उप मुख्यमंत्री ने योगी नेतृत्व को नाकारा…

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उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौय से ये पूछा गया कि विधानसभा 2022 का चुनाव भाजपा किसके नेतृत्व में लड़ेगी ? इस पर उन्होंने सीधे सीधे कहा कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कमल के नेतृत्व में लड़ेगी।गृह मंत्री अमित शाह की बात से केशव मौर्या सहमत नही। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि भाजपा कमल के फूल के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी,अभी कल ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था अगर मोदी जी को 2024 में प्रधानमंत्री बनाना है तो 2022 में योगी जी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ेगा।

  2022 के उत्तर प्रदेश चुनावों में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी और कमल के फूल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. ये बातें श्री मौर्य ने पूछे गए एक सवाल के जबाव में हाथरस में रविवार को तालाब चौराहे पर ओवरब्रिज का उद्घाटन करने के दौरान मीडिया से कहीं.केशव मौर्य ने कहा है कि पार्टी कमल के फूल के नाम पर चुनाव लड़ेगी. केशव प्रसाद मौर्य का ये बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कह चुके हैं 2022 में योगी की जीत ही मोदी की जीत है. विधानसभा चुनाव में नेतृत्व के सवाल पर मौर्य ने कहा था कि, जब सरकार नहीं होती तो स्वाभाविक रूप से लोग मानने लगते हैं कि जो अध्यक्ष होगा वही सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनेगा. लेकिन वर्तमान में ”योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं. अभी तो हम भी मान रहे हैं और बाकी भी सभी मान रहे हैं कि 2022 के जब परिणाम आएंगे तो योगी जी ही मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन, ये मेरे द्वारा नहीं कहा जा सकता है.

अमित शाह ने साफ लाइन में कहा कि अगर 2024 में मोदी को जिताना है, तो 2022 में योगी को मुख्यमंत्री बनाना होगा. शाह के इस वक्तव्य को उत्तर प्रदेश में नेतृत्व के सवालों पर पूर्ण विराम समझा गया. माना गया कि शाह ने संगठन और जनता, दोनों को समझा दिया कि 2022 के लिए भाजपा का दांव योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर ही है. पर क्या शाह संगठन में नेतृत्व के सवाल को पूरी तरह सॉल्व कर पाए… ?

 2017 के विधानसभा चुनावों के परिणाम जब सामने आए तो मुख्यमंत्री बनने की रेस में केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी फ्रंट लाइन में समझा जा रहा था. ऐसा इसलिए भी क्योंकि माना जा रहा था कि भाजपा को सत्ता में लाने के लिए गैर यादव ओबीसी जातियों के सपोर्ट ने अहम भूमिका निभाई थी और इसमें केशव प्रसाद मौर्य का अहम रोल समझा गया. हालांकि तब भाजपा ने चौंकाते हुए मुख्यमंत्री के लिए योगी आदित्यनाथ का नाम आगे कर दिया था.आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा को 2017 की ही तरह ओबीसी वोटों की तलाश है. इस बीच, पार्टी के सामने कुछ नई चुनौतियां भी मानी जा रही हैं. पूर्वांचल में जहां ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश संग अलग राह पकड़ ली है, तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन ने भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी की हैं.

उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, ये फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा. केंद्रीय संसदीय बोर्ड है और जो केंद्रीय पर्यवेक्षक आएंगे उनके जरिए उस समय जो विधायक दल होगा उसके जरिए तय किया जाएगा.”केशव मौर्य लगातार ये कहते रहे हैं कि चुनाव नतीजों के बाद चुने हुए विधायक नए सीएम का चुनाव करेंगे. हाल ही में उन्होंने कहा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में 2024 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई होने वाली है क्योंकि ‘दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है.’ उत्तर प्रदेश के चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़े जाने की बात कहते हुए उन्होंने ये भी स्पष्ट किया था कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का फैसला केंद्रीय नेतृत्व और निर्वाचित विधायक करेंगे.