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ड्रग्स, जहरीली शराब या कोई भी अवैध तथा अनैतिक गतिविधि राष्ट्रीय अपराध, इनके खिलाफ सरकार की नयी मुहिम में उ0प्र0 पुलिस बल को पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा।

पुलिस कार्मिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को बेहतर आधारभूत सुविधाओं के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों में 260 करोड़ रु0 से अधिक की लागत से निर्मित 144 आवासीय/अनावासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया।

राज्य सरकार शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के पुलिस बल को बेहतरीन, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बैरक और उनके लिए आवासीय सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सफल होगी, इसी का आज प्रथम चरण यहां सम्पन्न हो रहा है।

राज्य सरकार ने पुलिस के जवानों और अधिकारियों को बुनियादी सुविधाओं को देने का कार्य किया है। लगभग 6,000 करोड़ रु0 की परियोजनाओं को उ0प्र0 पुलिस बल और गृह विभाग के लिए स्वीकृत किया गया है।

प्रदेश निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में उभरा, जिस प्रदेश से पहले उद्यमी तथा व्यापारी पलायन कर रहे थे, उस उ0प्र0 में 04 लाख करोड़ रु0 से अधिक का निवेश होना एक गौरव की बात है।

विगत 05 वर्षाें में पुलिस व्यवस्था के क्षेत्र में किये गये कार्याें से आज उ0प्र0 की कानून-व्यवस्था देश के लिए नजीर बनी।

विगत 05 वर्षाें में पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से बिना भेदभाव 1.62 लाख से अधिक पदों की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को प्रदेश में सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया।

प्रदेश में पहली बार 18 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर साइबर लैब्स की स्थापना की गयी। एक सजग पुलिस बल के दम पर उ0प्र0 में आमूल-चूल परिवर्तन कर रहे।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफ0एस0एल0) की संख्या को 04 से बढ़ाकर 12 तक पहुंचाया, प्रदेश में विशेष सुरक्षा बल (एस0एस0एफ0) का गठन किया गया।

पुलिस की एक धमक जो अपराधी के मन में भय पैदा करे, लेकिन एक आम नागरि के मन में सम्मान का भाव पैदा करे, आज उ0प्र0 पुलिस उस दिशा में अग्रसर हुई है।

जब देश में रूल ऑफ लॉ की बात होती है, तो उ0प्र0 की कानून-व्यवस्था एक मॉडल के रूप में सामने आती है।

अपराध व अपराधियों के प्रति आप जितने सख्त हों, एक आमजन के प्रति उतने ही संवेदनशील भी दिखायी दें।

पुलिस कर्मियों की यूनीफॉर्म की सबसे बड़ी ताकत उनका अनुशासन तथा समयबद्धता है।

उ0प्र0 पुलिस को नशे के खिलाफ वृहद अभियान छेड़ते हुए नशे के कारोबारियों को कानून के शिकंजे में कैद करना होगा।

लखनऊ। विगत 05 वर्षाें में पुलिस व्यवस्था के क्षेत्र में किये गये कार्याें का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था देश के लिए नजीर बनी हुई है। विगत 05 वर्षाें में पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से बिना भेदभाव 1.62 लाख से अधिक पदों की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को प्रदेश में सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम प्रयास करेंगे तो सकारात्मक परिणाम भी हमारे पक्ष में आएगा। पुलिस बल को बेहतर आधारभूत सुविधाओं के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों में 260 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 144 आवासीय/अनावासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण करने के बाद इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भर्तियों के साथ ही पुलिस कार्मिकों के उचित प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण की क्षमता को बढ़ाया गया। समय के अनुरूप देश व दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल को स्थापित करने के लिए उसके आधुनिकीकरण की व्यवस्था बनायी गयी। प्रदेश में पहली बार 18 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर साइबर लैब्स की स्थापना की गयी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफ0एस0एल0) की संख्या को 04 से बढ़ाकर 12 तक पहुंचाया गया। प्रदेश में विशेष सुरक्षा बल (एस0एस0एफ0) का गठन किया गया है।


