मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के साथ ही मौलिक कर्तव्यों की व्यवस्था: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने 73वें गणतंत्र दिवस पर अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण किया।मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल,नेताजी सुभाष चन्द्र बोस सहित देश की आजादी तथा बाहरी और आन्तरिक सुरक्षा हेतु सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों तथा प्रदेश को सुरक्षा से समृद्धि की ओर अग्रसर करने के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि दी।भारत के संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के साथ ही मौलिक कर्तव्यों की व्यवस्था। अधिकार और कर्तव्य के बीच का यह समन्वय भारत के संविधान को दुनिया के अन्य संविधानों में विशिष्ट बनाता है।भारत का संविधान तमाम सम-विषम परिस्थितियों के बावजूद न केवल देश के हर नागरिक को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा है, बल्कि एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में अपनी यात्रा को अनवरत आगे बढ़ा रहा।


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 73वें गणतंत्र दिवस पर आज यहां अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस सहित देश की आजादी तथा बाहरी और आन्तरिक सुरक्षा हेतु सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने प्रदेश को सुरक्षा से समृद्धि की ओर अग्रसर करने के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले जवानों को भी विनम्र श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। संप्रभु राष्ट्र को अपनी व्यवस्था के संचालन के लिए संविधान की आवश्यकता होती है। भारत के संविधान की रचना के लिए गठित संविधान सभा ने 26 नवम्बर, 1949 को संविधान तैयार किया, जिसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के साथ ही मौलिक कर्तव्यों की भी व्यवस्था की गई है। अधिकार और कर्तव्य के बीच का यह समन्वय भारत के संविधान को दुनिया के अन्य संविधानों में विशिष्ट बनाता है।

भारत के संविधान की कुछ विशिष्टताओं, विशेषकर आधी आबादी को पहले आम चुनाव से ही मतदान का अधिकार, जो प्राचीनतम लोकतंत्र कहे जाने वाले ब्रिटेन में महिलाओं को काफी बाद में मिला तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किए गए प्रावधानों ने दुनिया में अपनी छाप छोड़ी। यही कारण है कि भारत का संविधान तमाम सम-विषम परिस्थितियों के बावजूद न केवल देश के हर नागरिक को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा है, बल्कि एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में अपनी यात्रा को अनवरत आगे बढ़ा रहा है।

देशवासियों को भारतीय होने का गौरव प्रदान करने वाला भारत का संविधान, भारत की मूल भावनाओं का प्रतिनिधित्व भी करता है। आज जब देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, हम सभी को भारत की उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए। आज भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की मूल भावनाओं का सम्मान करते हुए देश का प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों के पूर्व, कर्तव्यों का निर्वहन करने लग जाए, तो भारत विश्व की एक महाशक्ति बनकर आगे बढ़ेगा, आज एक बार पुनः हम सभी को इस संकल्प के साथ जुड़ने की जरूरत है।मुख्यमंत्री ने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने के लिए भारत सरकार द्वारा विगत दिवस घोषित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले महानुभावों को भी बधाई दी।