मुख्य सचिव ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

93

मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की

लखनऊ। प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कोविड-19 वैक्सीनेशन, जल जीवन मिशन, पीएम स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, पर्यावरण, जन शिकायतों का निस्तारण, तालाबों पर से अवैध कब्जे हटाये जाने, गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना, गेहूं खरीद की तैयारी आदि की गहन समीक्षा की।  कोविड-19 वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कतिपय प्रदेशों महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, दिल्ली आदि में कोरोना संक्रमण में पुनः तेजी से वृद्धि हो रही है, जो कि सेकेण्ड व थर्ड वेव के रूप में सामने आ रहा है तथा उत्तर प्रदेश में भी कतिपय जनपदों में मार्जिनली संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके दृष्टिगत सजगता एवं सर्तकता जरूरी है।

उन्होंने कहा कि जिलों में इंटीग्रेटेड कन्ट्रोल एवं कमाण्ड सेन्टर पूरी तरह सक्रिय रहें तथा जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी प्रतिदिन बैठक कर टेस्टिंग, कान्टैक्ट ट्रेसिंग व सर्विलांस की प्रगति की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि ट्रेनों एवं हवाई जहाज के माध्यम से विभिन्न राज्यों से मूवमेन्ट हो रहा है, अतः रेलवे स्टेशनों एवं एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की रैण्डम व प्रारंभिक जांच हो। ट्रेनों से अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों की सूची रेलवे से प्राप्त कर उनका सर्विलांस करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन का कार्य सफलतापूर्वक चल रहा है तथा इस बात का ध्यान रखा जाये कि हेल्थ वर्कर एवं फ्रन्ट लाइन वर्कर्स का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित हो जाये।

60 वर्ष से अधिक एवं 45 वर्ष से अधिक पात्रता के अनुसार कोई भी व्यक्ति पंजीयन से न छूटने पाये, जहां पंजीयन कम हो रहा है वहां जागरूकता बढ़ाकर शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन एवं शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन सेन्टर्स लोगों की पहुँच में हो तथा बहुत दूर न हो। उन्होंने वैक्सीनेशन का डाटा समय से पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिये।  प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स (पी.एम. स्वनिधि) योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि 31 मार्च, 2021 तक शत-प्रतिशत लक्ष्यपूर्ति सुनिश्चित की जानी है, जिसके लिए जिलाधिकारी बैंकर्स के साथ बैठकें कर लम्बित प्रार्थना-पत्रों का शत-प्रतिशत निस्तारण तथा लक्ष्य के अनुसार प्रार्थना पत्रों की स्वीकृति व शत-प्रतिशत ऋण वितरण सुनिश्चित कराएं।

इस योजना में 7,10,000 संशोधित लक्ष्य के सापेक्ष 5,72,039 स्वीकृत एवं 4,88,774 में ऋण वितरण किया जा चुका है।  जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि यह शासन की अत्यन्त महत्वपूर्ण योजना है, जिस पर मिशन मोड में काम करना है। जिले स्तर पर जल निगम एवं काॅन्ट्रैक्टर पूरी क्षमता से कार्य करें, इसके लिए नियमित समीक्षा बैठकें करनी होंगी। इस कार्यक्रम में करीब 30,000 नये ग्राम लिये गये हैं तथा सभी के लिए वेंडर्स आवंटित कर दिये गये हैं। सभी जिलाधिकारी परियोजनाओं हेतु समय से भूमि उपलब्ध करवा दें तथा डीपीआर भी समय से तैयार करवाकर भिजवा दें। उन्होंने कहा कि इस माह के अन्त तक शत-प्रतिशत भूमि चिन्हित कर उपलब्ध करा दी जाये तथा उक्त कार्यक्रम की उनके द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जायेगी।  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा में बताया गया कि 6.74 लाख नये लाभार्थियों का सत्यापन कराया जा चुका है।

गोरखपुर, लखीमपुर खीरी,  कुशीनगर, लखनऊ, कौशाम्बी, वाराणसी आदि जनपदों में अच्छा काम हुआ है। वरासत दर्ज करने के अभियान में करीब 07 लाख से अधिक वरासत दर्ज हो चुके हैं।  आई.जी.आर.एस. पोर्टल पर जन शिकायतों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने क्वालिटी डिस्पोजल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि का प्रतिशत 90 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों से कलेक्ट्रेट में जन सामान्य से मिलने के लिए उपलब्ध रहनें तथा सीयूजी पर रिस्पांड करने को कहा।  तालाबों से अवैध कब्जे हटवाकर उन्हें बहाल करने की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान चलाकर सभी अवैध कब्जे सख्ती से हटवा दिये जायें तथा मनरेगा से तालाब को गहरा करने, बंधी बनाने व वृक्षारोपण आदि के कार्य कराने के निर्देश दिये। 

मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना की समीक्षा में जिलाधिकारियों को गौ संरक्षण केन्द्रों के लिए अवमुक्त धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र भिजवाने के निर्देश दिये गये ताकि 60 लाख रुपये की दूसरी व अन्तिम किश्त तत्काल अवमुक्त की जा सके।  खाद्य एवं रसद विभाग के अन्तर्गत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं क्रय हेतु क्रय केन्द्रों की स्थापना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि 01 अप्रैल से गेहूं खरीद की जानी है, जिसके लिए करीब 6000 गेहूं क्रय केन्द्र खोले जा रहे हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से गेहूं क्रय केन्द्रों की सभी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गेहूं क्रय हेतु पंजीयन खुला हुआ है, किसानों के अधिक से अधिक पंजीयन हो जायें इसके लिए प्रचार-प्रसार कराएं। जिलाधिकारीगण अपने स्तर से व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें ताकि गेहूं खरीद सुव्यवस्थित रूप से शुरू हो सके।  बैठक में सभी सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।