खिरियाबाग आंदोलनकारियों पर से तत्काल मुकदमा वापस ले सरकार

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खिरियाबाग आंदोलनकारियों पर से तत्काल मुकदमा वापस ले सरकार
खिरियाबाग आंदोलनकारियों पर से तत्काल मुकदमा वापस ले सरकार

आजमगढ़/खिरियाबाग- अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर जमीन छीनने के विरोध में खिरिया बाग में 188 दिन धरना जारी रहा. खिरिया बाग के किसानों मजदूरों ने मैगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित डाक्टर संदीप पाण्डेय, किसान नेता राजीव यादव, अधिवक्ता विनोद यादव, रामनयन यादव, पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव, किस्मती देवी, नीलम समेत 60-70 अज्ञात के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करने को बदले की कार्रवाई कहा.खिरियाबाग आंदोलनकारियों पर से तत्काल मुकदमा वापस ले सरकार.

किसानों मजदूरों ने कहा कि 2 फरवरी 2023 को जिलाधिकारी कार्यालय में एसपी आजमगढ़ द्वारा कहा गया कि हमने किसान आंदोलन के प्रति सहानुभूति रखी और कोई एफआईआर नहीं दर्ज हुई. ऐसे में 27 दिसंबर 2022 को उन्हीं से मिलने गए किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज करना एक साजिश का हिस्सा है. किसान नेताओं पर कोतवाली आजमगढ़ में धारा 143, 145, 149, 188, 353 में दर्ज मुकदमें ने प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक तरफ जहां जिलाधिकारी परियोजना स्थगित करने का मौखिक आश्वाशन दे रहे हैं वहीं एसटीएफ द्वारा 24 दिसंबर 2022 को किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव का अपहरण और फिर 2 फरवरी 2023 को आजमगढ़ जिलाधिकारी वार्ता से लौट रहे किसान नेता विरेंद्र यादव और राजीव यादव के अपहरण की कोशिश की घटना ने साफ कर दिया है कि आपराधिक और गैर कानूनी कुचक्र में किसान नेताओं को फंसा कर सरकार आंदोलन का दमन करना चाहती है.

धरना दे रहे किसानों मजदूरों और आजमगढ़ के लोगों के खिलाफ हेट स्पीच देने वाले सांसद दिनेश लाल निरहुआ और किसान नेताओं का अपहरण करने वाले मुख्य अपहरणकर्ता के मोबाइल पर SSP AZH के नंबर से फोन आने वाले अपहरणकर्ता के खिलाफ मुकदमा न दर्ज कर किसान नेताओं पर मुकदमा दर्ज करना बताता है कि शासन प्रशासन किसानों मजदूरों को अपना विरोधी मानकर कार्रवाई कर रहा है.

किसानों ने कहा कि दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि मंदुरी एयरपोर्ट विस्तारीकरण के अधिगृहित भूमि के विरोध में कुछ लोग इकट्ठा होकर नारेबाजी कर रहे, इससे यह प्रतीत होता है कि जो परियोजना शासन में विचाराधीन है उसके नाम पर भूमि अधिग्रहण कर लिया गया है. जो एक अपराध है. इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, यह भूमि घोटाला है. क्योंकि 15 से 20 जनवरी 2023 के बीच में सहमति पत्र के नाम पर कुछ कागजों अपर दस्तखत करवाने की सूचना आई थी जिसको जिलाधिकारी ने स्वीकारते हुए रोकने की बात कही थी.

खिरिया बाग आंदोलन के समर्थन में मैगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित समाजसेवी डॉक्टर संदीप पाण्डेय 24 दिसंबर 2022 को वाराणसी से पदयात्रा करने जा रहे थे जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. संदीप पाण्डेय से मुलाकात कर लौट रहे किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव का दिन दहाड़े एसटीएफ ने ढाई बजे के करीब तरांव बाई पास रोड, चोलापुर, वाराणसी से अपहरण कर लिया था. भारी जन दबाव के चलते रात में कंधरापुर थाना प्रभारी द्वारा आजमगढ़ सदर तहसील में पेश किया गया. इस मामले को लेकर 26 दिसंबर को जब खिरिया बाग के किसान मजदूर एसपी आजमगढ़ से शिकायत करने पहुंचे तो महिलाओं को कार्यालय परिसर में जाने से रोका गया. प्रशासन और आंदोलनकारियों की वार्ता के बाद महिलाएं आगंतुक कक्ष में गई और संदीप पाण्डेय, राजीव यादव ,रामनयन यादव, विनोद यादव, किस्मती, नीलम जिन्होंने वार्ता की उनके समेत विरेंद्र यादव व अन्य 60-70 अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ 143, 145, 149, 188, 353 के तहत 27 दिसंबर 2022 को दर्ज कर दिया गया. जिसकी सूचना 2 महीने बाद दी गई, यानी की मुकदमा बैक डेट में लिखा गया. क्योंकि आजमगढ़ एसपी ने 2 फरवरी को किसी भी कानूनी कार्रवाई से इंकार किया था.

जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष मंडल सदस्य रामनयन यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह से मिलने की पेशकश की गई थी जिनसे मिलने नहीं दिया गया तो काला दिवस मनाते हुए काला झंडा दिखाया गया, इसी बौखलाहट में प्रशासन ने पहले से दर्ज एफआईआर को एकाएक देकर धमकाने का प्रयास किया. पुलिस आई थी कहा कि एसपी से मिल लीजिए, हम मिलेंगे नहीं, एसपी तत्काल मुकदमा वापस लें. खिरियाबाग आंदोलनकारियों पर से तत्काल मुकदमा वापस ले सरकार