राजेंद्र चौधरी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार का जनता के साथ रूखे व्यवहार के चलते ही राज्य सूखे की चपेट में आ गया है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। बारिश न होने से खरीफ की बोआई रुकी हुई है। सरकार के कथित पौधारोपण अभियान पर भी सूखे का साया मंडराने लगा है। लगभग पूरे प्रदेश में स्थिति काफी चिंताजनक है।समय से बरसात नहीं होने से धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। बहुत जगह तो खरीफ की बोआई ही रूक गई है। एक अंदाजा है कि इस साल खरीफ की बोआई छह लाख हेक्टेयर कम होने जा रही है। राज्य सरकार ने 60 लाख हेक्टेयर धान रोपाई का लक्ष्य रखा जबकि 27 लाख हेक्टेयर धान की ही रोपाई अब तक बामुश्किल हुई है।


उत्तर प्रदेश में बिजली भी उपलब्ध नहीं है। गांवों में 10 घंटे भी बिजली की उपलब्धता नहीं है। सिंचाई के लिए न बिजली है न पानी। रजवाहे सूखे हैं। तालाब- पोखर में पानी नहीं रह गया है। पशुओं को न पीने का पानी और नहीं चारा-भूसा मिल पा रहा है। भाजपा सरकार एलर्ट जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती हैं।भाजपा सरकार ने मौसम की पूरी जानकारी के बगैर 30 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य घोषित कर दिया। गांव-गांव तालाबों की खुदाई के तथाकथित निर्देश है? अमृत महोत्सव के नाम पर हो रहे इन टोटकों का कोई असर नहीं दिख रहा है। जब बरसात नहीं तो पानी का सूखा पड़ना स्वाभाविक है, अब न पौधे बच रहे है न तालाबों में पानी भरा हैं।


बुंदेलखण्ड की तो भाजपा राज में बहुत उपेक्षा हुई है। समाजवादी सरकार के कार्यकाल में बुंदेलखण्ड में विकास के जो कार्य हुए उससे पूरा बुन्देलखण्ड लाभान्वित हुआ। भाजपा राज में उन विकास कार्यों की उपेक्षा हुई। समाजवादी सरकार में बुंदेलखण्ड के चरखारी में सात सरोवरों का सौंदर्यीकरण हुआ था। समाजवादी सरकार के विकासकार्यों की प्रशंसा जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह ने भी की थी।वस्तुतः भाजपा सरकार को जनता के सुख-दुःख की कोई चिंता नहीं। महंगाई, बिजली कटौती, सूखे की मार से लोग परेशान हैं। भाजपा सरकार का इस ओर ध्यान नहीं। वह बस नफरत की राजनीति के सहारे सत्ता से चिपके रहना ही जानती है। भाजपा की कुनीतियों के चलते प्रदेश विकास के हर पायदान पर नीचे फिसलता जा रहा है। इसी को मुख्यमंत्री जी अपनी बड़ी उपलब्धि मानते और उस पर गर्व करते हैं। जनता निश्चित ही एक दिन उनकी जवाबदेही तय करेगी।