राजस्थान विधानसभा बना जंग का अखाड़ा

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कांग्रेस और भाजपा के असंतुष्ट विधायकों ने राजस्थान विधानसभा को बनाया जंग का अखाड़ा।भाजपा के 20 विधायकों के चिट्ठी बम के बाद अब कांग्रेस के 50 विधायकों का माइक धमाका।सीपी जोशी विधानसभा के अध्यक्ष पद से हटने को तैयार।

एस0 पी0 मित्तल

राजस्थान। भाजपा के 20 विधायकों के चिठ्ठी बम की गूंज अभी कम भी नहीं हुई थी कि कांग्रेस के 50 विधायकों का माइक धमाका हो गया। ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों ही पार्टियों के असंतुष्ट विधायकों ने राजस्थान विधानसभा को जंग का अखाड़ा बना लिया है। पहले भाजपा के 20 विधायकों ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि विधायक दल के नेता गुलाबचंद कटारिया उन्हें जनहित के मुद्दे पर विधानसभा में उठाने का मौका नहीं देते हैं।

अब कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक और पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने आरोप लगाया कि एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े कांग्रेस के पचास विधायकों के साथ विधानसभा में भेदभाव हो रहा है। मीणा ने विधानसभा में कहा कि ऐसे विधायकों की टेबल पर माइक तक नहीं है, जिसके कारण उन्हें अपनी बात रखने में परेशानी होती है। मीणा ने सवाल उठाया कि ऐसा भेदभाव पिछड़े वर्ग के विधायकों के साथ ही क्यों होता है?

यानि भाजपा के 71 में से 20 विधायक असंतुष्ट हैं तो कांग्रेस के 100 में से 50 विधायक भेदभाव के शिकार हो रहे हैं। सब जानते हैं कि राजस्थान में दोनों ही प्रमुख पार्टियों में असंतुष्ट गतिविधियां चल रही है। भाजपा में असंतुष्ट विधायकों की नेता पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को माना जाता है तो कांग्रेस में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को। जिन रमेश मीणा ने 50 विधायकों का मुद्दा उठाया वो पायलट के समर्थक हैं। गत वर्ष जुलाई में पायलट के साथ दिल्ली जाने के कारण ही रमेश मीणा का मंत्री पद छीन गया था, लेकिन मीणा आज भी मजबूती के साथ पायलट के साथ खड़े हैं।

यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि पूर्व में जब पायलट की सीट बदली गई, तब पायलट ने भी विधानसभा में नाराजगी जताई थी। हो सकता है कि अब पायलट से माइक भी छीन लिया गया हो। विधानसभा में भाजपा खास कर सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों की असंतुष्ट गतिविधियों को देखते हुए अध्यक्ष सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष पद से हटने को तैयार है। जोशी ने कहा कि कांग्रेस का कौन विधायक कहां बैठेगा, यह निर्णय संसदीय मंत्री करते हैं।

जहां तक टेबल पर माइक उपलब्ध नहीं होने की बात है तो कोविड-19 के तहत बैठने की व्यवस्था की गई है। जोशी ने कहा कि आप सभी ने मुझे अध्यक्ष के पद पर बैठाया है। आप लोग हटाना चाहें तो मुझे खुशी होगी। जोशी ने कहा कि विधानसभा अब शिकायत निवारण केन्द्र बनता जा रहा है। यहां कानूनों पर चर्चा कम होती जा रही है। मैं स्पीकर एक्टिविटी में भरोसा करता हंू। साइलेंट स्पीकर की भूमिका में विश्वास नहीं करता। कोई विधायक अध्यक्ष को डिटॉक्स करे तो यह मुझे बर्दाश्त नहीं होगा। सदन की गरिमा गिरती है तो जनता का विश्वास खत्म हो जाएगा। आप चाहे तो मुझे हटा दे, मुझे खुशी होगी।