जी20 की अध्यक्षता संभालने के बाद, नरेन्द्र मोदी सरकार ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) की अध्यक्षता भी करेगी। राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर टोक्यो में हैंडओवर समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
दिल्ली। भारत द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के संगठन जी20 की अध्यक्षता संभालने बाद, भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस...
सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर- निस्पर ने आईसीएमआर के सहयोग से स्वास्थ्य संचार पर संपर्क सत्र आयोजित किया,विज्ञान के संचार की जिम्मेदारी लें वैज्ञानिक।
यदि वैज्ञानिक संवाद नहीं करते हैं, तो गैर- विशेषज्ञ संवाद करना शुरू कर देंगे और फिर भ्रामक सूचनाओं और असत्य जानकारियों के बादल उठेंगे, इसलिए हमारे वैज्ञानिकों को विज्ञान संचार के महत्वपूर्ण कार्य में शामिल करना आवश्यक है"। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर- निस्पर -एनआईएससीपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च ) की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर ) के सहयोग से सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर द्वारा आयोजित 'स्वास्थ्य संचार पर आयोजित संपर्क सत्र ' में गत 16 नवंबर 2022 को अपने उद्घाटन भाषण के दौरान इन विचारों को साझा कियाउन्होंने कहा कि हमने हाल के दिनों में कोविड -19 महामारी से बहुत कुछ सीखा और हमने देखा कि कैसे विज्ञान संचार ने अनिश्चितता के उन दिनों में अवैज्ञानिक बातों को मिटाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर ) की विभिन्न प्रयोगशालाओं के 30 वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर द्वारा आईसीएमआर के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार पर संपर्क सत्र के उद्घाटन समारोह की एक झलक : दाएं से बाएं - डॉ. रजनी कांत, वैज्ञानिक-जी, आईसीएमआर, प्रो. रंजना अग्रवाल, निदेशक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर एवं मोहन गोरे, वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर
डॉ. रजनीकांत, वैज्ञानिक-जी और निदेशक, आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, गोरखपुर इस कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे। उद्घाटन समारोह के दौरान डॉ. कांत ने कहा कि ये भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद ( आईसीएमआर ) प्रयोगशालाओं के 'सुपर 30' वैज्ञानिक हैं और मुझे विश्वास है कि विज्ञान संचार के इस पाठ्यक्रम के बाद ये कुशल विज्ञान संचारकर्ता भी बनेंगे । उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने सबसे पहले स्वास्थ्य संचार पर एक पाठ्यक्रम शुरू किया है और यह समय की मांग है ।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर- निस्पर एनआईएससीपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च ) में संपर्क सत्र में भाग लेने वाले आईसीएमआर के वैज्ञानिक सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में पहले तकनीकी सत्र में चार विशेषज्ञों ने चिंता के विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया। श्री आर.एस. जयसोमु, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने 'अनुसंधान संचार बनाम विज्ञान संचार: समय की आवश्यकता' पर व्याख्यान दिया। डॉ. वाई माधवी, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वार्ता का विषय था ' कोविड पश्चात काल में स्वास्थ्य संचार'। डॉ. मनीष मोहन गोरे, वैज्ञानिक, सीएसआईआर एनआईएससीपीआर ने ' विभिन्न मीडिया प्रारूपों के लिए लोकप्रिय विज्ञान लेखन ' पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। श्री अश्विनी ब्राह्मी, प्रधान तकनीकी अधिकारी, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने आईसीएमआर के भाग लेने वाले वैज्ञानिकों के साथ विज्ञान संचार में उत्पादन और मुद्रण की जानकारी पर चर्चा की।
पहले तकनीकी सत्र के बाद, सभी प्रतिभागियों ने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की वैज्ञानिक सुविधाओं का दौरा किया।
इस भ्रमण के दौरान कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों ने औषधीय पौधों की प्रिंटिंग यूनिट-मशीनरी, आयुर वाटिका और पौधों, पशुओं और खनिजों पर आधारित कच्चे माल के हर्बेरियम का अवलोकन किया। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर विज्ञान प्रौद्योगिकी नवाचार ( एसटीआई ) आधारित नीति अध्ययन- अनुसंधान और विज्ञान संचार के दो प्रमुख अधिदेशों के साथ सीएसआईआर की घटक प्रयोगशालाओं में से एक है एनआईएससीपीआर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न प्रमुख विषयों में 16 समकक्ष समीक्षित मुक्त पहुंच पत्रिकाएँ ( ओपन एक्सेस जर्नल ) प्रकाशित करता है। देश की तीन सर्वाधिक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाएं सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर से प्रकाशित होती हैं। ये पत्रिकाएं हैं साइंस रिपोर्टर ( अंग्रेजी में ), विज्ञान प्रगति ( हिंदी में ) और साइंस की दुनिया ( उर्दू में ) ।
दूसरे तकनीकी सत्र के दौरान तीन विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया। वरिष्ठ विज्ञान संचारक और फोटो पत्रकार श्री पल्लव बागला ने प्रतिभागियों के साथ ' विज्ञान संचार के चतुर तरीकों ' के बारे में बातचीत की। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वैज्ञानिक डॉ. परमानंद बर्मन ने भारतीय पारंपरिक ज्ञान की वैज्ञानिक मान्यता पर केंद्रित ' स्वस्तिक और इसके मीडिया कवरेज से जुडी अंतर्दृष्टियों ( इनसाइट्स ) ' पर अपनी बात प्रस्तुत की । सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर के ही वैज्ञानिक डॉ. मेहर वान के व्याख्यान का विषय था - ' अपने शोध को आम जनता तक कैसे पहुंचाएं'।
दोनों सत्रों के विशेषज्ञों की प्रेरक वार्ता से आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के सभी प्रतिभागी वैज्ञानिकों ने बहुत कुछ सीखा। यह भी योजना बनाई गई थी कि प्रत्येक प्रतिभागी अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र पर एक लोकप्रिय विज्ञान लेख लिखेगा और विज्ञान रिपोर्टर और विज्ञान प्रगति ( सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ) में प्रकाशित करने के उद्देश्य से सीएसआईआर- एनआईएससीपीआर के पास भेजेगा । कार्यक्रम के अंत में आईसीएमआर के वैज्ञानिकों डॉ. एना डोगरा और डॉ. प्रिया ने प्रतिक्रिया एवं समझ ( फीडबैक एंड टेकअवे ) सत्र का समन्वयन किया। डॉ. मनीष मोहन गोरे, वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा सुश्री शुभदा कपिल, तकनीकी सहायक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया।
डाकघर के माध्यम से पेंशनर्स का घर बैठे बनेगा जीवित प्रमाणपत्र-कृष्ण कुमार यादव Living certificate will be made sitting in the house of pensioners through post office – Krishna...
