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श्रीनगर –  जम्मू-कश्मीर में करीबन डेढ़ साल बाद इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो जाएंगी। बता दें कि, सरकार द्वारा आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से बढ़ते तनाव को कम करने के लिए जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं 5 अगस्त 2019 से बंद कर दी गई थी। हालांकि, 2जी इंटरनेट सेवा को 25 जनवरी 2020 को बहाल किया गया था।

जम्मू कश्मीर में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवा पर लगी रोक हटा दी गई है। पूरे जम्मू कश्मीर में शुक्रवार शाम को 4G मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है। यह जानकारी जम्मू कश्मीर के प्रिंसिपल सचिव रोहित कंसाल ने दी। जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया गया था, तभी से राज्य में  4G मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध था। बताया जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला छात्रों की पढ़ाई के मद्देनजर लिया गया है। 

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के साथ ही प्रदेश में बंद की गई मोबाइल 4जी इंटरनेट सेवा डेढ़ साल बाद बहाल हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने शुक्रवार को हाई स्पीड इंटरनेट पर लगी पाबंदियां हटाने के आदेश जारी कर दिए।केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 हटाया था। तभी से राज्य में इंटरनेट, मोबाइल सेवा और सोशल मीडिया पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, बाद में सीमित स्पीड के साथ 2जी सेवाएं शुरू कर दी गईं। 4 मार्च से सोशल मीडिया भी शुरू कर दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
जम्मू कश्मीर में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोरोना काल में देश के सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं। वहीं, सिर्फ 2G नेटवर्क के चलते राज्य में बच्चे इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 4G इंटरनेट खोलने की मांग की गई थी।

फारूख अब्दुल्ला ने की थी अपील 
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से जम्मू कश्मीर में 4जी सेवा बहाल करने के लिए अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि पीएम मोदी देश में फाइव जी इंटरनेट की बात कर रहे हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगों को 4जी सेवा ही उपलब्ध नहीं करवा पा रहे।