आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करता UP

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आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करता UP

उ0प्र0 में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने का सामर्थ्य। अगले पांच वर्षों में ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री की क्षमता 7.5 लाख करोड़ रु0 से बढ़कर 15 लाख करोड़ रु0 होने जा रही, निवेशक ई-मोबिलिटी में निवेश करें और पर्यावरण की रक्षा करें, इससे रोजगार की सम्भावनाओं में वृद्धि होगी। हमें अपनी नीतियों को इम्पोर्ट सब्स्टीट्यूट, कॉस्ट इफेक्टिव, पॉल्यूशन फ्री एण्ड इण्डीजिनस बनाना होगा। उ0प्र0 में सबसे अधिक 4.5 लाख इलेक्ट्रिक वेहिकल्स, सर्वाधिक इलेक्ट्रिक वेहिकल के स्टार्टअप्स प्रदेश में ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फतेहपुर, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर में बैटरी इण्डस्ट्री के लिए अनेक सम्भावनाएं। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में ‘ई-मोबिलिटी, वेहिकल्स एण्ड फ्यूचर मोबिलिटी विषयक सत्र का आयोजन। उ0प्र0 में पहली बार इण्डस्ट्रियल ग्रोथ और एग्रीकल्चर ग्रोथ का विचार करके राज्य में अधिक मात्रा में इन्वेस्टमेंट लाने का कार्य मुख्यमंत्री ने किया– केन्द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री

उत्तर प्रदेश में पहली बार इण्डस्ट्रियल ग्रोथ और एग्रीकल्चर ग्रोथ का विचार करके राज्य में अधिक मात्रा में इन्वेस्टमेंट लाने का कार्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। मुख्यमंत्री का यह विजन उत्तर प्रदेश की तस्वीर को बदल देगा। उन्होंने कहा कि आंखें दान की जा सकती हैं, किन्तु जीवन में विकास की दृष्टि दान नहीं की जा सकती है। केन्द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि विकास के लिए इण्डस्ट्री की जरूरत होती है। इण्डस्ट्री विकसित होगी तो कैपिटल इन्वेस्टमेंट आएगा। कैपिटल इन्वेस्टमेंट आएगा तो रोजगार निर्माण होगा। इससे गरीबी दूर होगी। मुख्यमंत्री इस विजन के साथ उत्तर प्रदेश को देश का विकसित राज्य बनाने की ओर अग्रसर हैं।

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मुख्यमंत्री के प्रयास बहुत ही एप्रोप्रिएट हाईवे पर चल रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का विकास रथ तीव्र गति से दौड़ रहा है। परिणामस्वरूप जल्द ही उत्तर प्रदेश अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करेगा। केन्द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री आज यहां यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अवसर पर आयोजित ‘ई-मोबिलिटी, वेहिकल्स एण्ड फ्यूचर मोबिलिटी विषयक सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।


सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री, भारत सरकार नितिन गडकरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने टेक्नोलॉजी केन्द्रित इन्वेस्टर्स को सुअवसर प्रदान किए हैं। डिजिटल रूप से निवेश के कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। पारदर्शिता, समयबद्ध निर्णय लेने की प्रक्रिया, टीमवर्क, कार्यों का विकेन्द्रीकरण और सकारात्मकता के साथ प्रदेश सरकार सभी के लिए कार्य कर रही है। निवेशकों के पास उत्तर प्रदेश में निवेश करने का यह बहुत बढ़िया मौका है।  

आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करता UP
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प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए स्क्रैप पॉलिसी को लागू किया गया है। प्रदेश सरकार को भी स्क्रैप पॉलिसी के सम्बन्ध में कार्यों को आगे बढ़ाना चाहिए। इस वित्तीय वर्ष के केन्द्रीय बजट में राज्यों के लिए पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का प्राविधान किया गया है। इस प्रकार 45 लाख वाहनों को स्क्रैप करने का लक्ष्य है। स्क्रैप पॉलिसी से सस्ते दर में वाहनों के निर्माण के लिए कच्चा माल प्राप्त होगा। इससे हमारी लागत में भी कमी आएगी। हमें एक जनपद में कम से कम तीन स्क्रैप यूनिट लगाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना होगा। स्क्रैपिंग यूनिट, टेस्टिंग यूनिट व ड्राइविंग यूनिट का एक क्लस्टर बनाते हुए हमें कार्य करना होगा।


प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए देश एनर्जी को आयात करने के स्थान पर एनर्जी को निर्यात करने की दिशा में प्रयासरत है। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने का सामर्थ्य सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह सपना निश्चित ही पूरा होगा। ई-मोबिलिटी में पर्याप्त सम्भावनाएं विद्यमान हैं। अगले पांच वर्षों में ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री की क्षमता 7.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये होने जा रही है। निवेशक ई-मोबिलिटी में निवेश करें और पर्यावरण की रक्षा करें। इससे रोजगार की सम्भावनाओं में वृद्धि होगी। परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। एथिक्स, इकोनॉमी, ईकोलॉजी एण्ड एन्वायरमेण्ट समाज के तीन महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं। प्रदूषण की समस्या के निदान के लिए सभी को अपने स्तर से प्रयास करने होंगे। हमें अपनी नीतियों को इम्पोर्ट सब्स्टीट्यूट, कॉस्ट इफेक्टिव, पॉल्यूशन फ्री एण्ड इण्डीजिनस बनाना होगा। देश के विकास के लिए ज्ञान की पावर को समझना होगा। साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, आन्त्रप्रेन्योरशिप, रिसर्च को बढ़ावा देना होगा। कोई भी पदार्थ व व्यक्ति बेकार नहीं होता, सही तकनीक व मार्गदर्शन से सभी को उपयोगी बनाया जा सकता है।

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