बसों की आय पर्याप्त न होने पर ट्रैफिक सर्वे करें-दयाशंकर सिंह

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बसों की आय पर्याप्त न होने पर ट्रैफिक सर्वे करें-दयाशंकर सिंह
बसों की आय पर्याप्त न होने पर ट्रैफिक सर्वे करें-दयाशंकर सिंह

सभी क्षेत्रीय अधिकारी अधिसूचित/गैर अधिसूचित मार्गों के लिए रूट फॉर्मूलेट हेतु 25 अक्टूबर तक भेजें प्रस्ताव। बसों की आय पर्याप्त न होने पर ट्रैफिक सर्वे करें।

ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप प्रदेश के सभी गॉवों को परिवहन बस सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में परिवहन निगम तेजी से कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि जनसामान्य की अपेक्षानुरूप व व्यापक जनसेवा विद्यमान 460 अधिसूचित मार्गों को सुसंगत रूप से लघुकृत व गैर अधिसूचित सहित अधिसूचित मार्गों को युग्मित करने का प्रस्ताव 25 अक्टूबर तक मुख्यालय को प्राप्त हो जायेगा। तत्पश्चात चिन्हित किये मार्गों पर परिवहन निगम अपनी बस सेवायें उपलब्ध करायेगा।
परिवहन मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद मार्गों को अधिसूचित करने संबंधी अधिसूचनायें 1950 के दशक में निर्गत हुई थी। उसके बाद बड़ी संख्या में नये मण्डल/जनपद/तहसील/खण्ड विकास कार्यालय आदि सृजित हुए। गॉव एवं कस्बे नगर के रूप में विकसित हुए। परन्तु शासकीय अधिसूचनायें यथावत रहीं। उन्होंने कहा कि इसी के दृष्टिगत क्षेत्रों से नवीन रूटों को चिन्हांकित कराने का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में परिवहन निगम द्वारा गैर अधिसूचित मार्गों सहित 17729 किमी0 लम्बे अधिसूचित रूटों पर बस सेवायें दी जा रही हैं। जो कि प्रांत के कुल मार्गों का 6.78 प्रतिशत मात्र है। बसों की आय पर्याप्त न होने पर ट्रैफिक सर्वे करें-दयाशंकर सिंह


परिवहन मंत्री ने कहा कि परिवहन निगम की टीम द्वारा किये गये एक सर्वे के तहत उ0प्र0 में कर्नाटक प्रान्त के सापेक्ष प्रतिदिन प्रतिबस सेवित यात्रियों की संख्या मात्र 20 प्रतिशत है। इसका कारण है कि छोटे गन्तव्यों के यात्रियों को सेवित करने का कार्य अभी तक नहीं हो सका। जिसकी अपार संभावनायें विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ-इटौजा-सिधौली-कमलापुर-सीतापुर रूट की अधिसूचना 12 फरवरी, 1951 के अधीन सृजित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इन क्षेत्रों में आवागमन के अनुरूप परिवहन सेवायें उपलब्ध कराने की मांग लगातार प्राप्त हो रही हैं।


परिवहन मंत्री ने बताया कि यदि किसी बस की आय पर्याप्त नहीं आ रही है तो ट्रैफिक सर्वे किया जाए। सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक नवीन बस सेवा के संचालन प्रतिफलों की दैनिक समीक्षा प्रथम एक माह तक स्वयं करें तथा चालक/परिचालक व यात्रियों का भी मत ग्रहण करें। बस का शेड्यूल अधिकाधिक यात्रियों को सेवित करने के अनुरूप बनाया जाए। जैसे गॉव से नगर बसें प्रातः चले न कि शाम को तथा सायंकाल सूर्यास्त तक गॉव में पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सेवाओं के चालक/परिचालक की व्यवहारिक समस्याओं के दृष्टिगत दो बसों को चलायंे। एक बस प्रतिदिन गॉव/कस्बे में रात्रि हाल्ट करे तथा दूसरी बस डिपो में रात्रि हाल्ट करे जिससे कि चालक परिचालक को प्रतिदिन किसी गॉव में रूकने की विवशता न हो।
परिवहन मंत्री ने कहा कि डिपो के बस बेड़े के 50 प्रतिशत की डिपो मुख्यालय के 50 किमी0 की परिधि में संचालित हो तथा इस सीमा का अतिक्रमण न हो। उन्होंने कहा कि स्थानीय मार्गों पर बसों के संचालन में वृद्धि से स्थानीय मार्गों पर अवैध रूप से संचालित वाहनों पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि बस सेवा को सफल बनाने के लिए बस सेवा को दो महीने तक निरापद रूप से शून्य स्थगन के साथ समयबद्धता पूर्वक चलाना सुनिश्चित करें। नवीन बसों के संचालन करते समय उसका लोकार्पण किसी जनप्रतिनिधि से कराया जाए। यदि दो माह के संचालन के प्रयास के उपरान्त भी नवसंचालित बस सेवा गन्तव्य तक नहीं पहुचती है तो मुख्यालय स्तर पर स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त ही बस सेवा बन्द की जाए। बसों की आय पर्याप्त न होने पर ट्रैफिक सर्वे करें-दयाशंकर सिंह