दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 22

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दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में 22 भारत के, उन 22 शहरों में से 11 शहर केवल यूपी के है।

सकारात्मक सोचने की जब जब कोशिश करें नकारात्मक ख़बर तबतक मिल ही जाती है। चिंताजनक बात यह है कि केवल पर्यावरण गुणवत्ता में ही हम फिसड्डी साबित नहीं हुए बल्कि इस वक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, भुखमरी, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, मीडिया विश्वसनीयता, महिला सुरक्षा, साम्प्रदायिक प्रदूषिता, जीडीपी, भ्रष्टाचार, विकास इत्यादि तमाम मामलों के आंकड़े चिंतनीय है।

उत्तर प्रदेश के, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, आगरा और मुजफ्फरनगर, राजस्थान में भिवाड़ी, हरियाणा में फरीदाबाद, जींद, हिसार, फतेहाबाद, बंधवाड़ी, गुरुग्राम, यमुनानगर, रोहतक और धारुहेड़ा और बिहार का मुजफ्फरपुर।


एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली का नाम दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया और सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि भारत के 22 देश का इस लिस्ट में नाम है। दुनिया के सबसे प्रदूषित 30 शहरों में से 22 भारत में हैं। इतना ही नहीं दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी शहरों की लिस्ट में टॉप पर है। स्विस संगठन IQ एयर की तरफ से तैयार और मंगलवार को जारी की गई वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट, 2020 में ये बात कही गई है।

पहले भी हम कोई अच्छी स्थिति में नहीं थे लेकिन अधिक मामलों में हम साल दर साल बेहतरी की तरफ बढ़े थे मगर पिछले कुछ सालों के आंकड़े तथा स्थिति केवल खराबी की तरफ जा रहे हैं और उनमें सुधार के भी कोई उपाय नहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऊपर से कोरोना को लेकर जिस तरह की खबरें बढ़ रही है यदि फिर से स्थिति बिगड़ती है तो उससे यह साबित हो जाएगा कि इस सरकार के बस में वाकई कुछ नहीं।

क्यों प्रदूषण भारत में ज्यादा है……?

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वायु प्रदूषण के कारण परिवहन, खाना पकाने के लिए बायोमास जलाना, बिजली उत्पादन, उद्योग, निर्माण, अपशिष्ट जलाना और समय समय पर पराली जलाना आदि हैं।एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में 20 से 40 फीसदी वायु प्रदूषण पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की वजह से होता है। हालांकि, साल 2020 में वायु प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई। अब 2021 में प्रदूषण फिर से अपने खतरनाक स्तर को छुता हुआ दिख रहा है।