महंगी बिजली खरीदकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी सरकार- संजय सिंह

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कोयले का संकट दिखाकर अडानी से महंगी बिजली खरीदकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी भाजपा सरकार मतलब साफ है… कोयले का संकट पैदा करो फिर अडानी से महंगी बिजली और कोयला खरीदो


लखनऊ। यूपी में भीषण गर्मी में गहराए बिजली संकट पर कोयले पर की जा रही राजनीति पर AAP सांसद संजय सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यूपी की आदित्यनाथ सरकार कोयले की कमी दिखाकर एक और भ्रष्टाचार करने जा रही है। उन्होंने सोमवार को ट्विट करते हुए योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्विट में एक खबर का जिक्र करते हुए लिखा है कि ‘अगर कोयले का उत्पादन 27% बढ़ा है तो कोयले का संकट कैसे हो गया? मतलब साफ़ है मामला भ्रष्टाचार का है। पहले कोयले का संकट पैदा करो फिर अडानी से महंगी बिजली और कोयला ख़रीदो। जनता को महँगी बिजली दो।’
 
आप सासंद संजय सिंह ने अपने दूसरे ट्विट में लिखा है कि ‘कोल इंडिया ने तो उत्पादन में सारे रिकार्ड तोड़ दिये तो क्या ये “कृत्रिम कोयला संकट” अडानी के लिये खड़ा किया गया है?  चंद पूँजीपति मितरो को फ़ायदा पहुंचाने के लिये मोदी जी ने तो पूरे देश को संकट में डाल दिया। क्या यही सच्ची देशभक्ति है? ‘आप सांसद ने कहा कि एक तरफ समाचार पत्रों में छपी खबरें बता रही हैं कि यूपी में कोयले की कमी नहीं है। दूसरी तरफ आदित्यनाथ सरकार कोयले संकट बताकर यूपी की भोली-भाली जनता को बेवकूफ बना रही है। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में बिजली का संकट यूपी की जनता के लिए सबसे बड़ी आफत बन गया है।
 
आप सांसद ने कहा कि हमेशा बड़े कारोबारियों, पूंजीपतियों का साथ देने वाली बीजेपी सरकार इस आड़ में अडानी से महंगी बिजली और कोयला ख़रीदने की फिराक में लगी है। संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी की सरकार नफरत की राजनीति करने के साथ जनता को हर मुद्दे पर केवल परेशान करने का काम कर रही है। बिजली संकट, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा करने से वो इसीलिए बच रही है। उन्होंने दिल्ली सरकार का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि बिजली का संकट तो देश भर में है लेकिन अभी तक दिल्ली में आप सरकार ने सबकुछ अभी तक व्यवस्थित कर रखा है। उन्होंने आदित्यनाथ सरकार से बिजली संकट का जल्द समाधान निकालने और इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि राज्य की सरकार का कर्तव्य जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है।