यूपी का बढ़ा हरित क्षेत्र

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यूपी का बढ़ा हरित क्षेत्र
यूपी का बढ़ा हरित क्षेत्र

बीते छह साल में सवा नौ फीसदी बढ़ा है यूपी का हरित क्षेत्र, बाघों की भी बढ़ गई संख्या।भारतीय वन सर्वेक्षण कि रिपोर्ट के अनुसार यूपी में वनाच्छादन एवं वृक्षाच्छादन क्षेत्र में खासा इजाफा हुआ है। यूपी का बढ़ा हरित क्षेत्र

लखनऊ। प्रदेश की सत्ता संभालते ही पर्यावरण को लेकर गंभीर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक जोर प्रदेश की हरितिमा बढ़ाने पर दिया। इसी का नतीजा है कि वृक्षारोपण महाभियान 2023 से पहले ही योगी सरकार 2017-18 से लेकर 2022-23 तक यूपी में कुल 136.98 करोड़ पौधे रोपने का रिकॉर्ड कायम कर चुकी है। इसमें वन विभाग की ओर से जहां 49.88 करोड़ पौधे रोपे जा चुके हैं वहीं अन्य विभागों की ओर से 82.10 करोड़ पौधे बीते वर्ष तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रोपे जा चुके हैं। बीते छह साल की बात करें तो 2017-18 में 5.72 करोड़, 2018-19 में 11.77 करोड़, 2019-20 में 22.60 करोड़, 2020-21 में 25.87 करोड़, 2021-2022 में 30.53 करोड़ और 2022-23 में 35.49 करोड़ पौधे रोपित किये जा चुके हैं। यही कारण है कि भारतीय वन सर्वेक्षण कि रिपोर्ट के अनुसार यूपी में वनाच्छादन एवं वृक्षाच्छादन क्षेत्र में खासा इजाफा हुआ है। जहां वनाच्छादन में कुल 417 वर्ग किलोमीटर (0.18 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है वहीं वृक्षाच्छादन में अबतक 377 वर्ग किलोमीटर (0.16 प्रतिशत) की वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। प्रदेश के संपूर्ण हरित क्षेत्र में वृद्धि की बात करें तो 9.23 प्रतिशत की कुल वृद्धि के साथ ही इसमें 794 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हो चुकी है।

न सिर्फ बढ़ी हरियाली, जीवों को भी मिला संरक्षण


बीते छह साल से जारी पौधरोपण महाभियान का ही नतीजा है कि प्रदेश के हरित क्षेत्रफल में ना सिर्फ वृद्धि दर्ज की गई है, बल्कि वृक्षों के समुचित संरक्षण के फलस्वरूप वन्य जीवों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। प्रदेश में राष्ट्रीय पशु बाघ की संख्या विगत पांच साल में 118 से बढ़कर 173 हो गयी है। इसी प्रकार हाथियों की संख्या भी 265 से बढ़कर 352 हो गयी है। यही नहीं राज्य पक्षी सारस की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विगत पांच वर्षों में सारस की संख्या 13,670 से बढ़कर 17,586 हो गयी है।

पर्यावरणीय असंतुलन को खत्म करने में मिलेगी मदद


योगी सरकार प्रदेश में विभिन्न प्रजातियों के पौधों को रोपित करने पर विशेष फोकस कर रही है, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन को खत्म करने के साथ ही समावेशी विकास की अवधारणा को भी बल प्रदान किया जा सके। इसके तहत सागौन, शीशम, जामुन, अर्जुन, अमरूद, सहजन, आंवला, नीम और बांस जैसे वृक्षों को रोपने पर सबसे ज्यादा बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में सबसे अधिक औद्योगिक एवं इमारती वृक्षों को लगाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा फलदार, औषधीय एवं सुगंधित, पर्यावरणीय और चारा, शोभाकार एवं अन्य पौधों को प्रदेश के हर हिस्से में रोपित किया गया है।