प्रदेश में निर्यात क्षमता बढ़ाने की जरूरत-मुख्य सचिव

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प्रदेश में निर्यात क्षमता बढ़ाने की जरूरत-मुख्य सचिव
प्रदेश में निर्यात क्षमता बढ़ाने की जरूरत-मुख्य सचिव

कृषि एवं औद्यानिक फसलों में निर्यात की संभावनाओं के सम्बन्ध में बैठक संपन्न प्रदेश में निर्यात क्षमता को और बढ़ाने की जरूरत वर्ष 2024 में आम के निर्यात को 12 गुना तक बढ़ाने के लिये 15 दिन में प्रस्तुत करें रोडमैप प्रदेश में निर्यात क्षमता बढ़ाने की जरूरत-मुख्य सचिव

निष्पक्ष दस्तक ब्यूरो

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में कृषि एवं औद्यानिक फसलों में निर्यात की संभावनाओं के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के प्रति कृत संकल्पित है। उत्तर प्रदेश में निर्यात की असीम संभावनायें हैं। उत्तर प्रदेश में निर्यात क्षमता को और बढ़ाने की जरूरत है। निर्यात बढ़ने से किसानों की आय कई गुना बढ़ने के साथ ही प्रदेश की जी0डी0पी0 में भी वृद्धि होगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बढ़ाने में मदद मिलेगी।


     उन्होंने उद्यान विभाग को वर्ष 2024 में आम के निर्यात को 12 गुना तक बढ़ाने के लिये 15 दिन में रोडमैप तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस कार्य में आईसीएआर-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान का सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी से तैयारी करेंगे, तभी आम के निर्यात को बढ़ा सकते हैं, इसलिये रोड मैप को अगले 02 महीने के भीतर प्रदेश में अमल में लाना होगा। किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), व्यापारियों और निर्यातकों को गुणवत्ता वाले आम उत्पादन और विपणन में सहायता प्रदान की जाये। इसी प्रकार केला और अन्य फलों के उत्पादन और निर्यात करने लिये कार्ययोजना तैयार की जाये। मार्केटिंग नेटवर्क को और अधिक मजबूत बनाया जाये।


     उन्होंने कहा कि कृषि एवं उद्यान से सम्बन्धित सेक्टर के उद्यमियों को बढ़ावा दिया जाये। किसानों को कृषि की आधुनिकतम तकनीकी के बारे जानकारी दी जाये। कैमिकल एवं पेस्टीसाइड्स के स्थान पर जैविक खेती से गुणवत्तायुक्त उत्पादन पर बल दिया जाये। शेल्फ जीवन बढ़ाने तथा रोग व कीट प्रबंधन के लिये जैव-स्मार्ट प्रौद्योगिकी के प्रयोग सहित अन्य नवाचारों व तकनीकी को बढ़ावा दिया जाये। किस प्रकार से सभी मानकों को पूरा करते हुये निर्यात को बढ़ाया जा सकता है, इस पर मंथन किया जाये। इन्नोवा एग्री बायो पार्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ0 के0सी0 रवि ने प्रदेश में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की, इस पर मुख्य सचिव ने एकीकृत पैक हाउस, कोल्ड स्टोरेज के भीतर गामा विकिरण सुविधा, मेडिकल डिवाइस पार्क आदि में स्थापित करने का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिये कहा। प्रदेश सरकार की फूड प्रोसेसिंग व एक्सपोर्ट प्रमोशन की पॉलिसी काफी आकर्षक हैं। प्रदेश सरकार उन्हें राज्य में निवेश के लिये हर संभव सहायता उपलब्ध करायेगी। उन्होंने इन्वेस्ट यू0पी0 के अधिकारियों को इन्नोवा एग्री बायो पार्क लिमिटेड को प्रदेश की पॉलिसी के बारे में जानकारी देकर निवेश के लिये एम0ओ0यू0 साइन कराने के निर्देश दिये।


    उन्होंने कहा कि प्रदेश में कनेक्टिविटी के लिहाज से गत वर्षों में बड़ा सुधार हुआ है। निर्यात के लिये अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं और वाराणसी से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग के माध्यम से कार्गो जहाज का परिचालन शुरु हो चुका है। यहां की भूमि उपजाऊ और सिंचाई के लिये पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। इससे पूर्व, बैठक में आईसीएआर-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमान खेड़ा-लखनऊ के निदेशक डॉ0 टी0 दामोदरन तथा इन्नोवा एग्री बायो पार्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ0 के0सी0 रवि द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया, उन्होंने बैठक में किसान हितैषी अनुंसधानों के बारे में विस्तार से बताया। बैठक में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, सचिव कृषि राजशेखर, सीईओ इन्वेस्ट यूपी अभिषेक प्रकाश सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। प्रदेश में निर्यात क्षमता बढ़ाने की जरूरत-मुख्य सचिव