शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों खड़ी है योगी सरकार

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शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों खड़ी है योगी सरकार
शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों खड़ी है योगी सरकार

शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है सरकार। रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। विषम और अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी पुलिस ने प्रदेश में कानून का राज किया स्थापित।उत्तर प्रदेश पुलिस की उपलब्धियों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का भी किया उल्लेख।

लखनऊ। वर्ष 2022-23 में कर्तव्य की बेदी पर प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों में प्रदेश पुलिस बल के तीन बहादुर पुलिस कर्मी शामिल हैं। हमारे जांबाज पुलिस कार्मिकों का यह सर्वोच्च बलिदान हमें निरंतर कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा एवं दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। शहीद पुलिसजनों के परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी जरूरी कदम उठाने के लिए सदैव तत्पर रहेगी। पुलिसजन ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मान कर प्रदेश में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कानून व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त रखा। पिछले 6 वर्षों के दौरान प्रयागराज का दिव्य और भव्य कुंभ, लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2019, त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021, विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022, नगर निकाय सामान्य निर्वाचन 2023 को शांतिपूर्ण संपन्न कराने में प्रदेश पुलिस बल का उल्लेखनीय योगदान रहा है। यही नहीं प्रदेश पुलिस वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भी जनता की सहायता के लिए सदैव तत्पर रही है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में कहीं। इससे पहले उन्होंने परेड को सलामी दी। इस दौरान उन्हें शोक पुस्तिका सौंपी गयी। इसके बाद डीजीपी ने शोक पुस्तिका में दर्ज अमर शहीदों के नाम पढ़े। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस शहीद स्मारक स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को नमन किया। सीएम योगी ने कार्यक्रम में शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हे सम्मानित भी किया।

पिछले साढ़े छह वर्षों में डेढ़ लाख से अधिक पुलिस कर्मियों की हुई भर्ती

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि 1 नवंबर 2022 से 30 सितंबर 2023 के बीच कर्तव्य पालन के दौरान शहीद पुलिस कर्मियों के साथ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों, अन्य प्रदेश के अर्ध सैन्य बलों, भारतीय सेना में कार्यरत एवं मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 140 शहीद कार्मिकों के आश्रितों को 38 करोड़ 96 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गयी है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के जनपद या विभिन्न इकाइयों में नियुक्त पुलिस कार्मिकों की सुख-सुविधा के लिए शासन ने 3 करोड़ 50 लाख, कल्याण के लिए चार करोड़, कार्यरत और रिटायर्ड पुलिस कार्मिकों और आश्रितों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के 301 दावों के निस्तारण के लिए 45 लाख 50 हजार, पांच लाख से अधिक की चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 63 मामलों 3 करोड़ 87 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं। इसी तरह 103 पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अग्रिम रूप में 4 करोड़ 9 लाख, जीवन बीमा योजना के तहत बीमित 370 मृतक पुलिस कार्मिकों के आश्रितों को 10 करोड़ 12 लाख, 112 पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों द्वारा कराए गए कैशलेस उपचार में एक करोड़ 11 लाख, पुलिस कार्मिकों के 158 मेधावी बच्चों को शिक्षा निधि के माध्यम से 77,5000 की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है। वहीं अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित पुलिसकर्मी को सम्मानित करने एवं उनका मनोबल बढ़ाने के लिए गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2023 और स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 पर विशिष्ट सेवाओं के लिए पांच अधिकारी और कार्मिकों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक, 125 अधिकारियों और कार्मिकों को पुलिस पदक प्रदान किया गया। इसके साथ ही गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 1154 कार्मिकों को अति उत्कृष्ट सेवा पदक, 942 कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया। पांच राजपत्रित और राजपत्रित पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक प्रदान किए गए। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा 85 और अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह तथा 408 पुलिसकर्मी को सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न से सम्मानित किया गया। इसके अलावा पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश का प्रशंसा चिन्ह डीजी कमेंडेशन डिस्क, 40 प्लैटिनम, 104 गोल्ड और 777 सिल्वर राजपत्रित और राजपत्रित पुलिसकर्मियों को प्रदान किए गए। सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद पुलिस बल के विभिन्न पदों पर 1,51,985 भर्ती की गई, जिनमें से 22044 से अधिक महिला कार्मिक शामिल हैं। इसके साथ ही पुलिस विभाग के विभिन्न विभिन्न पदों पर 134235 कार्मिकों को पदोन्नति भी प्रदान की गई। साथ ही 65,389 पदों पर भर्ती प्रक्रिया और 11,885 पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है।

