जायके में महंगाई का तड़का

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जायके में महंगाई का तड़का
जायके में महंगाई का तड़का

जायके में महंगाई का तड़का, अरहर दाल के भाव बढ़े, जीरा की दोगुनी छलांग। जायके में महंगाई का तड़का

खाद्य तेलों के दामों में कमी आने से जहां लोगों ने राहत की सास ली है तो वहीं दाल के भाव ने उन्हें परेशान कर दिया है। दो सप्ताह में अरहर की दाल में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। करीब 115 रुपये प्रति किलो मिलने वाली दाल अब 140 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। वहीं मसाले व तड़का लगाने में प्रयोग किए जाने वाले जीरे के दाम में करीब दोगुने की वृद्धि हुई है।मसालों और दाल की बढ़ती कीमत ने जायके में महंगाई का तड़का लगा दिया है। लाल मिर्च, जीरा और लौंग की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। जीरे की कीमतों में सबसे ज्यादा तेजी दिख रही है। यह अब तक के सबसे अधिक मूल्य पर बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि देश के कई हिस्सों में बारिश की वजह से जीरे की पैदावार पर असर पड़ा। दूसरे जीरा भारत से बाहर भी बड़ी मात्रा में भेजा जाता है।


दाल-रोटी खाने वाले को एक बार फिर महंगाई का झटका लगा है। बीते दो माह से स्थिर रहा आटे का भाव भी दो रुपये प्रति किलो बढ़ गया है। 29 रुपये में मिलने वाला आटा 32 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। वहीं 350 रुपये प्रति किलो की दर से मिलने वाला जीरा अब 600 से 800 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। सौंफ के दामों में भी करीब 150 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है। हालांकि अन्य मसालों के दाम स्थिर हैं। सरसों के तेल के दामों में करीब 30 रुपये की कमी आई है। एक लीटर तेल अब पुराने दाम 115 रुपये तक पहुंच गया है। रिफाइंड भी 145 से घटकर 120 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया। रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले चावल के दाम फिलहाल स्थिर हैं।


राशन के फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि दाल, जीरा, आटा आदि खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं। थोक विक्रेता शिवांश ने बताया कि राजस्थान से आने वाली दालों के दामों में इजाफा होने के चलते अन्य दालों के दाम बढ़े हैं। जीरा के दामों में भारी वृद्घि का कारण आयात में कमी बताया जा रहा है।दाम कम होने के आसार नहीं दलहन, मसालों और सूखे मेवों में आई तेजी कब कम होगी इसको लेकर कोई भी सटीक बातें सामने नहीं आ रही हैं। हो सकता है कि आने वाले दिनों में दाम में और भी तेजी देखने को मिले। जायके में महंगाई का तड़का