आम के बागों में लगभग बौर निकल चुके

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लखनऊ – प्रभागीय वनाधिकारी अवध वन प्रभाग डा0 रवि कुमार सिंह ने बताया कि अवध वन प्रभाग, लखनऊ के सरोजनीनगर रेंज अन्तर्गत इक्सीलिया स्कूल ओमेक्स सिटी, रायबरेली रोड, शहीद पथ में प्रतिबन्धित प्रजाति के दो उल्लू पक्षी स्कूल परिसर में देखे जाने व वहां के गार्डो पर झपट्टा मारे जाने की सूचना वहां के एडमिन आफिसर अजय कुमार यादव द्वारा दी गयी थी, जिसके क्रम में क्षेत्रीय वन अधिकारी, सरोजनीनगर रेंज सी0एल0 गुप्ता को उल्लू पक्षियों को सुरक्षित रेस्क्यू किये जाने के निर्देश दिये गये। क्षेत्रीय वन अधिकारी, सरोजनीनगर रेंज सी0एल0 गुप्ता द्वारा आज उक्त स्कूल परिसर से दो अद्द उल्लू पक्षियों को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया गया तथा उन्हे प्राणि उद्यान, लखनऊ की सुपुर्दगी में दे दिया गया। रेस्क्यू किये गये उल्लू (इंडियन ईगल आउल) स्वस्थ है, जो वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1976 के अन्तर्गत अनुसूचीबद्ध हैं। उक्त रेस्क्यू टीम में क्षेत्रीय वन अधिकारी, सरोजनीनगर सी0एल0 गुप्ता एवं अभिषेक सिंह, उप क्षेत्रीय वन अधिकारी व श्री शंकर सिंह, वन दरोगा सम्मिलित रहे।

आम फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद के आम के बागों में लगभग बौर निकल चुके हैं। बागों में भुंगा/हापर का प्रकोप भी दिखाई दिया है। इस समय बागवान प्रथम छिड़काव कर चुके है।खर्रा एवं भुनगा की प्रारंभिक अवस्था के नियंत्रण के लिए दूसरा छिड़काव किया जाना आवश्यक है। अतः भुनगा, गुजिया मिज कीट एवं खर्रा रोग के नियंत्रण हेतु बागवान भाइयों को निम्नलिखित सलाह दी जाती है।

  1. प्रथम छिड़काव- इमिडाक्लोप्रिड 60मिली0 अथवा क्यूनालफास 400 मिली0 प्रति 200 ली0 पानी के साथ 400 ग्राम सल्फर कापे मिलाकर छिड़काव करें।
  2. द्वितीय छिड़काव-(फुल खिलने के पहले अथवा फल बैठपे के बाद), प्राफेनफास 200 मिली0 अथवा डाइमेथोएट अथवा थायोमेथक्जाम 40 ग्राम 200 ली0 पानी के साथ हेक्जाकोनाजाल 200 मिली0 मिलाकर छिड़काव करें।
  3. तृतीय छिड़काव-(फल बड़े होने पर आवश्यकतानुसार), कार्बरिल 800 ग्राम अथवा क्लोरोपाइरीफास 400 मिली0, 200 ली0 पानी के साथ 200 मिली0 डाइनोकैप को मिलाकर छिड़काव करें।