लोग पार्टी ने सोशल मीडिया पर फेक खबर की निंदा की

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एस एन सिंह

लखनऊ लोग पार्टी ने कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना द्वारा मीडिया के एक वर्ग द्वारा समाचारों को सांप्रदायिक रंग देने के प्रयासों पर व्यक्त की गई चिंता एक गंभीर मुद्दा है और मीडिया में बहाव को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। अदालत ने सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की जवाबदेही की कमी की ओर भी इशारा करते हुए कहा है कि वे न्यायाधीशों की शिकायतों का भी जवाब नहीं देते हैं। CJI ने कहा, “समस्या यह है कि इस देश में सब कुछ मीडिया के एक वर्ग द्वारा सांप्रदायिक कोण से दिखाया जाता है … देश को अंततः बदनाम किया जा रहा है।”

पार्टी के प्रवक्ता ने कहा सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म कई बार संस्थानों को कलंकित करते रहे हैं और वेब पोर्टल्स पर कोई नियंत्रण नहीं दिख रहा है। वे अपनी पसंद की कोई भी चीज़ प्रकाशित कर सकते हैं। अगर आप YouTube पर जाते हैं तो एक मिनट में इतना कुछ दिखाया जाता है। कितनी फर्जी खबरें और विकृतियां होती हैं!

पार्टी ने कहा कि कोई नियंत्रण नहीं है। कोई भी चैनल, कोई भी टीवी शुरू कर सकता है। पार्टी ने कहा कि प्लेटफॉर्म उनके द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले प्रश्नों का जवाब नहीं देते हैं। कोई जवाबदेही नहीं है। वे कभी जवाब नहीं देते। वे केवल शक्तिशाली लोगों को ही मानते हैं। वास्तव में, लोग समाचार को वैसे ही प्राप्त करना चाहते थे जैसे वह है। प्रेस की स्वतंत्रता और मिलावट रहित समाचार प्राप्त करने के नागरिकों के अधिकार में संतुलन होना चाहिए। पोर्टलों पर ‘रोपी गई कहानियां’ की भी समस्या है।