बजट में समस्याओं का समाधान नहीं-अखिलेश यादव

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बजट में समस्याओं का समाधान नहीं-अखिलेश यादव
बजट में समस्याओं का समाधान नहीं-अखिलेश यादव

बजट में समस्याओं का समाधान नहीं-अखिलेश यादव

राजेन्द्र चौधरी

योगी सरकार ने आज अपना सातवां समग्र बजट पेश किया। बजट प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में पेश किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट 2023-24 को दिशाहीन बताया हैं। उन्होंने कहा कि,“बजट में ना समस्याओं का समाधान और ना ही भविष्य के किसी फैसले को आगे लेकर जाने का कोई मार्ग दिखता है।अखिलेश यादव ने बजट 2023 पर कहा कि,“1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का जो सपना इन्होंने दिखाया है तो मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जी विपक्ष और जनता को बताएंगे कि उन्होंने 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं।

बजट में समस्याओं का समाधान नहीं-अखिलेश यादव
बजट में समस्याओं का समाधान नहीं-अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार का राज्य का बजट भी दिशाहीन है। बजट में न आज की समस्याओं का समाधान है और न भविष्य की संभावना है। गांव, गरीब, किसान, नौजवान के लिए कुछ नहीं है। बजट निराशाजनक है। यह महिलाओं, किसानों, नौजवान को निराश करने वाला है। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने की बात करते हैं लेकिन वह बताएं कि प्रदेश की विकास दर क्या है? क्या इस विकास दर से यूपी की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर हो पाएगी। दिल्ली की सरकार ने किसानों और गांव को निराश किया प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी वैसा ही रवैया अख्तियार करते हुए किसानों और गांव को निराश किया है। बजट में किसानों और गांव के लिए कुछ नहीं है।

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अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की सरकार का यह सातवां बजट है। सरकार बताएं क्या किसानों की आय दोगुनी हुई? क्या किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत मिल रही है? सिर्फ बोल देने और भाषण देने से कुछ नहीं होता है। डीजल, पेट्रोल, कीटनाशक, खाद, बीज सब महंगा हो गया है। डीजल की महंगाई से आवागमन ही नहीं महंगा होता बल्कि सड़क, अस्पताल के निर्माण से लेकर खेती किसानी के कार्य सभी महंगे हो जाते हैं। इस इस बजट में नौजवानों की नौकरी रोजगार के लिए कुछ नहीं है। बजट में इन्वेस्टमेंट पॉलिसी या उद्योग धंधे लगाने के लिए कोई राहत पैकेज नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को केवल मेला लगाना आता है। बड़े उद्योगपतियों से मिल लेने से इन्वेस्टमेंट नहीं आता है। भाजपा सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को बर्बाद कर दिया है। प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं ईज आफ डूइंग क्राइम है। यूज़ ऑफ डूइंग मुकदमा है जो सच दिखाएगा और बोलेगा उस पर मुकदमा हो जाएगा।


    अखिलेश यादव ने कहा कि विकास के लिए बजट से अधिक दूरदृष्टि और इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। जिसका अभाव भाजपाई राजनीति में हमेशा से रहा है। इसलिए उत्तर प्रदेश के कई विभाग बीते साल के आवंटित बजट का आधा भी खर्च नहीं कर पाए। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पिछले साल के बजट का 50 फीसदी भी खर्च नहीं कर पाई कई विभाग, मंत्री मौन हैं। फिर इस भाजपा सरकार से कौन से विकास की उम्मीद की जा सकती है। भाजपा सरकार को छह साल काम करने का मौका मिला लेकिन वह जनता को कोई राहत नहीं दे पाई है। प्रदेश की एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट डाउन हुई है। बिजली महंगी हो गई है। माइक्रो इंडस्ट्रीज खत्म हो गई हैं

सरकार बहुत चतुराई से पीपीपी मॉडल पर अस्पताल दे रही है। जाति जनगणना के लिए कोई प्रावधान नहीं है। अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ों की उपेक्षा हुई है।श्री यादव ने कहा कि यह ऐसी सरकार है जो अपने किए वादे भी पूरे नहीं करती है। मुख्यमंत्री जी ने 5 करोड़ विधायक निधि करने की घोषणा की थी पर सदन में दिया गया वादा भी तोड़ दिया। लखनऊ-कानपुर मेट्रो एक इंच आगे नहीं बढ़ी। गन्ना किसानों के साथ लगातार धोखा किया। मां गंगा की सफाई का वादा भी झूठा निकला। जहां तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की बात है उसके निर्माण पर संकट घिरता नज़र आता है। अभी तक कोई नया स्टेडियम भी नहीं बना है। भाजपा का यह बजट जनविरोधी-विकास विरोधी है।

बजट में समस्याओं का समाधान नहीं-अखिलेश यादव