यूपी के शहरों का होगा कायाकल्प

48
यूपी के शहरों का होगा कायाकल्प
यूपी के शहरों का होगा कायाकल्प

पांच प्रणालियों के आधार पर यूपी के शहरों के कायाकल्प की तैयारी। प्रदेश में ईवी पॉलिसी, जलवायु, बाढ़ प्रबंधन, डेटा मैनेजमेंट और क्षमता निर्माण में संभावनाएं तलाशेगी योगी सरकार। यूपी के शहरों का कायाकल्प करने के लिए सरकारी अफसरों को ट्रेनिंग दिलाएगी योगी सरकार। प्रदेश में शहरी विकास के लिए 5 प्रणालियों को विकसित करने में योगी सरकार के साथ मिलकर काम करेगी वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट की टीम। यूपी के शहरों का होगा कायाकल्प

लखनऊ। यूपी के नगरों में योगी सरकार ट्रिपल इंजन की ताकत के साथ काम कर रही है। प्रदेश के शहरों के कायाकल्प के अभियान को और तेज गति देने के लिए योगी सरकार ने हाल ही में दुनिया की जानी-मानी संस्था वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) इंडिया के साथ करार किया है। सरकार अब शहरों में विकास को गति दिने के लिए पांच प्रणालियों को विकसित करने जा रही है। योगी सरकार न केवल यूपी में विकास की गति को मापेगी, साथ ही महत्वपूर्ण डब्ल्यूआरआई इंडिया के सुझावों के आधार पर आगे की दिशा और गति का निर्धारण करेगी। इसके लिए प्रदेश के वरिष्ठ सरकारी अफसरों और शहरी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वर्गों की ट्रेनिंग भी करायी जाएगी।

उत्तर प्रदेश का नगर विकास विभाग, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट इंडिया के साथ मिलकर शहरी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने की कवायद में जुट गया है। डब्ल्यूआरआई इंडिया टीम एक नॉलेज पार्टनर के रूप में योगी सरकार को अपनी सहायता और टेक्नोलॉजी विशेषज्ञता प्रदान करेगी। वहीं नगर विकास विभाग की ओर से टीम को हर स्तर पर सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही वर्कशॉप और ट्रेनिंग प्रोग्राम भी संचालित किये जाएंगे।

ये पांच प्रणालियां विकसित करके गढ़ेंगे विकास के नये मानक

डाटा प्रबंधन प्रणाली :- डब्ल्यूआरआई इंडिया की टीम सीएम ग्रिड्स और अन्य राज्य में चल रही योजनाओं के तहत सड़क विकास और विस्तार जैसी प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति को ट्रैक और मॉनीटर करेगी। इसके लिए एक पूरी प्रणाली को तैयार करने में योगी सरकार की मदद करेगी।

नगरीय बाढ़ स्टॉर्मवाटर मैनेजमेंट प्रणाली :- डब्ल्यूआरआई इंडिया की टीम राज्य स्तर पर स्टॉर्मवाटर प्रबंधन के लिए रणनीति विकसित करने में सरकार की मदद करेगी। इसमें आधारभूत डेटा विश्लेषण तैयार करना और विकास के लिए आवशयक उपकरण शामिल हैं, जैसे गैप विश्लेषण, वर्षा-अपवाह सिमुलेशन और बाढ़ मॉडलिंग।

कैपिसिटी बिल्डिंग प्रणाली :- डब्ल्यूआरआई इंडिया की टीम नगरीय प्रशासन को जलवायु और पर्यावरण के अनुकूल विकास जैसे क्षेत्रों में ट्रेनिंग और कैपिसिटी बिल्डिंग का भी कार्य करेगी। योगी सरकार अपने अधिकारियों और स्टेक होल्डर्स के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजिए करवाएगी।

क्लाइमेट फ्रेंडली अर्बन प्लानिंग :- डब्ल्यूआरआई इंडिया की टीम प्रदेश के शहरों में स्थानीय अधिकारियों को क्लाइमेट फ्रेंडली अर्बन प्लानिंग करने के लिए सहायता प्रदान करेगी। टीम इसके लिए अपना मार्गदर्शन और डेटा विकसित करने के लिए नगरीय विकास विभाग के साथ सहयोग करेगी।

इलेक्ट्रिक वाहन नीति को एग्जिक्यूट करने की प्रणाली :- डब्ल्यूआरआई इंडिया की टीम राज्य के भीतर ई-मोबिलिटी के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए अपने सुझाव देगी। इसके साथ उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति 2022 के को एग्जिक्यूट करने में अपनी सहायता प्रदान करेगी। यूपी के शहरों का होगा कायाकल्प