पुलिस कार्रवाई में 190 दुर्दांत अपराधी हुए ढेर

प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ कर जन मानस में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करना एवं अपराधियों में कानून का भय पैदा करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में प्रदेश पुलिस बल के बजट में दोगने से अधिक की वृद्धि की गई है। वर्ष 2017-18 में कुल बजट 16,115 करोड़ 18 लाख रुपये का था, जो वर्ष 2022-23 में 37,109 करोड़ 99 लाख हो गया। सीएम ने कहा कि वहीं पुलिस बल को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की गई। वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस कार्य के लिए 2 करोड़ 81 लाख 82 हजार रुपए आवंटित किए गए। वर्ष 22-23 में 122 करोड़ 50 लाख रुपए पुलिस आधुनिकीकरण के लिए आवंटित किए गए। पुलिस बल की क्रियाशीलता एवं प्रभाव में वृद्धि के लिए विभिन्न जनपदों में 39 नये थाने, एक महिला थाना, 6 नारकोटिकस थाना, 36 पुलिस चौकियां एवं एक जल पुलिस चौकी की स्वीकृति भी प्रदान की गई। सीएम योगी ने बताया कि हमारी सरकार की अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस के नीति है। इसके तहत विभिन्न जनपदों में मार्च-17 से सितंबर-23 तक 190 दुर्दांत अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। इस कार्रवाई में 5191 अपराधी घायल हुए। वहीं पुलिस बल के 16 जवान शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। कार्रवाई में 1478 पुलिस कर्मी घायल भी हुए। प्रदेश में अपराधियों के प्रति कड़ा शिकंजा कसने के लिए गैंगस्टर एक्ट के तहत 69332 तथा एनएसए में 887 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की गई। प्रदेश के चिन्हित माफिया के 44 मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर 20 माफिया तथा उनके 38 सह अपराधी समेत कुल 58 को आजीवन कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा कराई गई। इनमें दो को फांसी भी हुई। वहीं 68 कुख्यात माफिया और अपराधियों के साथ बैंक के सदस्यों द्वारा अवैध कृतियों में अर्जित संपत्ति 36,50 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया। इसके साथ ही माफिया की अवैध संपत्ति का जब्तीकरण करते हुए उन पर निम्न वर्ग के लिए आवास भी बनाए जा रहे हैं।

पूरे प्रदेश में 10,378 महिला बीट का किया गया आवंटन

प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण के लिए गठित एंटी रोमियो स्क्वाड द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इससे खासतौर पर बालिकाओं की सुरक्षा की भावना सुदृढ़ हुई है। महिला सुरक्षा के लिए गठित विशेष दल ने 30 सितंबर-23 तक 29,91,125 स्थानों पर संघन तलाशी करते हुए 7,300 अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 49 लोगों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जबकि 47,53,746 लोगों को चेतावनी दी गई। इतना ही नहीं प्रदेश के प्रत्येक थाने में महिला बीट आरक्षी तथा महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। सभी जनपदों में 15,130 महिला पुलिस कार्मिकों को नियुक्त करते हुए 10,378 महिला बीट का आवंटन भी किया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस को पूरे देश में सर्वाधिक अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता मिली है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश पूरे देश में लगातार 3 वर्षों से प्रथम स्थान पर है। महिलाओं और बच्चों के संबंध में वर्तमान में कुल रजिस्टर्ड मुकदमों के सापेक्ष डिस्पोजल रेट 98.28 के आधार पर उत्तर प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। वर्तमान में 17 नगर निगमन तथा गौत बुद्ध नगर को सेफ सिटी के रूप में विकसित करने का काम यूपी पुलिस बल ने अपने हाथों में लिया है। इसके साथ ही 1,21,148 पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदेश के 19,73,144 सभ्रांत व्यक्तियों से नियमित संवाद सुनिश्चित किया जा रहा है।

प्रदेश में एक अभियान के तहत धार्मिक स्थलों से 98,639 लाउडस्पीकर हटाए गए जबकि 1,00,439 लाउडस्पीकर की ध्वनि को मानक के अनुसार कम करवाया गया। वहीं 31 मार्च 2017 से 30 सितंबर 2023 तक पुलिस द्वारा फुट पेट्रोलिंग के माध्यम से एक करोड़ 4 लाख से अधिक स्थानों पर चेकिंग की गयी। इस दौरान 5 करोड़ 50 लाख से अधिक संदिग्ध व्यक्तियों को चेतावनी देकर छोड़ा गया। साथ ही अवैध मादक पदार्थों पर नकेल कसने के लिए एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। 6 नारकोटिक थाने गाजीपुर, बाराबंकी, गोरखपुर, मेरठ, सहारनपुर और झांसी में स्थापित किए गए। वहीं जोन स्तर पर आठ ऑपरेशनल यूनिट मेरठ, गोरखपुर, लखनऊ, बरेली, आगरा, वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज की स्थापना की गई, जिनमें से 6 यूनिट मेरठ, गोरखपुर, लखनऊ, बरेली, आगरा और वाराणसी क्रियाशील हैं। वहीं 1 जनवरी 2022 से 24 सितंबर 2023 तक अवैध ड्रग व मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान चला करके 1497 करोड़ 45 लाख 73000 से अधिक के मादक पदार्थों की बरामदगी भी की गई। इस दौरान 76,698 हजार अभियोग पंजीकृत कर प्रभावी पैरवी के माध्यम से 1970 में सजा भी दिलाई गई है। कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।