श्रीरामलला हुए ‘विराजमान’

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श्रीरामलला हुए 'विराजमान'
श्रीरामलला हुए 'विराजमान'

—– रामोत्सव 2024 —–

श्रीरामलला हुए ‘विराजमान’। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व पूरे विधि विधान से श्री विग्रह को निर्धारित स्थान पर किया गया विराजमान। श्रीमुख को छोड़कर हटाए गए सभी कवर, 22 को होगा पूर्ण अनावरण। श्रीरामलला हुए ‘विराजमान’

अयोध्या। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व गुरुवार शाम पूरे विधि विधान से श्रीरामलाला के विग्रह को नव निर्मित भव्य मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान कर दिया गया। श्रीरामलला को विराजमान करने से पूर्व विभिन्न संस्कार और पूजन किए गए। प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष रूप से काशी से आए पुरोहितों ने कार्यक्रम को सफलता से संपन्न कराया। अब 22 जनवरी पीएम मोदी और सीएम योगी की मौजूदगी में विभिन्न अनुस्थानों के बीच प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को आएंगे रामनगरी। हनुमानगढ़ी के करेंगे दर्शन-पूजन, टेंट सिटी का करेंगे निरीक्षण। प्राण-प्रतिष्ठा के मद्देनजर फाइनल तैयारियों की करेंगे समीक्षा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को रामनगरी आएंगे। इस वर्ष मुख्यमंत्री का यह तीसरा दौरा होगा। मुख्यमंत्री हनुमानगढ़ी के दर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा आयोजन की फाइनल तैयारियों के संदर्भ में बैठक लेंगे। मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को सुबह 11 बजे अयोध्या धाम आएंगे। तत्पश्चात हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद टेंट सिटी का निरीक्षण करेंगे। दोपहर दो बजे से अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय में 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा करेंगे।

अनुष्ठान के बीच संपन्न हुआ कार्यक्रम

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े सदस्य के अनुसार बुधवार को श्रीरामलला के दिव्य विग्रह को नव्य मंदिर में लाया गया था। विग्रह को पूरी तरह ढक कर रखा गया है। गुरुवार को पूरे दिन गर्भ गृह में कई तरह के अनुष्ठान संपन्न किए जाने के बाद भगवान के बाल स्वरूप को उनके नियत स्थान पर विराजमान किया गया है। अभी उनके श्री मुख को छोड़कर बाकी जगह से कवर हटा दिया गया है। विग्रह का पूर्ण अनावरण प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर ही किए जाने की संभावना है। इस सुअवसर पर दोनों पुरोहितों के साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं ट्रस्ट से जुड़े अन्य लोग उपस्थित रहे। श्रीरामलला हुए ‘विराजमान’