कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

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भाग-02

  • कोविड हॉस्पिटल में उपचाराधीन मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी, लाइन ऑफ ट्रीटमेंट आदि जरूरी जानकारियों से मरीज के परिजन को हर दिन जरूर अवगत कराया जाए। इसके लिए हर हॉस्पिटल में एक चिकित्सक नामित करें। परिजनों को उनके मरीज की जानकारी होनी चाहिए, यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू की जाए।
  • होम आइसोलेशन और नॉन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। इन्हें सिलिंडर की कमी कतई न हो। होम आइसोलेशन के मरीजों को ऑन डिमांड ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था कराई जाए। इसके लिए एक सिस्टम तैयार करें। होम आइसोलेशन के मरीजों को कतई समस्या न हो।
  • ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत प्रदेश के सभी जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। भारत सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। विभिन्न पीएसयू भी अपने स्तर पर प्लांट स्थापित करा रही हैं।गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग और आबकारी विभाग द्वारा ऑक्सीजन जेनरेशन की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। एमएसएमई इकाइयों की ओर से भी सहयोग मिल रहा है। यह सभी कार्य यथासंभव तेजी से पूरे किए जाएं। इनकी हर दिन समीक्षा होनी चाहिए। इसके अलावा, सीएचसी स्तर से लेकर बड़े अस्पतालों तक में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। यह सभी क्रियाशील रहें, इसे सुनिश्चित करें। जिलों की जरूरतों के अनुसार और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदें जाएं। निजी औद्योगिक/वाणिज्यिक कंपनियों से हमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का सहयोग प्राप्त हो रहा है।
  • प्रदेश में सभी जिलों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किये जा रहे हैं। भारत सरकार से हमें लगातार सहयोग प्राप्त हो रहा है। 05 मई को 823 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण प्रदेश में किया गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस सतत गतिशील हैं। 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ट्रेन भी जामनगर से आने वाली है।
  • वर्तमान में 89 टैंकर ऑक्सीजन से सम्बंधित कार्य में क्रियाशील हैं। भारत सरकार ने प्रदेश को 400 मीट्रिक टन के टैंकर दिए हैं। रिलायंस और अडानी जैसे निजी औद्योगिक समूहों की ओर से टैंकर उपलब्ध कराए गए हैं। ऑक्सीजन के संबंध में टैंकरों की संख्या और बढ़ाये जाने की जरूरत है। क्रायोजेनिक टैंकरों के संबंध में ग्लोबल टेंडर करने की कार्यवाही की जाए।
  • ऑक्सीजन वेस्टेज को न्यूनतम करने के उद्देश्य से प्रदेश की सात प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सहयोग से ऑक्सीजन ऑडिट कराया गया है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर मांग, आपूर्ति में संतुलन बनाया जाए। हर जिले के लिए ऑक्सीजन के संबंध में पृथक कार्ययोजना तत्काल तैयार की जाए। चीनी मिलों द्वारा जेनरेट किया जा रहा ऑक्सीजन समीपस्थ सीएचसी को सीधे आपूर्ति उपलब्ध कराई जाए।
  • प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए। एनेस्थेटिक और अन्य तकनीशियनों की नियुक्ति की गई है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए हमें वेंटिलेटर और मानव संसाधन की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
  • प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी रूप से लागू करें। दूध/दवा आदि के लिए आवागमन कर रहे लोगों का पुलिस सहयोग करे। कल प्रदेश में अलविदा की नमाज़ अदा होगी।कोरोना कर्फ्यू का पालन करते हुए अपनी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करना चाहिए। धर्मगुरुओं से संवाद कर इसे सुनिश्चित कराया जाए। ठेला-रिक्शा चालकों आदि जरूरतममंदों के लिए सामुदायिक भोजनालय का संचालन किया जाए। लखनऊ और प्रयागराज में सामुदायिक भोजनालय शुरू हो गए हैं। इसे और जिलों में भी विस्तार दिया जाए। क्वारन्टीन सेंटरों में भोजन की समुचित व्यवस्था कराई जाए। राशन वितरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हों।
  • बड़ी औद्योगिक इकाइयों में कोविड केयर सेंटर स्थापित कराए गए हैं। वर्तमान में 544 उद्योगों में साढ़े 08 सौ से अधिक बेड की क्षमता के साथ को कोविड केयर सेंटर क्रियाशील हैं। इसे अन्य उद्योगों में भी विस्तार दिया जाए।
  • राज्य स्तरीय टीम 09 की तर्ज पर जिलों में गठित विशेष समितियों की दैनिक कार्यवाही की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। जिलों की सभी छोटी-बड़ी गतिविधियों पर शासन स्तर से नजर रखी जानी चाहिए।
  • एक्सप्रेस-वे सहित निर्माण की सभी बड़ी परियोजनाएं सतत जारी रहें। यह समयबद्ध रूप से पूरी हों। जिन परियोजनाओं में न्यूनतम 50 लोग एक क्रियाशील हों, वहां कोविड केयर सेंटर स्थापित कराया जाए।