बीमारी के कारण हिन्दू बने अखिलेश-स्वतंत्र देव सिंह

86

गजनी और गोरी जैसे रहे हैं पिछली सरकारों के शासन । मौसमी बीमारी के कारण  सीजनल हिन्दू बन गए हैं अखिलेश। धार्मिक अस्मिता से खिलवाड़ का कोई अवसर नहीं छोड़ा। रामलला व बाबा विश्वनाथ के दरबार में पापों के लिए माफी मांगे सपा प्रमुख। आज दीपोत्सव, देव दीपावली,होली, कृष्णजन्मोत्सव से है यूपी की पहचान। कावंड़ यात्रा और कुम्भ में बरसाए जाते हैं फूल। पूरे मन से होते हैं होली, दीवाली और दशहरा के आयोजन।

हिमांशु दुबे

लखनऊ। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश जी की सरकार के कृत्य मुगल आक्रांता गजनी और गोरी से कम नहीं हैं। उन्होंने भी देश को लूटा था और 2017 से पहले यह भी ऐसा ही करते आये हैं। मंदिरों के घण्टे-घड़ियाल बहती हवा से भी न बज जाएं इसके लिए भी पुलिसकर्मियों का पहरा उत्तर प्रदेश के लोगों ने देखा है। वे भूले नहीं हैं कि 2017 के पहले दुर्गा पूजा और रामलीला के पांडाल लगाने के लिए कैसी मिन्नतें करनी पड़ती थी। सरकारी संरक्षण में हमारी धार्मिक अस्मिता पर लगातार हुई चोट को भी यूपीवासी भूले नहीं हैं। 2017 के बाद यूपी में माहौल बदला है, आज कांवड़ यात्रा पर फूल बरसाए जाते हैं, कुम्भ की प्रशंसा दुनिया करती है। अयोध्या में रामलला भव्य मंदिर में विराजित होने वाले हैं, दीपोत्सव, देव दीपावली, होली और कृष्ण जन्मोत्सव के भव्य आयोजन यूपी की पहचान है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को कहा कि सपा मुखिया मौसमी बीमारी से ग्रसित हैं, जिसके प्रभाव के कारण वे सरकार के हर काम को खुद का काम बता रहे हैं। अब उन्हें काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी अपना बनवाया लग रहा है। लेकिन वे भूल गए हैं कि उन्होंने केवल हज हाउस का ही फीता काटा था। मंदिर जाने वालों पर तो सपा सरकार ने गोलियां चलवाई थी। अखिलेश जी! उत्तर प्रदेश की जनता यह भूली नहीं है, महादेव सब देख रहे हैं। 


श्री सिंह ने कहा कि अखिलेश जी को बाबा विश्वनाथ और रामलला के दरबार में जाकर माफी मांगनी चाहिए कि समाजवादी सरकार ने कारसेवकों पर किये गए अत्याचार तथा हिन्दू संस्कृति और सनातन पंथ पर किये जा रहे उनके हमलों पर प्रायश्चित करना चाहिए। उन्हें गुंडाराज, महिला हिंसा, भ्रष्टाचार को सरकारी संरक्षण दिए जाने के कृत्यों पर भी बाबा विश्वनाथ से माफी मांगनी चाहिए। 


श्री सिंह ने कहा कि अखिलेश जी समेत पूरा विपक्ष सीजनल हिन्दू बनने की प्रतिस्पर्धा में लगा हुआ है। ऐसा केवल चुनावी सीजन होने के कारण ही है, अन्य दिनों में सभी टोपी लगाकर घूमते नजर आएंगे। केवल चुनाव में ही विपक्ष को भगवान याद आते हैं। आस्था के ढोंगियों के हथकंडों को देश और प्रदेश की जनता समझ गई है, इसलिये वह इनकी चालबाजी में नहीं आने वाली है। 2022 के चुनाव में वो इसका जवाब देने के लिए वह एक बार फिर योगी सरकार बनाने का मन बना चुकी है।