शिवपाल यादव का बड़ा दांव

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उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिये शिवपाल यादव ने बड़ा दांव चला है, उन्होने चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों के लिये दरवाजे खोल दियें हैं. शिवपाल यादव का बड़ा दांव, चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों के लिये खोले द्वार.

भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मजबूत गठबंधन खड़ा करने की कोशिश में जुटी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी  ने सोमवार को चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों के आवेदन आमंत्रित किये हैं. पार्टी महासचिव आदित्य यादव ने पार्टी पदाधिकारियों, जिला अध्यक्ष,मंडल प्रभारी और कार्यकर्ताओं को संबोधित पत्र में कहा है कि 31 जनवरी तक इच्छुक प्रत्याशियों के आवेदन पार्टी कार्यालय में जमा कर दें.

उन्होने कहा कि यह परिपत्र ज्यादा से ज्यादा आवेदकों तक पहुंचाये ताकि निर्धारित तिथि तक आवेदकों के आवेदन प्राप्त होना सुनिश्चित हो सके.इस बीच पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी संगठन को मजबूती प्रदान करने की कवायद मे जुटे पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये रणनीति तैयार कर रहे हैं, उनका मकसद चुनाव से पहले गैर भाजपा दलों को एक मंच पर लाने के साथ साथ तीन साल पुरानी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ बनाना है.

  • शिवपाल और अखिलेश अलग-अलग दलों से करेंगे गठबंधन
  • लोकसभा में शिवपाल के चलते सपा फिरोजाबाद सीट हारी थी
  • ओवैसी-शिवपाल-राजभर की तिकड़ी से कैसे निपटेंगे अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव की सियायी दूरियां इतनी बढ़ गई हैं चाचा-भतीजे आपस में गठबंधन करने को भी तैयार नहीं हैं. अखिलेश के प्रस्ताव को शिवपाल ने पूरी तरह से ठुकरा दिया है और अपने अलग सियासी समीकरण बनाने में जुटे हैं. शिवपाल ने साफ कह दिया है कि 2022 का चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे और सूबे के छोटे दलों के साथ अपना गठबंधन करेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि शिवपाल का अलग मैदान में उतरना अखिलेश यादव के लिए कितना बड़ा सियासी झटका होगा. 

शिवपाल यादव ने यूपी मिशन-2022 का आगाज सोमवार को मेरठ के सिवालखास से किया. गुरुवार से सूबे के गांव-गांव की यात्रा भी शिवपाल शुरू कर रहे हैं, जो छह महीने तक चलेगी. इतना ही नहीं शिवपाल ने भी अपने भतीजे अखिलेश की तर्ज पर छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाने की बात कही है. इस कड़ी में शिवपाल और ओम प्रकाश राजभर के बीच हाल ही में मुलाकात हुई है. इतना ही नहीं AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और शिवपाल यादव के बीच भी सियासी खिचड़ी पक रही है.  

ओवैसी ने शिवपाल के साथ गठबंधन करने के संकेत दिए हैं. ओवैसी ने कहा था कि शिवपाल यादव यूपी के बड़े नेता हैं, जल्द ही उनसे भी मिलेंगे और गठबंधन की बात करेंगे. वहीं, पिछले दिनों शिवपाल यादव भी ओवैसी की तारीफ कर चुके हैं. राजभर और ओवैसी के बीच गठबंधन तय हो गया है और माना जा रहा है कि शिवपाल भी इसका हिस्सा हो सकते हैं. इस तरह से शिवपाल, राजभर और ओवैसी एक साथ आते हैं तो सपा के लिए सूबे में सत्ता की वापसी कर पाना मुश्किल हो सकता है.