माधवबक्श सिंह ने स्वतंत्रता से पूर्व ही स्वतंत्रता का अहसास कराया-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने जनपद रायबरेली में अवध केसरी राना बेनी माधव बक्श सिंह की 218वीं जयन्ती के अवसर पर भाव समर्पण समारोह का शुभारम्भ किया,राना बेनी माधव बक्श सिंह की स्मृति में एक सभागार का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने राना बेनी माधव बक्श सिंह के जीवन तथा प्रदेश के विकास कार्यों पर आधारित सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया,परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार सिंह को सम्मानित किया। राना बेनी माधव बक्श सिंह ने स्वतंत्रता से पूर्व ही रायबरेली वासियों को स्वतंत्रता का अहसास कराया। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सुखद कार्य।

रायबरेली/लखनऊ। आज जनपद रायबरेली में अवध केसरी राना बेनी माधव बक्श सिंह की 218वीं जयन्ती के अवसर पर भाव समर्पण समारोह का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने राना बेनी माधव बक्श सिंह की स्मृति में एक सभागार का शिलान्यास किया।भाव समर्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय राना बेनी माधव बक्श सिंह ने लगभग डेढ़ वर्ष तक रायबरेली क्षेत्र को अंग्रेजों के चंगुल से आज़ाद रखा। उन्होंने स्वतंत्रता से पूर्व ही रायबरेलीवासियों को स्वतंत्रता का अहसास करा दिया था। देश के अलग-अलग भागों में हमेशा आजादी के लिए प्रयास होते रहे, लेकिन संगठित रूप से 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में देश की आजादी के लिए प्रयास किया गया।


उत्तर प्रदेश से ही आजादी की क्रांति की शुरुआत हुई थी। मेरठ में धनसिंह कोतवाल, अवध क्षेत्र में बेनी माधव बक्श सिंह तथा वीरा पासी, झांसी में रानी लक्ष्मीबाई, बिठूर में तात्या टोपे, गोरखपुर में चौरी-चौरा की घटना, लखनऊ में काकोरी ट्रेन एक्शन को अंजाम देने वाले पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, ठा0 रोशन सिंह, अशफ़ाक उल्ला खां, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी तथा बलिया के चित्तू पाण्डे इत्यादि का आजादी की लड़ाई में अमूल्य योगदान रहा है। अनेक अज्ञात देशभक्तों का भी आजादी दिलाने में प्रमुख योगदान रहा है। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सुखद कार्य है। देश ऐसे सभी बलिदानियों का ऋणी है।

प्रधानमंत्री ने आजादी के शताब्दी महोत्सव के लिए देशवासियों से कुछ संकल्पों के साथ जुड़ने की आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत की, हम सभी को मिलकर देश को सशक्त, सामर्थ्यवान और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा करना होगा। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ऐसे वीरों को ढूंढा जाए जिनके नाम कहीं खो गए, उनके नाम तथा उनके कार्य संकलित किये जाएं और स्थानीय स्तर पर लोक कथाओं, लोक गीतों, लोक परम्पराओं में शामिल। आजादी के परवानों की जानकारी लोगों के सामने लायी जाए,राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप सभी शिक्षण संस्थाओं को बच्चों एवं युवाओं को तैयार करना होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश आजादी के अमृत महोत्सव में सभी ज्ञात एवं अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान कर रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने आजादी के शताब्दी महोत्सव के लिए देशवासियों से कुछ संकल्पों के साथ जुड़ने की आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत की है। आजादी के शताब्दी महोत्सव में हम सभी को मिलकर देश को सशक्त, सामर्थ्यवान और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा करना होगा। देश गरीबी, विषमता, अव्यवस्था एवं अराजकता से पूर्णतः मुक्त हो और मानवता, शांति तथा सौहार्द से परिपूर्ण हो। इसके लिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि अपने-अपने कर्तव्यांे का पालन करते हुए सकारात्मक सोच के साथ देश के विकास में सहयोग करे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश की विकास यात्रा अनवरत चल रही है।


आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ऐसे वीरों को ढूंढा जाए जिनके नाम कहीं खो गए, उनके नाम तथा उनके कार्य को संकलित करना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप सभी शिक्षण संस्थाओं को बच्चों एवं युवाओं को तैयार करना होगा। उच्चस्तरीय शोध कार्याें को बढ़ावा देना होगा। स्थानीय स्तर पर लोक कथाआंे, लोक गीतों, लोक परम्पराओं में शामिल आजादी के परवानों की जानकारी लोगों के सामने लाने का कार्य करना होगा। अलग-अलग कालखंडों में बिंदुवार इन महापुरुषों के विवरण को खोजना एवं संकलित किया जाना चाहिए। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर बलिदानियों का सम्मान करना हम सभी का दायित्व है। पुरानी पांडुलिपियों का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है। आजादी की लड़ाई के दौरान हुए किसान आंदोलनों में शहीद हुए यहां के किसानों को भुलाया नहीं जा सकता है।


विगत 02 वर्षाें में वैश्विक महामारी कोरोना से पूरी दुनिया प्रभावित रही है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में बिना डिगे, बिना रुके, बिना झुके भारत की विकास यात्रा अनवरत रूप से आगे बढ़ती रही। इस अनवरत यात्रा में सरकार ने तकनीक के माध्यम से पूरी संवेदना के साथ लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। कोरोना कालखण्ड में प्रदेश सरकार ने ट्रेस, टेस्ट एवं ट्रीट की रणनीति से लोगों को दवा और इलाज की सुविधा पहुंचायी है। साथ ही, प्रत्येक गरीब को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य किया है।इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने देश के प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम के अमर नायक राना बेनी माधव बक्श सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात उन्होंने शहीद चौक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज के प्रांगण में राना बेनी माधव बक्श सिंह के जीवन तथा प्रदेश के विकास कार्यों पर आधारित सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राना बेनी माधव बक्श सिंह भारत माता के महान सपूत तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनका जीवन देश की स्वाधीनता के लिए समर्पित था। राना बेनी माधव बक्श सिंह ने देश की स्वाधीनता के लिए अपना सब कुछ न्योछावर किया था। इस अवसर पर संसदीय कार्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।मुख्यमंत्री ने परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार सिंह, पशु सेवा के लिए अर्पित यादव, प्रख्यात कवि अनूप अशेष, शमशेर सिंह आदि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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