बाहुबली मुख्तार अंसारी मामले में यूपी सरकार को सुप्रीम नोटिस

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बाहुबली मुख्तार अंसारी मामले में यूपी सरकार को सुप्रीम नोटिस
बाहुबली मुख्तार अंसारी मामले में यूपी सरकार को सुप्रीम नोटिस

बाहुबली मुख्तार अंसारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जारी किया नोटिस. बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली सात साल की सजा को रद्द करने की मांग की है.

बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली सात साल की सजा को रद्द करने की मांग की है. मुख्तार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दी है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. ये मामला साल 2003 में लखनऊ जेल के जेलर को धमकाने और हत्या का प्रयास करने से जुड़ा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में सात साल की सजा सुनाई है, जिसे मुख्तार ने चुनौती दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अब यूपी सरकार को नोटिस भेजा और चार हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक साल पहले इस मामले में दोषी ठहराते हुए तीन अलग-अलग धाराओं में सात साल की सजा सुनाई थी.

आइये जानते हैं क्या है आखिरकार पूरा मामला- दरअसल साल 2003 में तत्कालीन जेल एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग मुख्तार अंसारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने जब मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश दिया था तो अंसारी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. इस दौरान मुख्तार ने उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और गाली गलौज करते हुए पिस्तौल तान दी थी.

हाईकोर्ट से मिली सजा को चुनौती- इस मामले में मुख्तार को ट्रायल कोर्ट से बरी कर दिया गया था, जिसके बाद सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले साल सितंबर 2022 मुख्तार को सात साल की सजा सुनाई थी.

बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी- आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी इन दिनों यूपी की बांदा जेल में बंद हैं. जहां उसकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. वहीं मुख्तार कई बार जेल में अपनी जान को खतरा होने की बात भी कह चुका है. मुख्तार से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान सुरक्षा को देखते हुए अक्सर उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी होती है.