सीएम योगी ने लेफ्ट के आखिरी किले में भाजपा की विजय का शंखनाद किया

73



आज दुनिया कोविड प्रबंधन में फेल होने के लिए केरल सरकार पर हंस रहीकेरल में एलडीएफ हो या यूडीएफ दोनों ही भ्रष्टाचार में लिप्तबोले- लव जेहाद पर केरल की सरकार ने कुछ नहीं किया, हमने कानून बनाया।

कासरगोड/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केरल के कासरगोड में लेफ्ट के आखिरी किले में भाजपा की विजय का शंखनाद कर दिया। उन्होंने कहा कि केरल में चाहे एलडीएफ रहा हो या यूडीएफ दोनों ही भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। उन्होंने यूपी का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे कोविड मैनेजमेंट की सराहना डब्ल्यूएचओ तक ने की, आखिर कोविड नियंत्रण केरल में क्यों नहीं होता है? केरल की सरकार पहले यूपी के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हंसती थी, लेकिन आज दुनिया कोविड प्रबंधन में फेल होने के लिए केरल की सरकार पर हंस रही है। केरल सरकार को जनता के सामने इसका जवाब देना चाहिए।


यह बातें उन्होंने आज केरल भाजपा की विजय यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि केरल में सीपीएम की सरकार हो या इससे पहले कांग्रेस की सरकार रही हो, इन लोगों ने सिर्फ अराजकता ही फैलाई। इसी धरती पर केरल की उच्च न्यायालय ने 2009 में लव जिहाद को लेकर चेताया था, लेकिन यहां की सरकार ने आज तक कोई काम नहीं किया, लेकिन उत्तर प्रदेश के अंदर कुछ ही मामले आए थे, हमने उस पर तुरन्त सख्त कानून बनाकर कार्यवाही करना शुरू कर दिया। लव जेहाद केरल जैसे राज्य को इस्लामिक राज्य बनाने की साजिश का हिस्सा है। हमें इसके खिलाफ जागरूक होना पड़ेगा। इसीलिए आज केरल की आवश्यकता है भाजपा। भाजपा न केवल आपको समृद्धि का, बल्कि हर किसी को बिना भेदभाव के सुरक्षा की गारंटी भी देगी।


उन्होंने कहा कि केरल में वर्तमान सरकार कैसे जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है, इसका उदाहरण सबरीमाला प्रकरण है। एक तरफ सबरीमाला के नाम पर जनभावनाओं का कार्य यहां की सरकार करती है और दूसरी तरफ कुछ ऐसे संगठनों को अराजकता फैलाने की छूट दी जाती है, जो यहां के मंदिरों और चर्चों पर हमला करके जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। केरल जैसे राज्य में सत्ता के संरक्षण में इस प्रकार की अराजकता फैलेगी, तो स्वभाविक रूप से ऐसे तत्वों के दुस्साहस बढ़ेंगे। जिन्होंने अभी हाल ही में अपनी एक रैली में आरएसएस के बारे में किस प्रकार की पोस्टरबाजी की थी। हमें समय रहते इस प्रकार की साजिश के खिलाफ या साजिश की हिस्सा यहां की सरकार बन रही, उसके खिलाफ सतर्क होकर प्रत्येक केरलवासी को जागरूक करना होगा। केरल की सरकार सबरीमाला के प्रकरण में जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करती है, लेकिन आपने देखा होगा कि उत्तर प्रदेश में जनभावनाओं का सम्मान करते हुए अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर के निर्माण के कार्य का शुभारंभ किया है। यह केवल मंदिर नहीं, बल्कि भारत की आस्था को सम्मान देने का कार्य किया है।

सीपीएम की सरकार कर रही तमाम देश विरोधी संगठनों का पालन पोषण
उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सीपीएम की सरकार यहां पर तमाम ऐसे संगठनों को अराजकता फैलाने की खुली छूट दे रही है, जो न केवल सुरक्षा के लिए, बल्कि एकता और अखंडता के लिए भी गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं। दूसरी तरफ, यहां पर न केवल मनुष्यों को आपस में बांटा है, बल्कि इस सरकार ने तो बैंकों को भी बांटने का कार्य किया था। यह इस सरकार की विभाजनकारी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।

आखिर केरल में इन योजनाओं का लाभ क्यों नहीं हो पा रहा है….?
उन्होंने कहा कि केरल में यहां का युवा ईमानदारी से नौकरी न मिलने के कारण पलायन के लिए मजबूर हो रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश में हमने चार साल में चार लाख लोगों को सरकारी नौकरी पूरी पारदर्शिता के साथ दी है। केंद्र सरकार की मदद से यूपी में 30 नए मेडिकल कॉलेज, 40 लाख गरीबों को पीएम आवास, एक करोड़ 38 लाख से अधिक लोगों को बिजली कनेक्शन, दो करोड़ 61 लाख से अधिक लोगों को शौचालय दिया गया है। यही नहीं, आयुष्मान भारत के तहत 10 करोड़ लोगों को 5 लाख स्वास्थ्य बीमा का कवर भी दिया है। आखिर केरल में इन योजनाओं का लाभ क्यों नहीं हो पा रहा है? क्योंकि केरल की सरकार रुचि नहीं लेती है।

केरल के विकास में नहीं, बल्कि सीपीएम के कैडर के विकास में रुचि
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन की शुरूआत की, लेकिन केरल की सरकार एक तो इसे समयबद्ध ढंग से लागू नहीं कर पा रही है और दूसरा इस योजना को भी अपने नाम पर चस्पा कर जबरन इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रही है, यानि आवास भी नहीं देगी गरीबों को, गरीबों का शौचालय भी नहीं बनाएगी, आयुष्मान भारत का लाभ भी गरीबों को नहीं उपलब्ध होगा और कोई योजना केंद्र सरकार की ओर से गरीबों के लिए शुरू कराई जाती है तो उस योजना में भी केंद्र सरकार का नाम कटवाने का प्रयास होता है। इनका केरल के विकास में नहीं, बल्कि केवल सीपीएम के कैडर के विकास में इनकी रुचि है और सीपीएम के कैडर के विकास के लिए केरल की जनता के साथ धोखा बंद होना चाहिए।