राहुल फोबिया से डरी भाजपा कोरोना का झूठा प्रचार

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पिछड़ो को भ्रमित करने के लिए भाजपा सरकार कर रही नाटक। राहुलफोबिया से डरी भाजपा कोरोना का झूठा कर रही प्रचार।

लौटनराम निषाद

लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी का आरक्षण खत्म करने के लिए दोहरा खेल खेल रही है।उसने पहले उच्च न्यायालय में अपने ही कार्यकर्ताओं से ट्रिपल के नाम पर याचिका योजित कराया और न्यायालय द्वारा बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव समय से कराने का न्यायालय के निर्णय के बाद 5 सदस्यीय आयोग का गठन कर व उच्चतम न्यायालय जाने की बात कर पिछडों को झूठा भुलावा देकर भ्रमित करने का षड्यंत्र कर रही है।”ऊँट चुराए निहुरल जाय” वाली कहावत को भाजपा सरकार चरितार्थ कर रही है।

पिछड़ावर्ग आरक्षण के विरोध में महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़, बिहार में न्यायालय की आड़ में आरक्षण खत्म करने का षडयंत्र करने के बाद उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में ओबीसी कोटा खत्म करने की साज़िश कर रही है।ट्रिपल टेस्ट के नाम पर भाजपा पिछड़ो की मानसिकता का टेस्ट कर रही है।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने जब ओबीसी,एससी, एसटी आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया तो भाजपा राज्यपाल को आगे कर विरोध करा रही है।उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में ओबीसी कोटा खत्म कर ओबीसी व एससी को अलग करने की साज़िश कर रही है।एससी इस मुगालते में है कि हमारा तो कोई नुकसान नहीं हो रहा है।

सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने में ओबीसी ही आगे रहा है,इसलिए ओबीसी पहले भाजपा व संघ के निशाने पर है।उन्होंने कहा कि 2017 के रैपिड सर्वे के अनुसार ओबीसी का कोटा गलत बताया जा रहा है तो एससी का 2011 के बाद कौन सी जनगणना कराई गई है,आखिर पिछड़ों के साथ ही यह नीति क्यों अपनाई जा रही है? पिछड़ों की आबादी 54 प्रतिशत से अधिक है और इनका आरक्षण कोटा 27 प्रतिशत ही है तो बखेड़ा किस बात का,आखिर ओबीसी के मामले में ही न्यायालय का हथौड़ा क्यों चलता है?संविधान व उच्चतम न्यायालय के 9 जजों के निर्णय को दरकिनार कर बिना किसी आयोग की सिफारिश के सवर्ण जातियों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा 48 घण्टे में दे दिया गया और 5 जजों की पीठ ने 9 जजों की पीठ के फैसले को पलट दिया।

भाजपा का जनसंघ के जमाने से ही पिछड़ा आरक्षण के विरोध का चरित्र रहा है।डिप्रेस्ड क्लास के प्रतिनिधित्व के विरोध में ही हिन्दू महासभा व आरएसएस का गठन हुआ। भाजपा गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स व वी ऑर अवर नेशनलहुड डिफाइंड की नीतियों के अनुसार काम कर रही है।उत्तर प्रदेश में जब से भाजपा सरकार बनी है,तब से पिछड़ों के हिस्से की हकमारी जारी है। 69 हजार शिक्षक भर्ती में बहुत बड़ा कोटा का घोटाला हुआ,जिसे राष्ट्रीय पिछड़ावर्ग आयोग ने भी स्वीकार किया,न्यायालय भी कोटा हकमारी की बात स्वीकार किया,पर सरकार ने गलती सुधार नहीं किया। 18000 सीटों की हकमारी कर ओबीसी को मात्र 3.48 प्रतिशत ही कोटा दिया गया,जो घोर अन्याय है।उन्होंने कहा कि मण्डल विरोधी भाजपा कभी भी पिछड़ों की हितैषी नहीं हो सकती।इसके डीएनए में ही ओबीसी विरोध है।पिछड़े वर्ग के जो नेता भाजपा में हैं व उसके गठबंधन में हैं,निजस्वार्थ में उनका ज़मीर मर गया और भाजपा उन्हें शिखण्डी के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।

राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा आपा खोती जा रही है।कांग्रेस के पक्ष में जन समर्थन को देखकर भाजपा राहुलफोबिया की शिकार हो गयी है।भारत जोड़ो यात्रा को रोकने का षडयंत्र करने के लिए भाजपा कोरोना का झूठा हो हल्ला कर रही है।भाजपा संविधान व लोकतंत्र की हत्यारी है।भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को गलत तरीके से इस्तेमाल कर विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है।देश के सार्वजनिक संस्थानों-गेल, सेल,रेल,भेल,ओएनजीसी, एनटीपीसी, एयरपोर्ट,पोर्ट ट्रस्ट,कोल इंडिया, एचएएल, एलआईसी, बैंक आदि उपक्रमों का निजीकरण कर आरक्षण को खत्म करने में भाजपा सरकार जुटी हुई है।