2024 तक सबको उपलब्ध होगा शुद्ध पेयजल

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30 हजार गांवों के हर घर तक पहुचेगा शुद्ध पेयजल,2024 तक सबको उपलब्ध होगा शुद्ध पेयजल।बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी गांवों को शुद्ध पेयजल से आच्छादित करने का काम जारी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी गांवों को शुद्ध पाइप पेयजल से जोड़ने के लिए योजनाएं स्वीकृत कर शुरु कर दी गई हैं। इससे वर्ष 2024 तक 30 हजार गांवों में हर घर शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा।

निर्माण के बाद अगले 10 वर्षों तक इन योजनाओं का रखरखाव भी कार्यदायी संस्था की ओर से किया जाएगा। जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल योजना से हर घर जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी गांवों को शुद्ध पाइप पेयजल से आच्छादित करने के लिए योजनाएं स्वीकृत कर कार्य शुरू कर दिया गया है।

सरकार ने जल जीवन मिशन या हर घर जल योजना का एलान 2020-21 के बजट में किया था।इसका मकसद देश के सभी घरों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है। यह लक्ष्‍य पूरा करने के लिए 2024 तक का समय तय किया गया है।

प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जेई/एईएस से प्रभावित बस्तियां हैं, आकांक्षात्मक जनपद हैं, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम हैं और अन्य छूटे हुए ग्रामों में भी पाइप पेयजल योजना शुरू करने के लिए पूरे प्रदेश के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बिड के माध्यम से सक्षम कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर लिया गया है और लगभग 30 हजार ग्रामों को पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने की कार्यवाही शुरू हो गई है।

14 जिलों में लग रहे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आरओ :-
मुख्यमंत्री आरओ पेयजल योजना के तहत बस्ती और गोरखपुर मण्डल जापानी इन्सेफेलाइटिस/एक्यूट इन्सेफेलाइटिस से प्रभावित सात जिलों और बुन्देलखण्ड के क्षेत्र के सात जिलों कुल 14 जिलों के 28 हजार से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 25-25 लीटर क्षमता के ‘अल्ट्रा फिल्ट्रेशन तकनीकी पर आधारित जल शोधन संयन्त्रों का अधिष्ठापन किया जा रहा है।

चार चरणों में शुरू हुआ काम :-
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में इस योजना को चार चरणों में पूरा किया जाना है। पहला चरण बुंदेलखंड में, दूसरा विंध्याचल, तीसरा इंसेफेलाइटिस, जापानी बुखार से पीड़ित क्षेत्र और चौथा फ्लोराइड और आर्सेनिक ग्रसित गंगा तटीय क्षेत्र में किया जाना है। सरकार बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर और महोबा में करीब 2185 करोड़ की लागत से 12 परियोजनाओं पर काम कर रही है। जून में शुरू हुई योजना के जरिए सरकार बुंदेलखंड में ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 67 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। इसके अलावा नदियों और डैमों के पानी को स्‍वच्‍छ करने पर भी काम हो रहा है। झांसी में 1627.94 करोड़ की लागत वाली 10 योजनाएं वाटर पर आधारित होंगी। ललितपुर में 1623.47 करोड़ की लागत वाली 16 सरफेस वाटर रिसोर्स और 12 भूजल (ग्राउंड वाटर) आधारित पाइप पेयजल योजनाएं होंगी। वहीं महोबा में 1219.74 करोड़ की लागत से 364 गांवों तक पानी पहुंचाया जाएगा।

सोनभद्र और मीरजापुर में खत्म होगी शुद्ध पेयजल की किल्लत :
विंध्‍य क्षेत्र के सोनभद्र और मीरजापुर में नवंबर में शुरू हुई योजना पर काम शुरू हो गया है। इसके जरिये योगी सरकार 41 लाख से ज्‍यादा ग्रामीणों तक स्‍वच्‍छ जल पहुंचाने के लिए युद्ध स्‍तर पर जुट गई है। योगी सरकार मीरजापुर के 1606 गांवों में पाइप के जरिये पेयजल सप्‍लाई शुरू करेगी। इससे केवल मीरजापुर के 2187980 ग्रामीणों और सोनभद्र के 1389 गांवों के 1953458 परिवार पेयजल सप्‍लाई योजना से जुड़ गए हैं। सोनभद्र में झील और नदियों के पानी को शुद्ध करके पीने के लिए सप्‍लाई किया जाएगा। मीरजापुर में बांध पर एकत्र किए गए पानी को शुद्ध करके पीने योग्‍य बनाकर सप्‍लाई किया जाएगा। मीरजापुर और सोनभद्र के लाखों परिवारों को राहत देने वाली इस योजना का वर्चुअल शिलान्‍यास नवंबर में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

नोट – राज्यपाल के अभिभाषण से