विभागीय बजट की सतत समीक्षा करने के निर्देश

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मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के बजट के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की
केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में भारत सरकार को शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित करने के निर्देशउपयोगिता प्रमाण-पत्र को समय पर उपलब्ध कराने से सम्बन्धित योजना के आगामी चरण हेतु केन्द्रांश की धनराशि भारत सरकार से अवमुक्त होगी


लखनऊ –
आज यहां अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के बजट के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री जी के समक्ष वर्तमान बजट वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत अब तक जारी स्वीकृतियों एवं व्यय का लेखा-जोखा, भारत सरकार से प्राप्त धनराशि तथा अवशेष धनराशि की प्राप्ति हेतु किए गए प्रयासों और उसके उपयोग की स्थिति का विवरण प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अधिकारियों को केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में भारत सरकार को शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उपयोगिता प्रमाण-पत्र को समय पर उपलब्ध कराने से सम्बन्धित योजना के आगामी चरण हेतु केन्द्रांश की धनराशि भारत सरकार से अवमुक्त होगी। केन्द्र सरकार से समन्वय स्थापित करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन की अवशेष धनराशि शीघ्र प्राप्त की जाए। इससे प्रदेश में योजनाओं को तेज गति से पूरा करने में मदद मिलेगी।


केन्द्र सरकार से समन्वय स्थापित करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन की अवशेष धनराशि शीघ्र प्राप्त की जाए, इससे प्रदेश में योजनाओं को तेज गति से पूरा करने में मदद मिलेगी,मुख्यमंत्री के समक्ष वर्तमान बजट वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत अब तक जारी स्वीकृतियों एवं व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया।विभागीय बजट की सतत समीक्षा करने के निर्देश। सम्पूर्ण बजट धनराशि का सदुपयोग करते हुए राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए।समस्त कार्य निर्धारित दिशा-निर्देशों, मानकों एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप क्रियान्वित हों,भारत सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट तैयार किया जा रहा है, इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार के सभी सम्बन्धित विभाग अपने-अपने प्रस्ताव केन्द्र को शीघ्र प्रेषित करें।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 समापन की ओर है। चालू वित्तीय वर्ष का अन्तिम त्रैमास प्रारम्भ हो गया है। इसके दृष्टिगत उन्होंने अधिकारियों को विभागीय बजट की सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के मंत्रिगण अपने अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों के साथ बैठक कर विभाग के बजट की स्थिति की समीक्षा करें।

सम्पूर्ण बजट धनराशि का सदुपयोग करते हुए राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि समस्त कार्य निर्धारित दिशा-निर्देशों, मानकों एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप क्रियान्वित हों। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट तैयार किया जा रहा है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार के सभी सम्बन्धित विभाग अपने-अपने प्रस्ताव केन्द्र को शीघ्र प्रेषित करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के माध्यम से विद्युतीकरण के कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए।

कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए। इसकी सतत समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखा जाए। ओवरबिलिंग और स्मार्ट मीटर से जुड़ी की शिकायतें बन्द हों। मीटर रीडरों की भी जवाबदेही तय हो। साथ ही, जिन संस्थाओं से विद्युत की खरीद की जा रही है, उनका समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मीटर रीडरों की लोकेशन लेने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है। इस प्रकार अब सभी मीटर रीडरों की लोकेशन जी0पी0एस0 के माध्यम से माॅनीटर की जा रही है। मुख्यमंत्री ने शासकीय विभागों के बकाया बिजली बिल के भुगतान की एकीकृत व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय तथा ग्राम सचिवालयों के निर्माण सम्बन्धी कार्यों में तेजी लायी जाए। योजनाओं का एस्टीमेशन तर्कसंगत होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश स्थित भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र की सड़क परियोजनाएं शीघ्रता से पूरी की जाएं। इसमें विशेषज्ञों की मदद ली जाए। सरयू नहर परियोजना और मध्य गंगा नहर परियोजना को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों का चिन्हांकन कर उन्हें मकान उपलब्ध कराया जाए। ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ सरकार की प्रतिबद्धता है। आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मकानों की मांग का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रदेश के राजकीय इण्टर कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की बड़ी प्रतिष्ठा रही है। वर्षों पुराने इन कई कॉलेजों के भवन अब जर्जर हो चुके हैं। विस्तृत कार्ययोजना बनाकर इन भवनों का जीर्णोद्धार कराया जाए। कॉलेजों में अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर करने के लिए पुरातन छात्र परिषदों को सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में जब तक स्थायी शिक्षक न आएं, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था संचालित रहे। प्रदेश में बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। इन प्रयासों को और गति प्रदान की जाए।

स्मार्ट सिटी योजना की गति को तेज किए जाने की आवश्यकता है। कतिपय स्थानीय समस्याओं के निराकरण में अधिकारी तत्परता से कार्य करें। शासन की नीतियों के अनुरूप विभिन्न संस्थाओं को जो भी इंसेन्टिव जारी किए जाने हैं, उनमें विलम्ब न किया जाए। उन्होंने कहा कि निवेशकों को समयबद्ध ढंग से इंसेन्टिव अथवा छूट आदि के प्राविधान का लाभ सुनिश्चित कराया जाए। ऐसे कार्यों की सतत समीक्षा भी की जाए। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित किए जाने के निर्देश दिए।

प्रदेश सरकार हर नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध  कराने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रही है। जनहित के दृष्टिगत बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र में संचालित ‘जल जीवन मिशन’ अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे’ परियोजना के कार्यों को प्राथमिकता के साथ कराया जाए। उन्होंने ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ के लिए भूमि अधिग्रहण के कार्य को तत्परता के साथ किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिले। पहले से लाभ उठा रहे लोगों की पात्रता सम्बन्धी जांच सुनिश्चित की जाए। कोई भी जरूरतमंद जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित न रहे।

पराली प्रबन्धन और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट के लिए समन्वित कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि पराली प्रबन्धन के लिए केन्द्र सरकार की सहायता प्राप्त हो रही है। इसका अधिक से अधिक लाभ उठाया जाए। स्वास्थ्य सुविधाओं सहित चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सभी 75 जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन 13 जनपदों में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना प्रस्तावित है, वहां शिलान्यास करते हुए शीघ्रता से कार्य प्रारम्भ किए जाएं।

बैठक में बेसिक शिक्षा, ऊर्जा, गृह-पुलिस, पंचायतीराज, लोक निर्माण, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सिंचाई एवं जल संसाधन, ग्राम्य विकास, खाद्य एवं रसद, माध्यमिक शिक्षा, राजस्व अभाव एवं दैवीय आपदा, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, समाज कल्याण-जनजाति कल्याण, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, बाल विकास एवं पुष्टाहार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, चिकित्सा शिक्षा, कृषि, न्याय, उच्च शिक्षा, महिला कल्याण, नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, आवास एवं शहरी नियोजन होमगाड्र्स (गृह) तथा पशुपालन विभाग की समीक्षा की गई।