निषाद पार्टी दल नहीं दुकान है-लौटनराम निषाद

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फूलन देवी हत्याकांड की सीबीआई जांच सपा सरकार कैसे कराती?

संजय निषाद का रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ,निषाद पार्टी दल नहीं दुकान है।

लखनऊ। विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि संजय निषाद झूठी बयानबाजी कर भोले भाले निषाद समाज को गुमराह करने व चारा बनाने का काम कर रहे है।कहा कि निषाद पार्टी कोई पार्टी नहीं,संजय एण्ड फैमिली की दुकान व लूट टीम है।निषाद पार्टी व संजय निषाद का रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ है।संजय निषाद कसरवल में अखिलेश निषाद की हत्या के दोषी हैं,जिससे बचने के लिए वे भाजपा के हाथ की कठपुतली बने हुए हैं।

उन्होंने कहा कि फूलन देवी हत्याकांड की सीबीआई जाँच के नाम पर गलत बयानबाजी कर समाज को गुमराह कर रहे हैं।कहा कि सम्बद्ध राज्य सरकार सीबीसीआईडी जाँच कराती है,सीबीआई जाँच के लिए केन्द्र सरकार से सिफारिश करती है।जब 25 जुलाई,2001 को दिल्ली में फूलन देवी की हत्या की गई,उस समय केन्द्र में भाजपा की सरकार थी व दिल्ली केन्द्र शाषित राज्य है,जिसकी मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थीं,जिन्हें सीबीआई जाँच की सिफारिश का अधिकार नहीं था।कहा कि उस समय भाजपा सरकार(अटलबिहारी वाजपेयी) ने एक सांसद की हत्या की सीबीआई जाँच क्यों नहीं कराये?उन्होंने संजय निषाद के बयान को बेसिरपैर का बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष की पार्टी सपा किस नियम व कायदे कानून से फूलन देवी हत्याकांड की सीबीआई जाँच कराती।


निषाद ने कहा कि संजय निषाद खुद नहीं चाहते कि आरक्षण की समस्या का समाधान हो।आरक्षण के मुद्दे पर सिर्फ समाज को लॉलीपॉप दिखाकर राजनीतिक रोटी सेकने का काम करते हैं।वीआईपी पार्टी का स्पष्ट नजरिया है-आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं।अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का आरक्षण केन्द्र सरकार दे सकती है।केन्द्र में भाजपा की सरकार है।यूपी चुनाव से पूर्व भाजपा सरकार यूपी, बिहार,झारखंड की निषाद जातियों को दिल्ली,ओडिशा, पश्चिम बंगाल की तरह एससी आरक्षण का राजपत्र व शासनादेश जारी करा दे तो बिना सीट के वीआईपी भाजपा की मदद करेगी।

वीआईपी का उद्देश्य निषाद समाज आरक्षण दिलाना है।संजय निषाद पूरक इंटर पास इलेक्ट्रो होमियोपैथी डिप्लोमा धारी हैं जो आईएमए से मान्यता प्राप्त नहीं है।अपने को दून कॉलेज, कैम्ब्रिज कॉलेज से पढ़ा व स्वीडेन से मेडिकल मस पीएचडी व और मेडिकल कॉलेज का डायरेक्टर बताकर संजय निषाद ने समाज को खूब बेवकूफ बनाया।इनका गुरू आनन्द निषाद अपने 1974 बैच का आईएएस व डीएम की नौकरी समाज के लिए छोड़ने वाला बताकर भोले भाले समाज की भावनाओं से खिलवाड़ किया।जबकि यह बेगूसराई भोपाल में बिजली विभाग में संविदा पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था।


निषाद ने कहा कि 7 जून 2015 को कसरवल में आयोजित निषाद आरक्षण आंदोलन में इटावा के जिस अखिलेश निषाद की गोली लगने से मौत हुई,उसके दोषी संजय हैं।चर्चा में आने के लिए संजय 10 निषादों को मरवाने की योजना तैयार किया था।अखिलेश निषाद के परिवार की मदद व स्मारक बनवाने के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठा कर अपने पास रख लिया,पर को एक पैसा भी नहीं दिया।यही नहीं, आज़मगढ़ में 18 फरवरी,2016 को निषाद समाज द्वारा अखिलेश निषाद के पिता आत्माराम निषाद जी को सिक्के से तौला गया।

संजय ने उस सिक्के को यह कहकर कि इसे कैसे ले जाएंगे,हमारी गाड़ी में रखवा दीजिये,गोरखपुर जाकर इनके बराबर रुपये आपके खाते में जमा करा दूँगा।आरक्षण आंदोलन में शहीद युवक के पिता के सम्मान की निधि को लेने वाला व्यक्ति नेता नहीं कफनचोर ही होगा।उन्होंने कि फूलन देवी हत्या का आरोपी शेरसिंह राणा हत्या को स्वीकार कर लिया।तिहाड़ जेल में बंद था।2014 में भाजपा सरकार बनी।राजनाथ सिंह मोदी-1 सरकार में गृहमंत्री बने।2014 में शेरसिंह राणा पेरोल पर छूटा जो आजतक बाहर घूम रहा है,वापस जेल नहीं गया,आखिर क्यों व किस आधार पर?उन्होंने फूलन देवी हत्याकांड व अखिलेश निषाद की गोली लगने से मौत की सीबीआई जांच की मांग किया है।