भाजपा नए चेहरों को टिकट दे-विचार मंच

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श्याम कुमार

लखनऊ। स्वर्गीय चन्द्रभानु गुप्त द्वारा स्थापित बुद्धिजीवियों की पुरानी एवं प्रतिष्ठित संस्था ‘विचार मंच’ द्वारा ‘उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव’ विषय पर फोन-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायकों एवं मंत्रियों से जनता नाराज है, इसलिए यदि भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा का आगामी चुनाव भारी बहुमत से जीतना चाहती है तो उसे कम से कम सत्तर प्रतिशत उम्मीदवार बदलकर नए चेहरों को टिकट देना चाहिए। गुजरात में भी भाजपा के विधायक अलोकप्रिय हो गए थे, अतः वहां भाजपा ने ऐसा ही किया था, जिसका उसे लाभ हुआ।


मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राजीव अहूजा ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के पिछले चुनाव में भी जनता भाजपा के लोगों से नाराज थी, लेकिन सिर्फ मोदी की लोकप्रियता से जनता ने भाजपा को भारी बहुमत प्रदान किया था। पर चुनाव जीतने के बाद भाजपा के विधायक एवं मंत्री अहंकार में डूब गए तथा अपने को जनता का सेवक समझने के बजाय मालिक समझने लगे। जनता के दुखदर्द को सुनकर उसकी समस्याओं का निवारण करने की जिम्मेदारी भूलकर वे पूरे कार्यकाल में बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने और ऐशोआरामकी जिंदगी बिताने में लगे रहे। अधिकतर विधायक और मंत्री निकम्मे सिद्ध हुए हैं, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ रहा है। लोगों ने बार-बार भाजपा के नेतृत्व को आगाह किया कि भाजपा के विधायकों एवं मंत्रियों के आचरण को सुधारें, मगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। अब चुनाव सिर पर है तो केवल यह उपाय संभव हो सकता है कि भाजपा जनता के सामने ऐसे नए, उत्साही एवं अहंकारविहीन चेहरे सामने लाए, जिन्हें ऐश करने के बजाय जीजान से जनता की सेवा करने में सुख मिलता हो।


संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए ‘समाचार वार्ता’ के सम्पादक श्याम कुमार ने कहा कि पूरी भारतीय जनता पार्टी केंद्र में मोदी एवं उत्तर प्रदेश में योगी के कंधों पर टिकी हुई है। लेकिन अधिकतर विधायकों एवं मंत्रियों की निष्क्रियता से जनता उनसे घोर असंतुष्ट है। अतः भाजपा को अब ऐसे जनसेवियों को अपना उम्मीदवार बनाना चाहिए, जो चुने जाने के बाद निरंतर जनता की फरियाद सुनें और उसकी समस्याओं के निवारण में शतप्रतिशत रुचि लें।
वरिष्ठ मजदूर नेता एवं विश्लेषक सर्वेश चंद्र द्विवेदी तथा वरिष्ठ समाजसेवी सुशीला मिश्र ने कहा कि हाल में भाजपा के कुछ विधायकों ने अखबारों में अपनी उपलब्धियां बताई थीं, जो बिलकुल झूठ थीं।


सुविख्यात अर्थशास्त्री प्रो. अम्बिका प्रसाद तिवारी ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि राजनीति अब ‘सेवा’ के बजाय ‘मेवा’ बन गई है। नेता जनता की सेवा करने में रुचि लेने के स्थान पर ऐश की जिंदगी बिताने लगता है और जनता भटकती रहती है, मगर उसकी कहीं सुनवाई नहीं होती है।वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. हरिराम त्रिपाठी तथा हरि प्रकाश ‘हरि’, डाॅ. सूर्यभानु सिंह गौतम, पासी विनोद कुमार, महर्षि इंद्रप्रकाश, कमलेश कुमार पांडेय, कुमार अशोक, कुमार,अली मेहदी रिजवी आदि विश्लेषकों ने कहा कि सरकारी अफसर व कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं तथा जनता से बहुत बुरी तरह पेश आते हैं। यही हाल पुलिस का है। ऐसी स्थिति में जनता कब तक मोदी के नाम पर वोट देती रहेगी? राजू यादव,स्वर्णकेतु भारद्वाज,गोपाल कौशल,रुकैया परवीन,मुरलीधर सोनी,आनन्द महाराज,जितेन्द्रकुमार, आदित्य चतुर्वेदी,अनुराग मिश्र,अनादिप्रकाश, रामपदार्थ गुप्त,कृष्णचन्द्र भार्गव,सच्चिदानन्द श्रीवास्तव, ओमदत्त
एक दर्जन अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए।