ऐतिहासिक भारत ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते ( भारत ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए) के तहत ऑस्ट्रेलिया द्वारा 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शुल्क समाप्त किए जाएंगे। ईसीटीए के परिणामस्वरूप लगभग 10 लाख रोजगार सृजित किए जाएंगे। ईसीटीए को व्यापक हितधारक परामर्शों के बाद अंतिम रूप दिया गया, समझौते को सर्वसहमति...
रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के तहत देश भर के 45 स्थानों पर रोजगार मेलों का आयोजन। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने हरियाणा स्थित 95 बटालियन बीएसएफ गुरुग्राम में आयोजित रोजगार मेले में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।
रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के तहत आज देश भर के 45 स्थानों पर रोजगार मेलों का आयोजन किया गया,इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 71,000 नए शामिल अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रस्ताव (ओओए) वितरित किये,केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने हरियाणा स्थित 95 बटालियन बीएसएफ गुरुग्राम में आयोजित रोजगार मेले में भाग लिया। इस कार्यक्रम में 266 नियुक्ति पत्रों का वितरण किया गया।
श्री ठाकुर ने 25 अर्हता प्राप्त उम्मीदवारों को अपने हाथ से नियुक्ति पत्र प्रदान किए।इस अवसर पर श्री अनुराग ठाकुर ने रोजगार मेले में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा, "आज इस मेले में 266 युवाओं को सरकारी नौकरी मिल रही हैं। इनमें से 215 नौकरियां तो सिर्फ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के माध्यम से मिल रही हैं। इतना ही नहीं, पूरे देश में 2000 से ज्यादा रोजगार बीएसएफ के माध्यम से मिल रहा है,इससे यह प्रतीत होता है कि बीएसएफ युवाओं को देश की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।"
श्री अनुराग ठाकुर ने अपने भाषण में युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा, "एक युवा के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन वह है जब वह अपनी जिंदगी में एक नौकरी की शुरुआत करता है,आज इस अवसर पर जिन लोगों को सरकारी नौकरियाँ मिल रही हैं उनके चेहरों पर मैं ख़ुशी और चमक देख सकता हूं,देश के 10 लाख लोगों को अगले एक साल में रोजगार प्रदान करने का जो लक्ष्य प्रधानमंत्री जी ने रखा है, इस वादे के तहत प्रधानमंत्री जी ने पिछले महीने रोजगार मेला आयोजित कर 75 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे थे। आज 71 हजार और भारतीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। सभी को बहुत बधाई और शुभकामनाएं।"
प्रधानमंत्री 22 नवंबर को नवनियुक्त आवेदकों को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे
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प्रधानमंत्री रोजगार मेले के तहत 22 नवंबर को नवनियुक्त आवेदकों को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल का भी शुभारंभ करेंगे जो सभी नवनियुक्त व्यक्तियों के लिए एक ऑनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी रोजगार मेले के तहत 22 नवंबर को प्रात: 10:30 बजे...
विश्व अर्थव्यवस्था में भारत का एक चमकता हुआ स्थान-केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री
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वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक चमकता हुआ स्थान है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने लेखाकारों की 21वीं विश्व कांग्रेस को संबोधित किया।
दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता...
'काशी तमिल संगमम' के दूसरे दिन तमिलनाडु के प्रतिनिधियों के पहले जत्थे ने सारनाथ और गंगा घाटों का अवलोकन किया।
काशी तमिल संगमम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से काशी आए प्रतिनिधियों के पहले जत्थे ने पवित्र नदी गंगा के घाट, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, तथागत घाट और मूलगंधा कुटी विहार सारनाथ और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में स्थित प्रदर्शनी स्थलों का अवलोकन किया। प्रतिनिधि सुबह-सुबह गंगा नदी के तट पर पहुंचे ।प्रतिनिधियों ने तेज धूप में सुबह की ठंडक का आनंद लेते हुए हनुमान घाट पर स्नान किया। स्नान के बाद वे बाबा दरबार पहुंचे जहां उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में ध्यान किया।पवित्र गंगा में स्नान और बाबा का ध्यान उनके लिए अत्यंत संतुष्टिदायक रहा था।प्रतिनिधियों ने सारनाथ का भी दौरा किया। यह स्थल चार प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है।
सारनाथ के निकट सराय मोहना में स्थित तथागत घाट का भ्रमण कर वे बहुत प्रसन्न हुए और सांस्कृतिक संध्या का आनंद लिया,उन्होंने भगवान बुद्ध के पहले उपदेश के स्थल पर जाकर हजारों वर्ष पुराने इतिहास और विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रतिनिधियों ने पुरातात्विक परिसर, 'मूलगंधा कुटी विहार' और इसके आसपास के आकर्षणों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रतिनिधियों, जिनमें ज्यादातर तमिलनाडु के विद्यार्थी शामिल थे, ने सुबह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर और "काशी तमिल संगमम" स्थल पर स्थित विभिन्न प्रदर्शनी स्थलों का भी दौरा किया। उन्होंने दो पवित्र शहरों के समृद्ध सांस्कृतिक और इतिहास के बारे में जानने और ज्ञान इकट्ठा करने में सफलता प्राप्त की।
शिवमय (काशी) और शक्तिमय (तमिलनाडु) ने मिलकर "संगम" को प्रज्ज्वलित किया और इसकी आभा के अन्तरगत पूरी घटना का उत्साह हर पीढ़ी के दिल में उतर गया।इस कार्यक्रम में अब तक तमिलनाडु के मेहमानों और प्रतिनिधियों की उपस्थिति न केवल ऐतिहासिक "काशी तमिल संगमम" कार्यक्रम में प्रेरणादायक है, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय काशी निवासियों की उपस्थिति भी उल्लेखनीय थी।
53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का गोवा में रंगारंग शुभारंभ। मेरा विजन फिल्मों की शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन के लिए भारत को सबसे पसंदीदा केन्द्र बनाना है। चिरंजीवी को मिला ‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर पुरस्कार’।इफ्फी कला और फिल्म जगत में सीमाओं को मिटा रहा है- राज्यमंत्री डॉ. एल....
जी20 की अध्यक्षता संभालने के बाद, नरेन्द्र मोदी सरकार ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) की अध्यक्षता भी करेगी। राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर टोक्यो में हैंडओवर समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
दिल्ली। भारत द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के संगठन जी20 की अध्यक्षता संभालने बाद, भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस...
सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर- निस्पर ने आईसीएमआर के सहयोग से स्वास्थ्य संचार पर संपर्क सत्र आयोजित किया,विज्ञान के संचार की जिम्मेदारी लें वैज्ञानिक।
यदि वैज्ञानिक संवाद नहीं करते हैं, तो गैर- विशेषज्ञ संवाद करना शुरू कर देंगे और फिर भ्रामक सूचनाओं और असत्य जानकारियों के बादल उठेंगे, इसलिए हमारे वैज्ञानिकों को विज्ञान संचार के महत्वपूर्ण कार्य में शामिल करना आवश्यक है"। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर- निस्पर -एनआईएससीपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च ) की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर ) के सहयोग से सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर द्वारा आयोजित 'स्वास्थ्य संचार पर आयोजित संपर्क सत्र ' में गत 16 नवंबर 2022 को अपने उद्घाटन भाषण के दौरान इन विचारों को साझा कियाउन्होंने कहा कि हमने हाल के दिनों में कोविड -19 महामारी से बहुत कुछ सीखा और हमने देखा कि कैसे विज्ञान संचार ने अनिश्चितता के उन दिनों में अवैज्ञानिक बातों को मिटाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर ) की विभिन्न प्रयोगशालाओं के 30 वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर द्वारा आईसीएमआर के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार पर संपर्क सत्र के उद्घाटन समारोह की एक झलक : दाएं से बाएं - डॉ. रजनी कांत, वैज्ञानिक-जी, आईसीएमआर, प्रो. रंजना अग्रवाल, निदेशक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर एवं मोहन गोरे, वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर
डॉ. रजनीकांत, वैज्ञानिक-जी और निदेशक, आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, गोरखपुर इस कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे। उद्घाटन समारोह के दौरान डॉ. कांत ने कहा कि ये भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद ( आईसीएमआर ) प्रयोगशालाओं के 'सुपर 30' वैज्ञानिक हैं और मुझे विश्वास है कि विज्ञान संचार के इस पाठ्यक्रम के बाद ये कुशल विज्ञान संचारकर्ता भी बनेंगे । उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने सबसे पहले स्वास्थ्य संचार पर एक पाठ्यक्रम शुरू किया है और यह समय की मांग है ।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर- निस्पर एनआईएससीपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च ) में संपर्क सत्र में भाग लेने वाले आईसीएमआर के वैज्ञानिक सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में पहले तकनीकी सत्र में चार विशेषज्ञों ने चिंता के विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया। श्री आर.एस. जयसोमु, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने 'अनुसंधान संचार बनाम विज्ञान संचार: समय की आवश्यकता' पर व्याख्यान दिया। डॉ. वाई माधवी, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वार्ता का विषय था ' कोविड पश्चात काल में स्वास्थ्य संचार'। डॉ. मनीष मोहन गोरे, वैज्ञानिक, सीएसआईआर एनआईएससीपीआर ने ' विभिन्न मीडिया प्रारूपों के लिए लोकप्रिय विज्ञान लेखन ' पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। श्री अश्विनी ब्राह्मी, प्रधान तकनीकी अधिकारी, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने आईसीएमआर के भाग लेने वाले वैज्ञानिकों के साथ विज्ञान संचार में उत्पादन और मुद्रण की जानकारी पर चर्चा की।
पहले तकनीकी सत्र के बाद, सभी प्रतिभागियों ने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की वैज्ञानिक सुविधाओं का दौरा किया।