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पेंशनर्स को जीवित प्रमाणपत्र के लिए चक्कर लगाने से निजात, घर बैठे डाकिया के माध्यम से बनवाएं डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट,डाकघर के माध्यम से पेंशनर्स का घर बैठे बनेगा जीवित प्रमाणपत्र।
अब पेंशनरों को जीवित प्रमाणपत्र (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने के लिए कोषागार, बैंक या अन्य किसी विभाग में जाने...
सूर्यग्रहण के बाद पन्द्रहवें दिन, आठ नवंबर को होगा चंद्र ग्रहण On the fifteenth day after the solar eclipse, there will be a lunar eclipse on November 8
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अजय सिंह
हजारों वर्ष बाद ऐसा संयोग बना है कि कार्तिक मास में दो ग्रहण होंगे। सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर हो चुका है और अब आठ नवंबर को चंद्रगहण होना है। कार्तिक मास में दो ग्रहण होने पर ज्योतिषविदों में अनहोनी की आशंका जताई है। इस वर्ष के आखिरी चंद्र ग्रहण...
UP औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 से 2027 तक लागू रहेगी-मुख्यमंत्री UP Industrial Investment and Employment Promotion Policy will be applicable from 2022 to 2027 – Chief Minister
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मुख्यमंत्री ने कृषि आधारित एम0एस0एम0ई0 उद्यमी महासम्मेलन को सम्बोधित किया, मुख्यमंत्री द्वारा इण्डिया फूड एक्सपो-2022 का शुभारम्भ। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के माध्यम से किसानों की उपज का लाभकारी उपयोग किया जा सकता। राज्य सरकार उ0प्र0 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा...
भ्रष्ट कार्मिक को थप्पड़ मारना गरिमा के अनुरूप नहीं Slapping corrupt personnel is not in line with dignity
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भ्रष्ट कार्मिक को थप्पड़ मारना सांसद सीपी जोशी की पद के गरिमा के अनुरूप नहीं।
एस0 पी0 मित्तल
जब कोई कार्मिक जायजा काम करने के लिए भी रिश्वत मांगता है तो ऐसे कार्मिक पर बहुत गुस्सा आता है। जब किसी गरीब व्यक्ति से रिश्वत मांगी जाती है तो गुस्सा और बढ़...
भारतीय सभ्यता में जल जीवन में ही नहीं,जीवन के बाद भी महत्वपूर्ण -राष्ट्रपति In Indian civilization, water is important not only in life, but even after life – President
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राष्ट्रपति ने जनपद गौतमबुद्धनगर में सातवें भारत जल सप्ताह का उद्घाटन किया। भारतीय सभ्यता में जल जीवन में ही नहीं, जीवन के बाद की यात्रा में भी महत्वपूर्ण, इसलिए सभी जल स्रोतों को पवित्र माना जाता है। पृथ्वी पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है,...
जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी, आज भी, अशोक गहलोत देश के सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। मानगढ़धाम की गौरवगाथा के समारोह में बहुत संभलकर बोले अशोक गहलोत।मानगढ़धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के बजाय राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र मिलकर आदिवासी क्षेत्र के विकास की योजना बनायें।
एस0पी0 मित्तल
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वनडे की कप्तानी शिखर धवन जबकि टी20 की कमान हार्दिक पांड्या को मिली.
टी20 वर्ल्ड कप 2022 का रोमांच इस समय जोरों पर है. पर इसी बीच न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय टीम का एलान कर दिया गया है. इस सीरीज में वनडे की कप्तानी शिखर धवन को मिली है....
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Nishpaksh Dastak - 0
आज देश लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147वीं पावन जयन्ती पर उनका स्मरण करते हुए उन्हें नमन कर रहा। मुख्यमंत्री ने भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। ब्रिटिश सरकार की कुत्सित चालों को...
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