सफाई व्यवस्था में सुधार हेतु हेतु बनेगी नई व्यवस्था, महापौर ने पारदर्शिता और व्यवस्था सुधारने के दिये निर्देश, नगर आयुक्त संग महापौर ने बनवाई योजना।
लखनऊ शहर में आम जनमानस को बुनियादी नागरिक सुविधाएं जैसे स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण, नाले-नालियों की नियमित साफ-सफाई, समुचित मार्ग व्यवस्था, हरियाली एवं पार्का का विकास एवं अनुरक्षण, मार्ग प्रकाश, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था कराना नगर निगम लखनऊ के सर्वोच्च दायित्व है। इस हेतु महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त अजय द्विवेदी को आवास पर बुलाकर चर्चा की ओर व्यवस्था बनवाई।
महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा निरंतर किये जा सफाई व्यवस्था के निरीक्षण दौरान बड़ी संख्या में सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति और लगातार जनता से मिल रहीं शिकायतों के मद्देनजर सफाई व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त अजय द्विवेदी को आवास पर बुलाकर सफाई व्यवस्था में कार्यदायी संस्था को सीधे कार्य न देने एवं जेम पोर्टल से कार्यदायी संस्था के चयन की योजना बनाई। महापौर ने गुणवत्तापूर्ण कार्य लेने हेतु सुचारू नियम बनवाने के निर्देश दिए जिससे सफाई व्यवस्था में लापरवाही और कर्मचारी कम लगाने सम्बन्धी अनियमितताओ से मुक्ति मिल सके इसपर चर्चा करते हुए कहा कि नई व्यवस्था के अनुरूप निगम के सफाई कर्मचारियों को नियमित वेतन भी महीने की 05 तारिक तक उनके खाते में मिलेगा और कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआई भी नियमित हो जाएगा।
महापौर ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया की नगर निगम और शासन में जो एजेंसीज कभी भी ब्लैकलिस्ट हुई होंगी तो वह ग्लोबल टेंडर में पार्टिसिपेट नही कर पाएगीं, सिर्फ स्वच्छ और पारदर्शी कार्यदायी संस्थाओं को ही कार्य दिया जाएगा। ब्लैकलिस्ट संस्थाओं के इतर अन्य कोई भी प्रक्रिया में सम्मिलित हो सकेगा।इस दौरान महापौर ने कहा कि जो सफाई कर्मचारी निगम में कार्य कर रहे है उनको भी संस्था द्वारा समायोजित किया जाएगा जिससे किसी सफाई कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। साथ ही सभी कर्मचारियों का आधार सहित आई-कार्ड भी जारी किया जाए कि वह किस वार्ड, हदबंदी और कहाँ कार्य कर रहे जिसमे उनकी यूनिक आई-डी के साथ ही आधार नंबर और फोन नंबर आदि पड़ा होगा।
महापौर और नगर आयुक्त की चर्चा में आई नई व्यवस्था में के निम्न लाभ प्राप्त होंगे-
- सफाई व्यवस्था बेहतर होगी और संबंधित कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी तय होगी।
- सफाई कर्मचारियों की तनखाह समय पर उपलब्ध होगी और उनका पीएफ ईएसआई समय पर जमा हो सकेगा।
- सफाई कर्मचारियों को समय से वेतन न देने पर 18% ब्याज के साथ वेतन देना पड़ेगा।
- कार्यदायी संस्था किसी भी सफाई कर्मी को बिना नगर आयुक्त के अनुमोदन के नही हटा सकेगी।
- कार्यदायी संस्था के कार्य मे लापरवाही पाए जाने पर महापौर और नगर आयुक्त उसपर कार्यवाही करेंगे।
- सफाई व्यवस्था हेतु कार्यदायी संस्था द्वारा सफाई हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
लखनऊ महानगर प्रदेश की राजधानी होने के कारण शहर में सांस्कृतिक, धार्मिक एवं राजनैतिक विशेष कार्यक्रम निरन्तर आयोजित होते रहते है तथा साथ-ही-साथ अति विशिष्ट व्यक्तियों का आवागमन बना रहा है जिस कारण नगर निगम लखनऊ के दायित्वों में वृद्धि होना स्वाभाविक है।
महापौर ने कहा कि उपरोक्त दायित्वों का बेहतरी के साथ निर्वहन करने के उद्देश्य से ही अब सफाई कर्मियों व श्रमिकों को अब जेम पोर्टल के जरिये नियोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
चर्चा के दौरान बताया गया कि इस नियोजन प्रक्रिया के अंतर्गत सर्वप्रथम सफाई कार्य हेतु शहर को दो हिस्सो में (सिस गोमती व ट्रांस गोमती) विभाजित किया गया है। जिसमें जेम पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। आमंत्रित प्रस्ताव में लखनऊ की विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या को सम्मिलित करते हुए पब्लिक हैल्थ मैनुअल के मानक तथा अतिविशिष्ट आवश्यकताओं व अतिरिक्त दायित्वों को दृष्टिगत रखते हुए श्रमिक/मानव संसाधन प्राप्त किया जाएगा।प्रतियोगात्मक वातावरण बनाये रखने के उद्देश्य से शहर के एक हिस्से में नियोजित होने वाली संस्था को दूसरे हिस्से में कार्य प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। उद्यान, मार्ग प्रकाश, वाहन चालक इत्यादि श्रेणियों के लिए प्रथक प्रथक टेंडर जेम के माध्यम से किया जाएगा ।जेम पोर्टल के माध्यम से मानव संसाधन/सफाई कर्मी प्राप्त किए जाने से कार्यो को व्यवस्थित करने में आसानी होगी तथा सफाई व्यवस्था का बेहतर पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। प्रतियोगात्मक वातावरण होने से व्यय में कमी होने के साथ ही वित्तीय प्रबंधन भी कुशलतापूर्वक किया जा सकेगा।