आज से 05 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश की छवि देश व दुनिया में बीमारू राज्य के रूप में थी। यहां पर विकास की कोई सोच नहीं थी। इसका कारण प्रदेश की बदतर कानून-व्यवस्था थी। उत्तर प्रदेश में कोई भी तबका अपने को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। हम उत्तर प्रदेश में आमूल-चूल परिवर्तन कर रहे हैं। यह एक सजग पुलिस बल के दम पर हुआ है। प्रदेश निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में उभरा है। जिस प्रदेश से पहले उद्यमी तथा व्यापारी पलायन कर रहे थे, उस उत्तर प्रदेश में 04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होना एक गौरव की बात है।धार्मिक स्थलों से बिना किसी विवाद के माइक का उतरना या सड़कों पर कोई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन न होना यह प्रदेश में सम्भव हुआ है। इससे प्रदेश की छवि बदली है। पुलिस की एक धमक जो अपराधी के मन में भय पैदा करे, लेकिन एक आम नागरिक के मन में सम्मान का भाव पैदा करे, आज उत्तर प्रदेश पुलिस उस दिशा में अग्रसर हुई है। इसी मार्ग पर आगे बढ़कर उसे अपनी मंजिल को प्राप्त करना है।


राज्य सरकार ने पुलिस के जवानों और अधिकारियों को बुनियादी सुविधाओं को देने का कार्य किया है। 19 मार्च, 2017 को शपथ ग्रहण के पश्चात उन्होंने सर्वप्रथम गृह विभाग का ही निरीक्षण किया था, जहां उन्हें दुर्व्यवस्था देखने को मिली थी। लखनऊ की रिजर्व पुलिस लाइन्स के औचक निरीक्षण में बैरकों की अव्यवस्था का संज्ञान लेते हुए लगभग 6,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश पुलिस बल और गृह विभाग के लिए स्वीकृत किया था। इनमें पुलिस लाइन्स की स्थापना, प्रत्येक जनपद में महिला व पुलिस कार्मिकों के लिए बैरक की स्थापना, अच्छी व पर्याप्त जगह की उपलब्धता, प्रत्येक थाने तथा पुलिस चौकियों में सुविधाओं की स्थापना के कार्य शामिल हैं।


पुलिस के जवानों को दिन में 08 घण्टे, 10 घण्टे, कभी-कभी 12-12 घण्टे तथा 24-24 घण्टे ड्यूटी करनी पड़ती है। जब कभी कानून-व्यवस्था की समस्या आती है, उस समय स्वयं वे भी पूरी टीम के साथ तब तक कार्य करते हैं, जब तक सफलता के किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाते हैं। प्रदेश की कानून-व्यवस्था के साथ किसी भी प्रकार का कोई खिलवाड़ स्वीकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन 08, 10, 12, 15, 20 घण्टे की ड्यूटी के बाद पुलिस कर्मियों को आराम करने के लिए सुरक्षित एवं साफ-सुथरा स्थान तथा अच्छा भोजन उपलब्ध कराना एक चुनौती थी। राज्य सरकार शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के पुलिस बल को बेहतरीन, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बैरक और उनके लिए आवासीय सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सफल होगी। इसी का आज प्रथम चरण यहां सम्पन्न हो रहा है।


जब देश में रूल ऑफ लॉ की बात होती है, तो उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था एक मॉडल के रूप में सामने आती है। हमने तकनीकी तथा आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया है, लेकिन आपकी मानवीय संवेदना गायब नहीं होनी चाहिए। प्रदेश की कानून-व्यवस्था के लिए तकनीकी महत्वपूर्ण है। लेकिन तकनीक में ही कैद होकर न रह जाएं, यह चुनौती हमारे सामने है।आज उन बातों को चिन्हित करने की आवश्यकता है, जिनके कारण कोई व्यक्ति पुलिस की शिकायत करता है अथवा पुलिस को प्रश्न के दायरे में खड़ा करता है। आज पुलिस बल में कार्मिकों व संसाधनों की कमी नहीं है। पुलिस बल की क्षमता व सुविधाएं बढ़ी हैं। देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी है कि अपनी परम्परागत छवि से हटें। थोड़े-थोड़े प्रयासों से बहुत कुछ हो सकता है। भारतीय पुलिस तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के रूप में नयी छवि स्थापित करने के लिए हमें नये प्रयास करने होंगे।


