस्य
1973 इंदिरा गांधी सरकार में उप मंत्री
1975 दूसरी बार राज्यसभा सांसद
1981 तीसरी बार राज्यसभा सांसद
1984 इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री
1984 सर्वे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री
1991 योजना आयोग के उपाध्यक्ष
1993 चौथी बार राज्यसभा सांसद
1995 नरसिम्हा राव सरकार में विदेश मंत्री
1999 पांचवी बार राज्यसभा सांसद
2004 पहली बार लोकसभा सांसद
2004 यूपीए-1 सरकार में रक्षा मंत्री
2006 यूपीए-1 सरकार में विदेश मंत्री
2009 यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री
2012 भारत के 13वें राष्ट्रपति बने
2017 राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म।