बिल्डर्स बायर्स के हितों को संरक्षित करने के निर्देश

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नोएडा/लखनऊ। इंदिरा गांधी कला केन्द्र सेक्टर-6 नोएडा में मुख्य सचिव सरकार की अध्यक्षता में नौएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तथा यमुना एक्सप्रेसवे-औधोगिक विकास प्राधिकरण के बिल्डर- बायर्स की समस्याओं के संबंध में समीक्षा की गयी। बैठक में अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव, औधोगिक एवं अवरथापना विभाग, उ0प्र0 सरकार, नरेन्द्र भूषण, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, ग्रेटर नोएडा, रितु माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नौएडा, डा० अरुणवीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यमुना एक्सप्रेस-वे औधोगिक विकास प्राधिकरण, आलोक सिंह, पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्धनगर सुहास एल वाई, जिलाधिकारी, गौतमबुद्धनगर एवं प्राधिकरणों के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उपस्थित रहे।

बिल्डर्स बायर्स द्वारा प्रमुख रुप से निम्न समस्याओं के संबंध में अवगत कराया गया
1. बिल्डर्स द्वारा अवगत कराया गया कि प्राधिकरण द्वारा बिल्डर्स के विरुद्ध देयतओं के भुगतान न किये जाने के कारण उप पटटा प्रलेख के निष्पादन की कार्यवाही नहीं की जा रही है इस संदर्भ में बिल्डर्स द्वारा मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुसार एम0सी0एल0आर० की दरों के अनुसार उनकी देयताओं की गणना फ्लैटवार किये जाने का अनुरोध किया गया।
2. बिल्डर्स द्वारा अनुरोध किया गया कि समयवृद्धि शुल्क जितने क्षेत्रफल के सापेक्ष अधिभोग प्रमाण पत्र जारी हो चुका है उसको छोड़ते हुये अवशेष क्षेत्रफल पर समयवृद्धि शुल्क की गणना की जाये।
3. बिल्डर्स द्वारा अवगत कराया गया कि माननीय एन०जी0टी० द्वारा पारित आदेशों के क्रम में प्राधिकरण द्वारा मात्र 77 दिन की शून्य अवधि का लाभ प्रदान किया गया है जिसे दिनांक 28.10.2013 से 19.08.2015 तक की अवधि हेतु प्रदान किया जाये।
4. स्पोटर्स सिटी परियोजना के बिल्डर्स द्वारा अनुरोध किया गया कि प्राधिकरण द्वारा परियोजना के अंतर्गत अनुमन्य खेल सुविधाओं को यदि संबंधित आवंटियोंध्बिल्डर द्वारा पूर्ण करा लिया जाये तो उन्हें अधिभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाये।
5. बायर्स द्वारा मुख्य सचिव महोदय को अवगत कराया गया कि बिल्डर्स द्वारा प्राधिकरण की देयताओं का भुगतान न किये जाने के कारण उनके पक्ष में फ्लैटों का उप पटटा प्रलेख का निष्पादन प्राधिकरण द्वारा नहीं किया जा रहा है जबकि बायर्स द्वारा उनको आवंटित पूर्ण भुगतान कर दिया गया है। उनके द्वारा अनुरोध किया गया कि बायर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई नीति तैयार की जाये जिससे कि बायर्स अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके।
6. बायर्स द्वारा मुख्य सचिव महोदय को अवगत कराया गया कि बिल्डर द्वारा परियोजना का मैप स्वीकृत कराने के उपरांत परियोजना का एक बार मानचित्र स्वीकृत होने के उपरांत उसमें कोई बदलाव/परिवर्तन अनुमन्य न कराया जाये।
7. बायर्स द्वारा मुख्य सचिव महोदय से अनुरोध किया गया कि वर्ष 2016 से पूर्व की ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के आवंटी भी रेरा के अधिकार क्षेत्र में सम्मिलित किया जाये।

बायर्स द्वारा मुख्य सचिव महोदय को अवगत कराया गया कि बिल्डर्स द्वारा परियोजना का आंशिक अधिभोग प्रमाण पत्र तभी प्रदान किया जाये जब परियोजना की अन्य सुविधाएं जैसे क्लब, हाउस ग्रीन एरिया, बिजली एवं लिफ्ट आदि का कार्य पूर्ण कर लिया जाये।मुख्य सचिव द्वारा प्राधिकरण एवं बिल्डर्स बायर्स के हितों को संरक्षित करने के उददेश्य से निर्देश दिए की।


1. बायर्स की समस्या के समाधान हेतु एक फोरम गठित किया जाये जिसमें पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन एवं प्राधिकरण के अधिकारी सम्मिलित हो, जो बैठक कर बिल्डर/बायर की समस्याओं को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही करें।
2. जिन बिल्डर परियोजनाओं में प्राधिकरण द्वारा जमा धनराशि के सापेक्ष पटटा प्रलेख कराने की अनुमति प्रदान की गई है, उनमें परियोजनावार विशेष कैंप का आयोजन कर त्रिपक्षीय उप पटटा प्रलेख की कार्यवाही समयबद्ध तरीके से की जाये।
3. बिल्डर बायर्स की समस्याओं से सम्बन्धित ऐसे बिन्दु जिनका निस्तारण प्राधिकरण/शासन स्तर से किया जाना है को अलग से चिन्हित कर कार्यवाही की जाये।
मुख्य सचिव महोदय द्वारा उक्त बिन्दुओं के संबंध में प्राधिकरणों के स्तर पर समुचित विचार कर समस्याओं का समाधान कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।