अयोध्या, जनपद में पराली (धान का पुआल) व अन्य कृषि अपशिष्ट के जलाये जाने के कारण होने वाले पर्यावरण को रोकने हेतु जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के आदेश पर जनपद के सभी ग्रामो में जागरूकता एवं पराली न जलाये जाने के सम्बन्ध में सम्बन्धित लेखपाल का निर्देशित किया गया साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर कृषि विभाग के कर्मचारियो, विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी एवं तहसील स्तर पर तहसीलदार तथा सम्बन्धित थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है उक्त के पश्चात भी जनपद के कुछ कृषको द्वारा अनाधिकृत रूप से पराली (धान का पुआल) व अन्य कृषि अपशिष्टो को जलाया जा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि उक्त स्थिति को रोकने हेतु जनपद के 5 कृषको यथा-श्रीधर पुत्र छोटे लाल ग्राम सारंगापुर,सोहावल, राधेश्याम पुत्र रजू यादव, मंगलसी उपरहार,सोहावल, लियाकत अली पुत्र बाबू शाह, मंगलसी उपरहार,सोहावल, विजय कुमार पुत्र किशुन एव श्रीमती शान्ति देवी पत्नी श्री किशुन, मुस्तफाबाद, सोहावल, अयोध्या के विरूद्ध पराली जलाये जाने के सम्बन्ध में एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर सम्बन्धित लेखपाल द्वारा उनके खतौनी में दर्ज किया गया। साथ ही उक्त कृषको से दण्डात्मक कार्यवाही के क्रम में एन0जी0टी0 1981 के प्राविधानो के तहत फसल अवशेष जलाने पर 2 एकड़ के कृषको से 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ के कृषको से 5000 रुपये एवं 5 एकड़ से अधिक के कृषको से 15000 रुपये अर्थ दण्ड लगाते हुये उसकी वसूली की कार्यवाही की जा रही है।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा व मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार, ने जनपद के सभी कृषको बन्धुओ से अपील की है कि वे पराली (धान का पुआल) व अन्य कृषि अपशिष्टो के जलाये जाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोकने हेतु अपने खेतो में (धान का पुआल) व अन्य कृषि अपशिष्टो को न जलाये। कृषक बन्धु अपने फसल अवशेषो को जैविक खाद बनाने में उपयोग करे,जिससे उनके खेतो की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ ही फसल अवशेष को जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सके।