इस भ्रमण के दौरान कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों ने औषधीय पौधों की प्रिंटिंग यूनिट-मशीनरी, आयुर वाटिका और पौधों, पशुओं और खनिजों पर आधारित कच्चे माल के हर्बेरियम का अवलोकन किया। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर विज्ञान प्रौद्योगिकी नवाचार ( एसटीआई ) आधारित नीति अध्ययन- अनुसंधान और विज्ञान संचार के दो प्रमुख अधिदेशों के साथ सीएसआईआर की घटक प्रयोगशालाओं में से एक है एनआईएससीपीआर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न प्रमुख विषयों में 16 समकक्ष समीक्षित मुक्त पहुंच पत्रिकाएँ ( ओपन एक्सेस जर्नल ) प्रकाशित करता है। देश की तीन सर्वाधिक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाएं सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर से प्रकाशित होती हैं। ये पत्रिकाएं हैं साइंस रिपोर्टर ( अंग्रेजी में ), विज्ञान प्रगति ( हिंदी में ) और साइंस की दुनिया ( उर्दू में ) ।
दूसरे तकनीकी सत्र के दौरान तीन विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया। वरिष्ठ विज्ञान संचारक और फोटो पत्रकार श्री पल्लव बागला ने प्रतिभागियों के साथ ' विज्ञान संचार के चतुर तरीकों ' के बारे में बातचीत की। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वैज्ञानिक डॉ. परमानंद बर्मन ने भारतीय पारंपरिक ज्ञान की वैज्ञानिक मान्यता पर केंद्रित ' स्वस्तिक और इसके मीडिया कवरेज से जुडी अंतर्दृष्टियों ( इनसाइट्स ) ' पर अपनी बात प्रस्तुत की । सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर के ही वैज्ञानिक डॉ. मेहर वान के व्याख्यान का विषय था - ' अपने शोध को आम जनता तक कैसे पहुंचाएं'।
दोनों सत्रों के विशेषज्ञों की प्रेरक वार्ता से आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के सभी प्रतिभागी वैज्ञानिकों ने बहुत कुछ सीखा। यह भी योजना बनाई गई थी कि प्रत्येक प्रतिभागी अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र पर एक लोकप्रिय विज्ञान लेख लिखेगा और विज्ञान रिपोर्टर और विज्ञान प्रगति ( सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ) में प्रकाशित करने के उद्देश्य से सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर के पास भेजेगा । कार्यक्रम के अंत में आईसीएमआर के वैज्ञानिकों डॉ. एना डोगरा और डॉ. प्रिया ने प्रतिक्रिया एवं समझ ( फीडबैक एंड टेकअवे ) सत्र का समन्वयन किया। डॉ. मनीष मोहन गोरे, वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा सुश्री शुभदा कपिल, तकनीकी सहायक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया।
डाकघर के माध्यम से पेंशनर्स का घर बैठे बनेगा जीवित प्रमाणपत्र-कृष्ण कुमार यादव Living certificate will be made sitting in the house of pensioners through post office – Krishna...
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पेंशनर्स को जीवित प्रमाणपत्र के लिए चक्कर लगाने से निजात, घर बैठे डाकिया के माध्यम से बनवाएं डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट,डाकघर के माध्यम से पेंशनर्स का घर बैठे बनेगा जीवित प्रमाणपत्र।
अब पेंशनरों को जीवित प्रमाणपत्र (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने के लिए कोषागार, बैंक या अन्य किसी विभाग में जाने...
सूर्यग्रहण के बाद पन्द्रहवें दिन, आठ नवंबर को होगा चंद्र ग्रहण On the fifteenth day after the solar eclipse, there will be a lunar eclipse on November 8
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अजय सिंह
हजारों वर्ष बाद ऐसा संयोग बना है कि कार्तिक मास में दो ग्रहण होंगे। सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर हो चुका है और अब आठ नवंबर को चंद्रगहण होना है। कार्तिक मास में दो ग्रहण होने पर ज्योतिषविदों में अनहोनी की आशंका जताई है। इस वर्ष के आखिरी चंद्र ग्रहण...
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काशी और अयोध्या के बाद अब हम मथुरा की ओर बढ़ चले हैं। मुख्यमंत्री ने फिरोजाबाद में चुनावी जनसभा को किया संबोधित। सीएम ने...
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