कोरोना की भयावहता के बीच जांच घटाना जघन्य आपराधिक कृत्य

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कोरोना की भयावहता के बीच जांच घटाना जघन्य आपराधिक कृत्य और प्रदेश की लोगों के जान से ज्यादा आंकड़े कम करने के लिए जल्लाद बन चुकी है BJP सरकार.

अंशू अवस्थी

कोरोना महामारी की वजह से उत्तर प्रदेश के लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं और सरकार अभी भी सिर्फ आंकड़ों को छुपा रही है, और जांच कम की जा रही है ताकि संक्रमण के आंकड़े घट जाएं, उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने उच्च न्यायालय में इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने जांच घटा दी जबकि एक तरफ मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ जो अहंकार से चूर हैं जांच बढ़ाने की बात बार-बार कर रहे थे और दूसरी तरफ जांच को लगातार घटाया जा रहा है उच्च न्यायालय की नाराजगी और फटकार के बावजूद भी भाजपा सरकार आंकड़ों को छुपाने के लिए लोगों की जान लेने को तत्पर है, ऑक्सीजन और बेड का इंतजाम तो नहीं कर पाए लेकिन जांच घटाकर कोरोनावायरस कमतर दिखाना चाहती है.


कांग्रेस पार्टी और श्रीमती प्रियंका गांधी जी लगातार BJP सरकार और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से अनुरोध कर रहे कि संक्रमण चेन को ब्रेक करने के लिए जांच बढाइये लेकिन सरकार बिल्कुल इसका उल्टा कर रही है.

क्या उत्तर प्रदेश के लोगों की जान की कोई कीमत नहीं क्या बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ की सारी मानवीय संवेदनाएं मर चुकी हैं ऐसे लोगों को नैतिक रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं.उत्तर प्रदेश के लोग इस बात को समझ रहे हैं कि मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ और भाजपा सरकार ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर चुकी है समय आने पर उत्तर प्रदेश की जनता इसका हिसाब किताब करेगी.