समाज कर्मों की आवाज़….. By - September 9, 2020 204 Share FacebookTwitterWhatsAppEmailPrintTelegram शब्दों से भी ऊँची होती है….“दूसरों को नसीहत देनातथा आलोचना करनासबसे आसान काम है….!सबसे मुश्किल काम हैचुप रहना औरआलोचना सुनना….”यह आवश्यक नहीं किहर लड़ाई जीती ही जाए….आवश्यक तो यह है किहर हार से कुछ न कुछ सीखा जाए….!!