पशुपालन को उद्योग के रूप में विकसित करेगी सरकार

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पशुपालन को उद्योग के रूप में विकसित करेगी सरकार
पशुपालन को उद्योग के रूप में विकसित करेगी सरकार

अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार के निर्देश पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अयोध्या डा0 जगदीश प्रसाद ने बताया कि पशुपालन को लघु उद्योग के रूप में विकसित करना सरकार की प्राथमिकताओं में है। वर्तमान समय में प्रदेश में 1.60 करोड़ अंडा उत्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है जो कि प्रतिदिन उपभोग किये जाने वाले 2.50 करोड़ अण्डों से काफी कम है जिसकी पूर्ति हेतु प्रतिदिन 90 लाख अण्डा अन्य प्रदेशों से आयात किया जा रहा है। कुक्कुट उत्पाद में मांग के सापेक्ष उपलब्धता में अंतर (गैप) को पूर्ण कर प्रदेश को आत्म निर्भर बनाने तथा निर्यातोन्मुखी बनाने की दृष्टि से उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति 2022 निर्गत की गयी है जिसके अंतर्गत निम्नलिखित योजनाए प्रारम्भ की गयी हैं। पशुपालन को उद्योग के रूप में विकसित करेगी सरकार

10000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर इकाई इकाई लागत 99.53 लाख बैंक ऋण 70 प्रतिशत 69.67 लाख, मार्जिन मनी 30 प्रतिशत 29.85 लाख इकाई में एक वर्ष की अनुमानित शुद्ध आय रु0 22.40 लाख, 30000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर इकाई इकाई लागत 256.69 लाख बैंक ऋण 70 प्रतिशत 179.69 लाख, मार्जिन मनी 30 प्रतिशत 77.99 लाख इकाई में एक वर्ष की अनुमानित शुद्ध आय रु0 74.13 लाख, 60000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर इकाई इकाई लागत 491.90 लाख बैंक ऋण 70 प्रतिशत 344.33 लाख, मार्जिन मनी 30 प्रतिशत 147.59 लाख इकाई में एक वर्ष की अनुमानित शुद्ध आय रु0 159.06 लाख, 10000 पक्षी क्षमता ब्रायलर पैरेंट इकाई इकाई लागत 289.07 लाख बैंक ऋण 70 प्रतिशत 202.34 लाख, मार्जिन मनी 30 प्रतिशत 86.72 लाख इकाई में एक वर्ष की अनुमानित शुद्ध आय रु0 97.93 लाख है।

योजना हेतु बैंक ऋण पर 05 वर्षों तक 7 प्रतिशत अथवा बैंक द्वारा निर्धारित व्याज दर (इनमे से जो भी कम हो) पर व्याज की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी। योजनान्तर्गत 10000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर इकाई के लिए 01 एकड़ 30000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर इकाई के लिए 2.5 एकड़, 60000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर इकाई के लिए 04 एकड़, 10000 पक्षी क्षमता ब्रायलर पैरेंट इकाई के लिए 04 एकड़ भूमि लाभार्थी के स्वमित्व में अथवा कम से कम 10 वर्ष की लीज पर होना अनिवार्य है।

इसी तरह राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में बकरी/भेड़ पालन योजना के अंतर्गत इकाई क्षमता 105 (100 नऱ़+05 मादा) हेतु अधिकतम अनुदान 10 लाख, इकाई क्षमता 210 (200 नऱ+10 मादा) हेतु अधिकतम अनुदान 20 लाख इकाई क्षमता 315 (300 नऱ+15 मादा) हेतु अधिकतम अनुदान 30 लाख इकाई क्षमता 420 (400 नऱ+20 मादा) हेतु अधिकतम अनुदान 40 लाख इकाई क्षमता 525 (500 नऱ+25 मादा) भेड/बकरी पालन हेतु अधिकतम अनुदान 50 लाख का प्रावधान है। उद्यमी योजना में आवेदन एवं विस्तृत जानकारी हेतु नजदीकी पशु चिकित्सालय अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय से संपर्क करें। पशुपालन को उद्योग के रूप में विकसित करेगी सरकार