उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन की जीत-लौटनराम निषाद

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चौ.लौटनराम निषाद
भाजपा ने अतिपिछड़ी जातियों को धोखा दिया-लौटन राम निषाद

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”] एकलौते पुत्र की मृत्यु से अधिक सदमा पहुंचा है संविधान विरोधी भाजपा की सरकार बनने पर।भाजपा की सरकार जनमत की नहीं इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन की जीत की है।”सपा पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष पद से पदच्युत कराने व सपा से दूर कराने में रही सामंती व सामाजिक न्याय विरोधी ताकतों की साज़िश”।उदयवीर सिंह,आनन्द भदौरिया से सपा को पीछा छुड़ा लेना चाहिए,इसी में सपा की भलाई है।

लखनऊ। भारतीय पिछड़ा दलित महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौ.लौटनराम निषाद ने पिछड़ों,वंचितों,दलितों के हित में समाजवादी पार्टी को बिना देर किए अपने को सपा का रणनीतिकार व चाणक्य बनने वाले उदयवीर सिंह,आनन्द भदौरिया जैसे लोगों से बिना देर किए पीछा छुड़ा लेना चाहिए।उन्होंने कहा कि ये सपा के लिए घुन व दीमक है जो पिछड़ों,दलितों को सपा से दूर करने का काम करते हैं।एमएलसी चुनाव लड़ने से मना करने वाले आनन्द भदौरिया व एटा मैनपुरी कासगंज मथुरा स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र विधान पार्षद चुनाव के लिए सपा के घोषित उम्मीदवार उदयवीर सिंह द्वारा पर्चा छीनने का नाटक करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाने का सपा प्रमुख से आग्रह किया है।उन्होंने कहा कि इनके 10 वोट के चक्कर में सपा को सैकड़ों सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा है।आनन्द भदौरिया,उदयवीर सिंह,अनुराग भदौरिया जैसे लोग कहने को समाजवादी हैं,पर अंदरखाने भाजपा के लिए काम करने वाले एजेंट हैं।
निषाद ने कहा कि 8 मिशन 2022 में सपा सरकार न बनने का कष्ट एकलौते पुत्र की मृत्यु से भी अधिक है।

अपनी हार्दिक इच्छा थी कि संविधान, लोकतंत्र,सामाजिक न्याय व पिछड़ों,दलितों के सम्मान की रक्षा के लिए सपा की सरकार बने।उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जी ने जिस मकसद के लिए लौटनराम निषाद को समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बनाये थे,उसी पद के अनुरूप काम कर रहा था,अम्बेडकर,बीपी मण्डल,कर्पूरी ठाकुर,बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा,ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, छत्रपति शाहू जी महाराज,रामचरण निषाद, रामप्रसाद अहीर,राजाराम कहार,शिवदयाल चौरसिया,पेरियार,ललई सिंह यादव आदि महापुरुषों की विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रहा था।पर,उदयवीर सिंह,आनन्द भदौरिया,नरेश उत्तम पटेल,पवन पांडेय,सन्तोष पांडेय,अभिषेक मिश्रा आदि जैसे लोगों ने पद से हटवाने का षडयंत्र किये।परशुराम की प्रतिमा स्थापित कराने का प्रतिकार व राम के प्रति आस्था न रखने का सवाल सामाजिक के मुद्दे हमारा निजी मत था जो संविधान सम्मत था,पर ओबीसी,एससी, एसटी,माइनॉरिटी में हमारी बढ़ती लोकप्रियता से हवाई नेताओं की राजनीति खतरे में दिख रही थी।

इसलिए साज़िश कर प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया।हमारी पुनर्वापसी नहीं हुई,उसके पीछे इसी उदयवीर सिंह का हाथ थस।निषाद ने कहा कि लौटनराम निषाद सपा में रह होता तो भाजपा की सरकार कत्तई नहीं बनती।लौटनराम निषाद को भाजपा पद से हटवाने के मकसद में उदयवीर व अभिषेक मिश्रा द्वारा सफल रही।लौटनराम निषाद ने कहा कि लौटनराम निषाद सामाजिक न्याय का कट्टर समर्थक अम्बेडकरवादी, मंडलवादी, कर्पूरीवादी,पेरियारवादी सिपाही है।शुरुआत दौर में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जी से जिस तरह का सम्बंध था,विधानसभा चुनाव तक रहा होता तो सपा कम से कम 300 सीट जीतकर सरकार बनाती।उन्होंने कहा कि मण्डलविरोधी कभी समाजवादी व सामाजिक न्याय का पैरोकार नहीं हो सकता।लौटनराम निषाद जहां भी और जिस हाल में रहेगा,अम्बेडकरवाद,मंडलवाद,कर्पूरी वाद आधारित सामाजिक न्याय से निजस्वार्थ में समझौता नहीं कर सकता। [/Responsivevoice]