एक यूनिट खून से तीन व्यक्तियों की बचाई जा सकती है जान

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एक यूनिट खून से तीन व्यक्तियों की बचाई जा सकती है जान
एक यूनिट खून से तीन व्यक्तियों की बचाई जा सकती है जान

रक्तदान पर बच्चों की प्रस्तुति ने सबका मन मोहा। एसजीपीजीआई में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम। निदेशक डॉ धीमान बोले- एक यूनिट खून से तीन व्यक्तियों की बचाई जा सकती है जान। एक यूनिट खून से तीन व्यक्तियों की बचाई जा सकती है जान

लखनऊ। एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने कहा कि एक यूनिट खून से तीन व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है। रक्त के अलावा प्लाज्मा और प्लेटलेट को भी विशिष्ट प्रक्रिया द्वारा अलग करके मरीजों की जान बचाने में उपयोग किया जाता है। प्रोफेसर धीमान शुक्रवार को संस्थान के ट्रांसफ्यूज़न मेडिसिन तथा डायटेटिक्स विभाग द्वारा आयोजित रक्तदान सम्बन्धी जनजागरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। इस मौके पर बच्चों ने रक्तदान के महत्व पर अच्छी नाट्य प्रस्तुति दी जिसे लोगों ने खूब सराहा।

डॉ. धीमान ने बताया कि रक्तदान पूर्णतया सुरक्षित है तथा हर स्वस्थ पुरुष तीन महीने में एक बार तथा हर महिला चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती है। डायटेटिक्स विभाग की डायटीशियन प्रीति यादव ने बताया कि हीमोग्लोबिन लेवल कम से कम 12.5 ग्राम होना चाहिए। उन्होंने बताया कि लोहे के बर्तन में खाना बनाने से प्रचुर मात्रा में आयरन मिलता है। न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ राजकुमार ने ट्रामा मरीजों में त्वरित रक्तदान के महत्व को बताया। इस मौके पर ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ प्रीती ऐलहेन्स और डायटीशियन मोनिका दीक्षित ने भी रक्तदान के महत्व को बताया। एक यूनिट खून से तीन व्यक्तियों की बचाई जा सकती है जान