व्यवसाय बढ़ाने को तत्पर सरकार -नवनीत सहगल

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अयोध्या , उ0प्र0 सरकार द्वारा स्वरोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार से मिलकर समन्वय के साथ कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में रोजगार मुहैया कराने के क्षेत्र में अनेक अग्रणी संस्था, स्वंय सेवा संगठन कार्य कर रहे है। जिसमें तालीम ओ तर्वियत एक संस्था है इसके प्रमुख जफर सरेशवाला जो उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के पूर्व उप कुलपति रह चुके है इस संस्था, उ0प्र0 सरकार के लघु उद्योग विभाग एवं डा0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के तत्वावधान में विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में कार्यशाला की शुरूवात की गई जिसमें प्रमुख बैंकर्स, बैंक के प्रतिनिधि एवं युवा छात्र-छात्राओ ने भाग लिया इसका मुख्य उद्देश्य लोगो को योग्यता के आधार पर रोजगार देने का केन्द्र के रूप में विकसित होना है।

औपचारिक शुभारम्भ उ0प्र0 सरकार के अपर मुख्य सचिव सूचना एवं लघु उद्योग डा0 नवनीत सहगल ने किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा अनेक क्षेत्रो में व्यवसाय को बढ़ाने में कार्य किये गये है इसमे मुख्य प्राथमिकता है कि अपनी शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल, इन्टर या अन्य उच्च शिक्षा के आधार पर रोजगार उद्यम के लिए पे्ररित करना है। वर्तमान में कोरोना काल में निजी एवं सरकारी क्षेत्रो में नौकरियो में कमी आई है। जिसमें हमे एक उद्योग यूनिट से यदि 05 लोग रोजगार पाते है तो ऐसे में लघु उद्योग के साथ राॅ-मैटेरियल बनाने में विशेष मदद मिलती है तथा इससे रोजगार का कलस्टर बन जाता है। आगामी दिनो में हमें 31 हजार करोड़ खर्च कर 20 हजार लोगो को रोजगार देना है।

जिसमें उद्यमी के लिए प्रदान किये जाने वाला ऋण भी शामिल है इसी कड़ी में लगभग 4.37 लाख लघु उद्योग इकाइयो को 11 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जायेगे। इसी प्रकार 04 लोन मेलो के माध्यम से 6.47 लाख नई उद्योग इकाइयो के स्थापना में 20 हजार करोड़ रूपये के ऋण उपलब्ध कराये गये है। हमारी वर्तमान सरकार कि यह प्राथमिकताओ में एक है। इसके पीछे हमारा उद्देश्य युवको को रोजगार के लिए दूसरे क्षेत्रो में भागना न पड़े इसीलिए इस कार्यक्रम को विश्वविद्यालय में आयोजित करने का निर्देश दिया है जिससे कि युवाओ को ऐसी कार्यशाला से लाभ मिल सके।

हमारा उद्देश्य है कि युवा ज्यादा योग्यता के चक्कर में न पड़े जो उसके पास जो योग्यता है उस पर गर्व करे उसी से उद्यमी प्रवृति का विकास करे। वर्तमान में व्ल्व् ग्रुप होटल अपने आप में एक माॅडल बन चुका है तथा वे अपने स्वंय की जागृति से साम्राज्य खड़ा किया है। ऐसे ही फिलिप कार्ड, अमेजन आदि अनेक उद्यमी है जो परम्परागत रूप से उद्योगपति की श्रेणी में नही आते जैसे टाटा बिड़ला, अम्बानी, अडानी लेकिन अपने उद्योग का उन्होंने 40-45 साल की ही उम्र में एक साम्राज्य खड़ा कर लिया है जो युवा उद्यमी को पे्ररित किया है, जो अपने आप में एक अभिनव प्रयोग है। यहाॅ पर उद्यमी को प्रोत्साहित करने वाले हैदराबाद से आए हुए जफर का मै स्वागत भी करता हूॅ तथा इनके साथ मेरी लखनऊ मे कल बैठक हुई थी उसी के क्रम में अयोध्या के सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए इसको हमने चयन किया। हमारे अयोध्या मण्डल में एक जनपद एक उत्पाद के अन्तगर्त अपने-अपने उत्पाद बेहतर स्थान बनाये हुए है। जिसमें अयोध्या का गुड़ उत्पाद, अम्बेडकरनगर, बाराबंकी का वस्त्र उद्योग, अमेठी का मूंज उत्पाद, सुल्तानपुर का मूंज एवं आयरन उत्पाद अपना बाजार में सम्मानित स्थान बनाये हुए है।

मुझे आशा है कि इस कार्यशाला/वर्कशाप से युवा पीढ़ी को लाभ होगा तथा उद्योग स्थापना में मदद मिलेगी। मण्डल एवं उद्योग विभाग के अधिकारी जो इस कार्यक्रम में उपस्थित है ऐसे उद्यमियो को प्रोत्साहित करे तथा उनको आगे बढ़ाये। डा0 सहगल ने मीडिया से भी इस क्षेत्र में रचनात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया। अपर मुख्य सचिव के आगमन पर विश्वविद्यालय परिसर में जिलाधिकारी श्री अनुज कुमार झा एवं विश्वविद्यालय के उप कुलपति डा0 रविशंकर सिंह ने स्वागत किया। जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव को इस कार्यशाला के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी तथा कहा कि इस जनपद के व्यवसायी एक जिला एक उत्पाद में बहुत उत्साहित है तथा इन्हे विशेषकर गुड़ के क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा सौफ, सोठ, मेवा आदि डालकर गुड़ का उत्पाद करने का आहवान किया।

जिलाधिकारी द्वारा इस अवसर पर कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये कहा कि युवक रोजगार प्राप्त करना चाहते है तो ऐसे कार्यशाला से लाभ लें तथा कौशल मिशन एवं अन्य जो कार्यक्रम चलाये जा रहे है उससे भी जुड़े। उक्त अवसर पर पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी ने अपने सम्बोधन में कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने के लिए महिला सशक्तीकरण के नाम पर अनेकों कार्यक्रम चलाये जा रहे है, पर महिलाओं ने अभी भी गृह कार्य को उद्योग का दर्जा नही मिला है। उनके कार्यो को महत्व दिया जाना चाहिए तथा घरेलू उद्योग पर आधारित महिलाओं के उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आना चाहिए।


भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव रूपीन्दर बरारने अपने सम्बोधन में कहा कि उद्योग से पर्यटन को जोड़कर जिसमें छोटे छोटे खिलौने बनाने तथा संस्कृति पर आधारित कलाकृत करने और उनका पर्यटन क्षेत्रों में बाजार उपलब्ध कराने की आवश्यकता बतलायी। इस कार्यशाला में अनेक प्रेरक, उद्यमियों एवं बैंक प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया। अन्त में उपकुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने उ0प्र0 सरकार और संस्था के प्रमुख को विवि में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उक्त अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति, उद्यमी, पत्रकार बंधु उपस्थित थे। विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये उद्योग विभाग के एक जनपद एक उत्पाद पर आधारित प्रदर्शनी स्टाल का अवलोकन किया तथा सराहना किया।