प्रधानमंत्री ने वाराणसी से मऊ़-दोहरीघाट मेमू ट्रेन को दिखायी हरी झण्डी

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प्रधानमंत्री ने वाराणसी से मऊ़-दोहरीघाट मेमू ट्रेन को दिखायी हरी झण्डी
प्रधानमंत्री ने वाराणसी से मऊ़-दोहरीघाट मेमू ट्रेन को दिखायी हरी झण्डी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से मऊ़-दोहरीघाट मेमू ट्रेन को दिखायी हरी झण्डी। नगर विकास ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा दोहरीघाट रेलवे स्टेशन से मऊ-दोहरीघाट ट्रेन को संचालित कराया। मऊ मुख्यालय से सबसे दूर का इलाका दोहरीघाट रेल नेटवर्क से जुड़ा। दोहरीघाट, बड़हलगंज, हाटा, गोला गगहा, कोपा, मोरादपुर के लोगों को होगी सुविधा। 300 करोड़ रूपये की लागत से मऊ-दोहरीघाट रेल ट्रैक का हुआ नवीनीकरण। दोहरीघाट की दाल व गुलाब जामुन, बड़हलगंज का बबुआ और वस्त्र, कोपा की गुड़ की भेली को दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता पहुंचना अब दूर नहीं। रेल की पटरी और सड़क अच्छी होने से विकास की एक्सप्रेस तेज दौड़ती है। पूर्वांचल के पिछड़ेपन को दूर करने की चिन्ता मोदी जी को वर्षों से है। – ए0के0 शर्मा प्रधानमंत्री ने वाराणसी से मऊ़-दोहरीघाट मेमू ट्रेन को दिखायी हरी झण्डी

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने सोमवार को वाराणसी से मऊ-दोहरीघाट मेमू ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा जी दोहरीघाट रेलवे स्टेशन पर विशाल जनसैलाब, जन-प्रतिनिधियों व पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ उपस्थित रहकर ट्रेन का सकुशल संचालन कराया। 40 किमी0 लम्बे इस छोटी लाइन के रेल ट्रैक का निर्माण वर्ष 2016 से हो रहा था और 300 करोड़ रूपये की लागत से नवीनीकरण कर इसको ब्राडगेज में परिवर्तित किया गया। ट्रेन के संचालन से दोहरीघाट रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमूह में भारी हर्षोल्लास था और जनता-जनार्दन ने मोदी-योगी के जयकारे लगाते हुए नई ट्रेन का अभिवादन किया। ए0के0 शर्मा ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी वर्ष 2016-17 से इस छोटी लाइन का नवीनीकरण कराने के लिए चिन्तित रहे हैं। 40 किमी0 लम्बा यह रेल नेटवर्क 300 करोड़ रूपये की लागत से परिवर्तित होकर अब ब्राडगेज बन गया है। इससे दोहरीघाट के साथ ही बड़हलगंज, गोला गगहा, हाटा, कोपा, घोसी, मोरादपुर, बलिया व गोरखपुर के कुछ क्षेत्रों के लोगों को यात्रा में आसानी होगी और वे बड़ी सरलता से अपने कार्यों को कर सकेंगे।


इस रेल नेटवर्क के संचालित होने से मऊ मुख्यालय से सबसे दूर का इलाका दोहरीघाट फिर से रेल नेटवर्क से जुड़ गया है। अब दोहरीघाट की दाल व गुलाब जामुन, बड़हलगंज का बबुआ और यहां का वस्त्र, कोपा का गुड़ की भेली को दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता जाने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि 30-40 वर्ष पहले इस छोटी लाइन पर कोयले के इंजन से चलने वाली छुकछुक गाड़ी चलती थी। बाद में उसे डीजल से भी चलाया गया लेकिन ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी। इस क्षेत्र के लोगों को मऊ- दोहरीघाट ट्रेन संचालन के बन्द होने से भारी मायूसी थी और इसको फिर से शुरू होने की उम्मीद लगाये हुए आशा भरी नजरों से देख रहे थे।


मऊ सहित पूरे पूर्वांचल का विकास करने की चिन्ता माननीय प्रधानमंत्री जी को है। वर्ष 2014 व 2019 में पूर्वांचल में चुनाव प्रचार के दौरान पूर्वांचल के लिए अपनी चिन्ता व्यक्त भी की थी। उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता की सड़कें और रेल नेटवर्क अच्छा होने से विकास एक्सप्रेस को गति मिलती है। पूर्वांचल के विकास की गति बढ़ाने के लिए यहां के ट्रांसपोर्ट को बेहतर किया जा रहा है। इससे इस क्षेत्र के लोगों को अपने इरादों के अनुरूप विकास करने में सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि विगत 22 नवम्बर को मऊ से मुम्बई के लिए नई ट्रेन का माननीय रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव जी ने हरी झंडी दिखाकर शुभारम्भ किया था, जिसका 16 दिसम्बर से मऊ से नियमित संचालन भी शुरू हो गया है। मऊ को रेल नेटवर्क से देश के कोने-कोने से जोड़ने का प्रयास जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने वाराणसी से मऊ़-दोहरीघाट मेमू ट्रेन को दिखायी हरी झण्डी