आम नागरिक के मन में विश्वास पैदा करने का कार्य संवाद व बातचीत के माध्यम से किया जा सकता है। व्यक्ति की शिकायत को सुनकर उसका मेरिट के आधार पर समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति जो प्रदेश का निवासी है अथवा यहां रह रहा है, उसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। हमारे माध्यम से सभी को सुरक्षित महसूस करने का पूरा अधिकार है। इस दृष्टि से अपने अच्छे व्यवहार के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के मन में पुलिस की अच्छी छवि प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। अपराध व अपराधियों के प्रति आप जितने सख्त हों, एक आमजन के प्रति उतने ही संवेदनशील भी दिखायी दें।विगत दिनों प्रदेश सरकार द्वारा अवैध टैक्सी स्टैण्ड तथा अवैध बस स्टैण्ड हटाये जाने के अभियान चलाये गये हैं। हमारी कार्यपद्धति किसी भी प्रकार की अवैध, अनैतिक गतिविधियों के लिए भय पैदा करने वाली होनी चाहिए। आज हमारे पास पर्याप्त पुलिस कार्मिक हैं, जिनके माध्यम से अलग-अलग समय पर, अलग-अलग स्थानों पर फुट पेट्रोलिंग कर सकते हैं। उन्होंने पी0आर0वी0-112 के बेहतर उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों की यूनीफॉर्म की सबसे बड़ी ताकत उनका अनुशासन तथा समयबद्धता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व परिवार सहित उनसे मिलने आये सेना के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे कहा कि अब प्रदेश में हमें भय नहीं लगता है। सी0बी0एस0ई0 की हाईस्कूल परीक्षा की टॉपर जनपद शामली की एक बेटी ने उनसे भेंट की थी। भेंट के बाद मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा बेटी से पूछा गया कि आपको शामली में डर तो नहीं लगता, जिसका जवाब देते हुए बिटिया ने कहा कि अब हमें कहीं डर नहीं लगता है। यह घटनाएं बताती हैं कि पुलिस ने कई मोर्चाें पर कार्य किया है। लेकिन अभी भी बहुत से कार्य किये जाने बाकी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान काल में युवा पीढ़ी के सामने नशे के रूप में एक बड़ी चुनौती है। नशे के कारोबारी युवा पीढ़ी के साथ खिलवाड़ करते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस को नशे के खिलाफ वृहद अभियान छेड़ते हुए नशे के कारोबारियों को कानून के शिकंजे में कैद करना होगा। ड्रग्स, जहरीली शराब या कोई भी अवैध तथा अनैतिक गतिविधि राष्ट्रीय अपराध है। इनके खिलाफ सरकार की नयी मुहिम प्रारम्भ हुई है। इस अभियान में उत्तर प्रदेश पुलिस बल को पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा। यह देश को बचाने की मुहिम है।


आज हमारी सबसे बड़ी ताकत देश का युवा है। इसकी सबसे बड़ी आबादी उत्तर प्रदेश में निवास करती है। हमारे पास देश का सबसे अच्छा व जुझारु युवा है। इस युवा पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ करने के लिए किसी भी माफिया और अपराधी को छूट नहीं देनी चाहिए। उन्हें विश्वास है कि उत्तर प्रदेश पुलिस प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने की मंशा के अनुरूप अपनी कार्यपद्धति को आगे बढ़ाएगी। पुलिस कार्मिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विगत साढ़े पांच वर्षाें में विश्व के सबसे बड़े पुलिस बल को बल प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का पहला चरण राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थापना है। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में अपराध एवं अपराधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति का डंका विश्व में बजा है।


पुलिस महानिदेशक देवेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुलिस विभाग के लिए सुविधाओं तथा विभाग को दिशा देने के लिए सतत मनन करते रहते हैं। उत्तर प्रदेश का पुलिस बल विश्व का सबसे बड़ा पुलिस बल है। मुख्यमंत्री जी के कार्यकाल में इस बल की संख्या में डेढ़ लाख से अधिक की वृद्धि हुई है। यह फोर्स जनता के लिए है। अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशान्त कुमार सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तथा जवान उपस्थित थे।ज्ञातव्य है कि पुलिस बल को बेहतर आधारभूत सुविधाओं के अन्तर्गत आज लोकार्पित किये जाने वाले भवनों में जनपद अमरोहा, अयोध्या, औरैया, अलीगढ़, आगरा, आजमगढ़, कानपुर नगर, कौशाम्बी, गाजीपुर, गोण्डा, गौतमबुद्धनगर, चन्दौली, जौनपुर, प्रयागराज, फिरोजाबाद, बरेली, बलरामपुर, बस्ती, बांदा, बागपत, बाराबंकी, मथुरा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, महोबा, मैनपुरी, रायबरेली, लखनऊ, ललितपुर, वाराणसी, संतरविदासनगर, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, हमीरपुर तथा हाथरस के हॉस्टल, बैरक, विवेचना कक्ष, प्रशासनिक भवन, थाना एवं पुलिस चौकियां शामिल हैं।

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